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दोस्ती में मिला ऐसा धोखा कि बर्बाद हो गया व्यापारी, बैंक अकाउंट की जानकारी देना पड़ा महंगा - Cyber Fraud

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 7, 2024, 8:57 PM IST

जोधपुर मे एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें एक दोस्त ने दूसरे दोस्त का फायदा उठाकर उसे दगा दे दिया. मदद के नाम पर दोस्त का खाता नंबर लेकर उसमें ठगी के करीब 42 लाख रुपए जमा करवाए और फिर उसे नकद निकलवा लिए.

दोस्त ने किया बैंक खाते के मिसयूज
दोस्त ने किया बैंक खाते के मिसयूज (ETV Bharat GFX)
दोस्त ने किया बैंक खाते के मिसयूज. (ETV Bharat GFX)

जोधपुर : जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें दोस्ती में एक युवक को चपत लग गई. बदमाश ने युवक के मित्र के जरिए उसे बातों में लेकर उसकी फर्म के करंट अकाउंट का इस्तेमाल किया. फ्रॉड की राशि उसके खाते में जमा करवाई और फिर नकद निकाल लिए. अब मदद करने वाला दोस्त ही संकट में हैं. उसका करंट एकाउंट आज लाखों रुपए माइनस में चला गया. बैंक ने खाते पर होल्ड भी लगा दिया है. व्यवसाय भी प्रभावित हो रहा है.

साइबर मामलों के जानकार जोधपुर साइबर क्राइम थाने के पुलिस निरीक्षक दिनेश डांगी का कहना है कि लोग छोटे-मोटे कमीशन के लालच में अपने खातों की जानकारी दे देते हैं, जिसका नतीजा उन्हें भुगतना पड़ता है. इसलिए अपने खातों का विवरण किसी को भी ना दें. फ्रॉडस्टर रुपए के ट्रांजेक्शन घुमाने के लिए ऐसे खातों का उपयोग करते हैं. लोगों को खुद इसके लिए जागरूक होना पड़ेगा. तभी ऐसी घटनाएं रुकेंगी.

इसे भी पढ़ें- ठगी का ये तरीका जानकार हैरान हो जाएंगे आप, महिला को गर्भवती करने का ऑफर और फिर आपका अकाउंट खाली - New way of cheating

स्टेशनरी फर्म के एकाउंट दिए : महामंदिर थाने के एएसआई भौराराम ने बताया कि जोधपुर के महामंदिर थाना क्षेत्र में स्टेशनरी का व्यवसाय करने वाले रुद्र सिंह ने थाने में रिपोर्ट दी है, जिसमें बताया कि उसका स्टेशनरी का काम है. वह एअरफोर्स में सप्लाई करता है. वहां काम करने वाले चिमन सिंह से उसकी अच्छी जान पहचान हो गई. जून माह में चिमन सिंह अपने दोस्त उमेद सिंह के साथ उसकी दुकान पर मिला. उमेद सिंह ने कहा कि उसका भुगतान आने वाला है. इसके लिए करंट एकाउंट की जरूरत है. 'मेरा अमाउंट आने पर आपके जो भी बैंक चार्जेज लगेंगे वह हम आपको दे देंगे. रुद्र सिंह ने बताया कि चिमन सिंह से लंबे समय से जान पहचान थी. इसलिए उसने विश्वास कर दो एकाउंट डिटेल उसे दे दी'.

42 लाख के ट्रांजेक्शन हुए : उन्होंने बताया कि करंट एकाउंट में 12 से 14 जून के बीच ही 42 लाख 57 हजार 518 रुपए के ट्रांजेक्शन हो गए. रुद्रसिंह के अनुसार यह राशि उसने चिमन सिंह के कहे अनुसार समय-समय पर नकद निकाल कर उसे दे दी. 15 जून को जब उसने खाते चेक किए, तो माइनस दिखा रहे थे. बैंक जाकर पता किया तो सामने आया कि 42 लाख रुपए के जो ट्रांजेक्शन हुए थे वह फ्रॉड की राशि थी. इसके चलते बैंक ने एकाउंट पर होल्ड लगा दिया है. रुद्र सिंह के अनुसार उसका खाता 18 लाख रुपए माइनस में चला गया है.

इसे भी पढ़ें- खाते में रुपए 'क्रेडिट' होने का मैसेज आया, फिर भी हो गए साइबर फ्रॉड के शिकार? ऐसे बचें - Cyber Fraud Alert

आरोपियों ने बंद किया फोन : एएसआई के मुताबिक चिमन सिंह और उसका दोस्त उमेद सिंह दोनों शेरगढ़ के चाबा क्षेत्र के रहने वाले हैं. रुद्र सिंह के अनुसार उमेद सिंह यूएसडीटी का काम करता है. जब उसने चिमन सिंह से कहा कि उसके खाते माइनस में चले गए हैं, तो उसे बताया गया कि गलती से ऐसा हुआ होगा, वे उन्हें कस्टमर से एनओसी दिला देंगे, लेकिन एक माह तक चक्कर काटने के बाद उमेद सिंह ने फोन बंद कर दिया. इसके बाद पाड़ित ने पुलिस में मामला दर्ज करवाया है.

दोस्त ने किया बैंक खाते के मिसयूज. (ETV Bharat GFX)

जोधपुर : जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें दोस्ती में एक युवक को चपत लग गई. बदमाश ने युवक के मित्र के जरिए उसे बातों में लेकर उसकी फर्म के करंट अकाउंट का इस्तेमाल किया. फ्रॉड की राशि उसके खाते में जमा करवाई और फिर नकद निकाल लिए. अब मदद करने वाला दोस्त ही संकट में हैं. उसका करंट एकाउंट आज लाखों रुपए माइनस में चला गया. बैंक ने खाते पर होल्ड भी लगा दिया है. व्यवसाय भी प्रभावित हो रहा है.

साइबर मामलों के जानकार जोधपुर साइबर क्राइम थाने के पुलिस निरीक्षक दिनेश डांगी का कहना है कि लोग छोटे-मोटे कमीशन के लालच में अपने खातों की जानकारी दे देते हैं, जिसका नतीजा उन्हें भुगतना पड़ता है. इसलिए अपने खातों का विवरण किसी को भी ना दें. फ्रॉडस्टर रुपए के ट्रांजेक्शन घुमाने के लिए ऐसे खातों का उपयोग करते हैं. लोगों को खुद इसके लिए जागरूक होना पड़ेगा. तभी ऐसी घटनाएं रुकेंगी.

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स्टेशनरी फर्म के एकाउंट दिए : महामंदिर थाने के एएसआई भौराराम ने बताया कि जोधपुर के महामंदिर थाना क्षेत्र में स्टेशनरी का व्यवसाय करने वाले रुद्र सिंह ने थाने में रिपोर्ट दी है, जिसमें बताया कि उसका स्टेशनरी का काम है. वह एअरफोर्स में सप्लाई करता है. वहां काम करने वाले चिमन सिंह से उसकी अच्छी जान पहचान हो गई. जून माह में चिमन सिंह अपने दोस्त उमेद सिंह के साथ उसकी दुकान पर मिला. उमेद सिंह ने कहा कि उसका भुगतान आने वाला है. इसके लिए करंट एकाउंट की जरूरत है. 'मेरा अमाउंट आने पर आपके जो भी बैंक चार्जेज लगेंगे वह हम आपको दे देंगे. रुद्र सिंह ने बताया कि चिमन सिंह से लंबे समय से जान पहचान थी. इसलिए उसने विश्वास कर दो एकाउंट डिटेल उसे दे दी'.

42 लाख के ट्रांजेक्शन हुए : उन्होंने बताया कि करंट एकाउंट में 12 से 14 जून के बीच ही 42 लाख 57 हजार 518 रुपए के ट्रांजेक्शन हो गए. रुद्रसिंह के अनुसार यह राशि उसने चिमन सिंह के कहे अनुसार समय-समय पर नकद निकाल कर उसे दे दी. 15 जून को जब उसने खाते चेक किए, तो माइनस दिखा रहे थे. बैंक जाकर पता किया तो सामने आया कि 42 लाख रुपए के जो ट्रांजेक्शन हुए थे वह फ्रॉड की राशि थी. इसके चलते बैंक ने एकाउंट पर होल्ड लगा दिया है. रुद्र सिंह के अनुसार उसका खाता 18 लाख रुपए माइनस में चला गया है.

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आरोपियों ने बंद किया फोन : एएसआई के मुताबिक चिमन सिंह और उसका दोस्त उमेद सिंह दोनों शेरगढ़ के चाबा क्षेत्र के रहने वाले हैं. रुद्र सिंह के अनुसार उमेद सिंह यूएसडीटी का काम करता है. जब उसने चिमन सिंह से कहा कि उसके खाते माइनस में चले गए हैं, तो उसे बताया गया कि गलती से ऐसा हुआ होगा, वे उन्हें कस्टमर से एनओसी दिला देंगे, लेकिन एक माह तक चक्कर काटने के बाद उमेद सिंह ने फोन बंद कर दिया. इसके बाद पाड़ित ने पुलिस में मामला दर्ज करवाया है.

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