जैसलमेर: जिले का भणियाणा क्षेत्र के चैनपुरा गांव के गौरव और स्वतंत्रता सेनानी खुशालाराम गोदारा का रविवार को निधन हो गया. गौरतलब है कि 98 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी गोदारा ने सन 1962 और 1965 के युद्ध के दौरान भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ युद्ध के समय अपनी अहम भूमिका अदा करते हुए दुश्मन के दांत खट्टे किए थे.
बता दें कि गोदारा सर्वप्रथम 1950 से 1958 तक थर्ड ग्रेनेडियर में देश की सेवा के लिए तैनात हुए थे. इसके बाद घरेलू कारणवश वो अपने घर आ गए थे. इसके बाद 1962 में भारत और चीन के युद्ध व 1965 के दौरान भारत-पाकिस्तान की लड़ाई में भी वो शामिल हुए थे. इसके बाद वो 1967 में भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हो गए. सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने अपने गांव समेत जिले में गरीब तबके के लोगों में शिक्षा की अलख जगाने व नशामुक्ति समेत कई सामाजिक कार्यों में अपना अहम योगदान दिया था. इसके साथ ही उन्होंने भणियाणा के उप सरपंच रहते हुए ग्रामीण विकास के लिए भी कई कार्य किए.
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रविवार को उनके निधन के बाद सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान भारतीय सेना के जवानों की ओर से उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. स्वतंत्रता सेनानी व पूर्व उप सरपंच के निधन से समूचे चैनपुरा गांव और भणियाणा क्षेत्र में शोक की लहर छा गई.
वहीं, उनके अंतिम संस्कार के दौरान समूचा क्षेत्र भारत माता के जयकारों व वंदे मातरम के नारों से गूंज उठा. इसके बाद नजदीकी श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया. स्वतंत्रता सेनानी खुशालाराम गोदारा को उनके ज्येष्ठ पुत्र खींवसिंह गोदारा ने नम आंखों से मुखाग्नि दी. इस दौरान पूर्व आईजीपी सवाई सिंह गोदारा, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य रणवीर सिंह गोदारा व भणियाणा सरपंच राजेन्द्र जाखड़ समेत बड़ी संख्या में उनके परिजन व ग्रामीण मौजूद रहे.