कानपुर : अक्सर आर्थिक तंगी के चलते तमाम हुनरमंद खिलाड़ी आगे नहीं बढ़ पाते हैं. टैलेंट होने के बावजूद वे अपने सपनों को मुकाम तक नहीं पहुंचा पाते हैं. अब शहर का द स्पोर्ट्स हब ऐसे खिलाड़ियों के लिए नई उम्मीद लेकर आया है. यहां तीन माह के निशुल्क प्रशिक्षण की शुरुआत हो गई है. सैकड़ों की संख्या में खिलाड़ी यहां ट्रेनिंग ले रहे हैं.
अहम बात ये है कि इन खिलाड़ियों में कई ऐसे हैं जिनके पिता कैफे चलाते हैं, प्राइवेट जॉब करते हैं, श्रमिक हैं, रेहड़ी-पटरी का काम करते हैं. इन खिलाड़ियों के मनोबल बढ़ाने और उनकी इच्छा शक्ति को मजबूत करने के लिए द स्पोर्ट्स हब के राष्ट्रीय स्तर के कोच हरसंभव कर रहे हैं.
प्रशिक्षण देने के बाद ऐसे खिलाड़ियों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग भी कराया जाएगा. वहीं, एक खास बात यह भी है कि जो खिलाड़ी प्रशिक्षण लेने पहुंचे हैं, उनमें ज्यादातर स्टेट लेवल पर पदक जीत चुके हैं.
जूडो खिलाड़ी दिव्या के सपने होंगे पूरे : हाउस कीपिंग का काम करने वाले दिव्या के पिता ने शायद ही कभी सोचा होगा कि एक दिन उनकी बेटी के वे अधूरे सपने पूरे होंगे जो आर्थिक विषमताओं के चलते अधूरे रह गए थे. दिव्या जूडो में स्टेट लेवल पर गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं. वहीं, अब दिव्या द स्पोर्ट्स हब में निशुल्क प्रशिक्षण ले रहीं हैं.
द स्पोर्ट्स हब में सब कुछ फ्री : जूडो के खेल में ही गोल्ड मेडल हासिल करने वाली दिव्यांशी कहती हैं कि पिता कैफे संचालक हैं. कभी पिता से यह नहीं कहा कि मुझे बाहर जाना है या कोई अतिरिक्त खर्च चाहिए. जैसे ही पता लगा कि द स्पोर्ट्स हब में सब कुछ फ्री है तो फौरन ही पापा के साथ यहां ट्रेनिंग के लिए आ गई.
लक्ष्य की ओर बढ़ रहे शिखर : कराटे में एलो बेल्ट जीत चुके शिखर का कहना है कि पिता प्राइवेट नौकरी करते हैं. घर का खर्च ही चलाना बेहद मुश्किल होता है. ऐसे में खेल के साथ आगे बढ़ना और करियर बनाना मुश्किल लग रहा था. अब द स्पोर्ट्स हब में प्रशिक्षण लेकर मुझे राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर परफार्म करना है.
पीएम मोदी, सीएम योगी भी कर चुके हैं सराहना : कानपुर के आर्य नगर स्थित द स्पोर्ट्स हब मॉडल की सराहना पीएम मोदी, सीएम योगी व कई मंत्री और ब्यूरोक्रेट्स कर चुके हैं.
इस स्पोर्ट्स हब में खेले जा सकते हैं 22 तरह के खेल : कुछ दिनों पहले ही पीएम मोदी ने वाराणसी स्थित जिस सिगरा स्टेडियम का उद्घाटन किया, वह भी द स्पोर्ट्स हब मॉडल की की तर्ज पर ही बना है. इस स्पोर्ट्स हब मॉडल में 22 तरह के इंडोर खेल (ओलंपिक स्तर) खेले जा सकते हैं.
कानपुर स्मार्ट सिटी कार्यों के तहत बनकर तैयार इस स्पोर्ट्स हब मॉडल की सुविधाओं को देख यूपी के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने इसे यूपी के सभी प्रमुख शहरों में बनाने के निर्देश भी जारी किए थे.
नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीएन ने बताया कि द स्पोर्ट्स हब मॉडल में इकोनॉमिक वीकर सेक्शन के तहत हम 11 खेलों का निशुल्क प्रशिक्षण ऐसे खिलाड़ियों को दिलवा रहे हैं जो आर्थिक रूप से बेहद कमजोर हैं.
हमारा मकसद है, ऐसे खिलाड़ी भी राष्ट्रीय स्तर के मंच पर अपना शानदार प्रदर्शन कर सकें. उन्हें किसी तरह की गरीबी का सामना न करना पड़े. हम खिलाड़ियों से किसी तरह का कोई शुल्क भी नहीं ले रहे हैं.
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