मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : मनेंद्रगढ़ के ग्राम लाई में स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय मौजीलाल जैन का परिवार रहता है. देश की आजादी में योगदान को देखते हुए स्वतंत्रता सेनानी को शासन की ओर से जमीन दी गई. लेकिन उसके मालिकाना हक के लिए स्वतंत्रता सेनानी के परजन अब दर-दर भटकने को मजबूर हैं. नौबत यहां तक आ गई कि उन्हें मजबूरन आमरण अनशन पर बैठना पड़ा. स्वास्थ्य मंत्री के संज्ञान में आने पर कार्रवाई का भरोसा देते हुए अधिकारियों ने अनशन खत्म करा लिया है.
18 अगस्त को तुड़वाया गया अनशन : इस मामले की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य मंत्री ने इस पर संज्ञान लिया. संबंधित मामले को लेकर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कलेक्टर को पीड़ित परिवार से तत्काल मुलाकात करने और उनकी समस्या का निदान करने के लिए निर्देशित किया. जिसके बाद कलेक्टर के आदेश पर तहसीलदार ने जूस पिलाकर परिजनों का अनशन तुड़वाया. साथ ही साथ दो माह के भीतर पूरी प्रक्रिया को पूरी करते हुए जमीन दिलाने का आश्वासन दिया है.
कई बार दफ्तर में की गई शिकायत : इसके पहले 29 जुलाई 2024 को क्षेत्रीय एसडीएम को इस संबंध में ज्ञापन दिया गया था. स्वतंत्रता सेनानी की बहू ने उल्लेख किया था कि मेरे ससुर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय मौजीलाल जैन को शासन ने साल 1974-75 में ग्राम लाई में 2.023 हेक्टेयर की भूमि दी थी. जिस पर गांव के दबंग ने कब्जा कर लिया. जब भी मेरे बच्चे वहां जाते हैं तो वह लोग मेरे बच्चों को जान से मारने की धमकी देकर वहां से भगा देते थे.
दया जैन ने 6 अगस्त 2024 को कलेक्ट्रेट कार्यालय में आयोजित जनदर्शन कार्यक्रम में भी आवेदन दिया था. लेकिन संबंधित मामले में किसी भी प्रकार की कोई भी कार्रवाई नहीं की गई. उसके बाद 12 अगस्त 2024 को फिर जिला कलेक्टर से मिलकर आवेदन दिया गया, जिसमें भी अनुरोध किया गया था कि मेरे ससुर को शासन द्वारा दी गई भूमि का वास्तविक कब्जा दिलाने की कृपा करें.
आखिर क्या है पूरा मामला : यह पूरा मामला मनेन्द्रगढ़ का है. यहां स्थानीय निवासी रहे स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय मौजीलाल जैन ने भारत की आजादी में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी. शासन द्वारा उन्हें साल 1974-75 में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी होने का सम्मान स्वरूप जमीन दी गई थी. लेकिन आज तक उसका लाभ उनके वारिस को नहीं मिला. जिसकी वजह से उनका परिवार दर-दर भटकने को मजबूर है. स्वतंत्रता सेनानी के परिवार में उनकी विधवा बहुत दया जैन और पोते विशाल जैन है. उन्होंने 12 अगस्त 2024 को जिला कलेक्टर डी राहुल वेंकट को ज्ञापन सौंपा और मामले में उचित कार्रवाई करने व सम्मिलित खाते की भूमि पर हक दिलवाने की मांग की थी. लेकिन मांग पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर स्वतंत्रता सेनानी के पोता आमरण अनशन में बैठ गया. आज उसकी हालात खराब हो गई, जिसकी वजह से उसे फौरन अस्पताल में भर्ती कराया गया है.