बलिया : सिकंदरपुर थाना अंतर्गत भाटी गांव के रहने वाले नवीन हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पुलिस ने नवीन की हत्या के आरोप में उसके दोस्त को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. पुलिस के मुताबिक, रुपए के लेनदेन में दोनों के बीच विवाद चल रहा था. पुलिस ने आरोपी के कब्जे से एक तमंचा, कारतूस और हत्या में प्रयुक्त ब्लेड बरामद किया है.
पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर ने मंगलवार को पुलिस लाइन सभागार मे प्रेसवार्ता के दौरान नवीन हत्याकांड का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि 9 जुलाई को थाना सिकंदरपुर पर नवीन कुमार (28) की गुमशुदगी के लिए नवीन के पिता ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी. 27 जुलाई को मुकदमा पंजीकृत हुआ था, जिसकी विवेचना चल रही थी. उन्होंने बताया कि पकड़ा गया आरोपी बृजेश कुमार राय और मृतक नवीन दोस्त थे. दोनों का व्यापारिक लेनदेन था.
पुलिस अधिक्षक के मुताबिक, आरोपी ने बताया कि मृतक नवीन से 57 हजार रुपए का बकाया था, जिसे लेकर दोनों के बीच विवाद चल रहा था. नवीन काफी दिनों से रकम वापस नहीं कर रहा था. इस बात को लेकर बृजेश ने नवीन का अपहरण कर शराब पिलाई, फिर धारदार ब्लेड से गर्दन रेत कर हत्या कर दी थी. जिसके बाद आरोपी ने नवीन के शव को नदी किनारे छुपा दिया. शव का कंकाल मिलने के बाद पुलिस अधीक्षक ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी थी.
यह था मामला : सिकंदरपुर थाना अंतर्गत भाटी गांव निवासी नवीन कुमार को 30 जून की शाम गांव का ही बृजेश राय अपने साथ बाइक से सिकंदरपुर लेकर गया था. नवीन जब देर रात तक घर नहीं पहुंचा तो उसके परिजन बृजेश राय के घर पहुंचे. वहां पता चला कि बृजेश भी घर नहीं आया था. दो दिनों तक नवीन के परिजन उसकी तलाश करते रहे, जब उसका कोई सुराग नहीं मिला तो 3 अगस्त को नवीन के पिता राम रतन राम की ओर से सिकंदरपुर पुलिस को चार लोगों के विरुद्ध नामजद तहरीर दी गई थी.
पिता ने आरोप लगाया था कि, बेटा नवीन गांव के ही बृजेश राय के साथ ठेकेदारी का काम करता था. पैसे को लेकर नवीन और बृजेश में कुछ विवाद चल रहा था. बृजेश नवीन को बाइक से सिकंदरपुर घुमाने की बात कहकर ले गया था. पिता ने नवीन के साथ अप्रिय घटना की आशंका भी जताई थी.
सिकंदरपुर थाना में उस समय बवाल मच गया था जब इलाके के खरीद दरौली नदी किनारे एक दलित युवक का नर कंकाल मिला था. बताया जा रहा था कि, भाटी गांव के गायब युवक नवीन का 34 दिन बाद कपड़ा, आधार कार्ड, चप्पल नदी किनारे मिलने के बाद सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण थाने पर हंगामा करना शुरू कर दिया था.
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