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Delhi: दिल्ली में मुफ्त बस यात्रा योजना ने बनाया नया रिकॉर्ड, 150 करोड़ बार महिलाओं ने किया फ्री सफर

-दिल्ली की बसों में 150 करोड़ से ज़्यादा पिंक टिकट बांटे गए. -हर महीने लाखों महिलाओं को फ्री सफर की सहूलियत मिल रही

दिल्ली में मुफ्त बस यात्रा योजना ने बनाया नया रिकॉर्ड
दिल्ली में मुफ्त बस यात्रा योजना ने बनाया नया रिकॉर्ड (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 5, 2024, 8:14 PM IST

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा योजना में एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड स्थापित किया है. तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में 2019 में भाई दूज के अवसर पर महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत की गई थी. अब तक 150 करोड़ से अधिक बार महिलाओं ने दिल्ली की डीटीसी और क्लस्टर बसों में मुफ्त यात्रा किया है. इस योजना की वजह से महिलाओं के बीच सार्वजनिक परिवहन का उपयोग बढ़ा है, जिसमें 15 फीसद नई महिला यात्रियों के जुड़ने के साथ ही 25 फीसद महिलाएं नियमित रूप से बसों में सफर करती हैं.

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मौके पर एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, ''ये जानकर अच्छा लगा कि दिल्ली की बसों में अब तक 150 करोड़ से ज़्यादा पिंक टिकट बांटे जा चुके हैं. हर महीने लाखों महिलाओं को इस पिंक टिकट से फ़्री सफ़र की सहूलियत मिल रही है. उनकी बचत अब उनके परिवार की ज़रूरतों में सहारा बन रही है."

महिलाओं के लिए सार्वजनिक परिवहन पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित: दिल्ली सरकार की पिंक टिकट योजना के पांच साल पूरे होने पर AAP नेता रीना गुप्ता ने ट्वीट कर बोलीं, ''दिल्ली सरकार की यह योजना लाखों महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव लेकर आई है. 2024 तक 150 करोड़ से ज्यादा पिंक टिकट जारी किए गए, जिससे न केवल महिलाओं को मुफ्त बस सेवा का लाभ मिला, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने का एक मौका भी मिला. इस योजना से महिलाओं के लिए सार्वजनिक परिवहन पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित और सुलभ हुआ. पिछले पांच सालों में बसों में महिलाओं की संख्या में 25 फीसद की बढ़ोतरी हुई है, जिसमें 15 फीसद महिलाएं पहली बार बिना किसी झिझक के बसों में सफर कर रही हैं.''

पिंक टिकट योजना के फायदे: दिल्ली सरकार के इस योजना ने सिर्फ यात्रा को आसान नहीं बनाया, बल्कि महिलाओं की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत किया. पिंक टिकट के जरिए मिली बचत को ज्यादातर महिलाओं ने घरेलू खर्चों में या जरूरत के समय खर्च के लिए बचाया. 54 फीसद महिलाएं अपनी बचत का इस्तेमाल घर के खर्चों में करती हैं, जबकि 50 फीदस महिलाएं इसे एमरजेंसी फंड के रूप में सुरक्षित रख रही हैं. दिल्ली सरकार की पिंक टिकट योजना ने पिछले पांच सालों में लाखों महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का हौसला दिया है, और ये केवल एक योजना नहीं, बल्कि महिलाओं की आजादी और उनके अधिकारों का प्रतीक बन गई है. इसका मकसद खास तौर पर गरीब और मध्यम वर्ग की महिलाओं को फ़ायदा पहुंचाना है. इस योजना को लागू करते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि सरकार कितनी भी आर्थिक तंगी से जूझ रही हो, लेकिन यह योजना बंद नहीं होगी.

2019 में शुरू हुई थी महिलाओं के लिए 'फ्री बस स्कीम: बता दें कि दिल्ली सरकार ने भाई दूज 2019 से ही डीटीसी बसों में महिलाओं के लिए मुफ़्त यात्रा की सुविधा शुरू की थी. इस योजना के तहत महिलाओं को सिंगल जर्नी पास दिया जाता है. बसों में महिला यात्रा करने वाली महिलाओं को पिंक रंग का टोकन दिया जाता है, जिसे लेना ज़रूरी है. इस योजना के तहत डीटीसी और क्लस्टर बसों में सफर करने वाली महिलाओं को 10 रुपये के पिंक टिकट दिए जाते हैं, जिसके खर्च का वहन सरकार करती है. इसके बाद, दिल्ली सरकार इन पिंक टिकटों की कुल संख्या के आधार पर बस कंपनियों को भुगतान करती है. यह योजना पूरी तरह स्वैच्छिक है, महिलाएं चाहें तो इसका लाभ उठा सकती हैं, या वे अपनी मर्जी से सामान्य टिकट भी ले सकती हैं. दिल्ली सरकार की इस पहल से बसों में सफर करने वाली महिलाओं की संख्या में भी इजाफा हुआ है.

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नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा योजना में एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड स्थापित किया है. तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में 2019 में भाई दूज के अवसर पर महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत की गई थी. अब तक 150 करोड़ से अधिक बार महिलाओं ने दिल्ली की डीटीसी और क्लस्टर बसों में मुफ्त यात्रा किया है. इस योजना की वजह से महिलाओं के बीच सार्वजनिक परिवहन का उपयोग बढ़ा है, जिसमें 15 फीसद नई महिला यात्रियों के जुड़ने के साथ ही 25 फीसद महिलाएं नियमित रूप से बसों में सफर करती हैं.

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मौके पर एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, ''ये जानकर अच्छा लगा कि दिल्ली की बसों में अब तक 150 करोड़ से ज़्यादा पिंक टिकट बांटे जा चुके हैं. हर महीने लाखों महिलाओं को इस पिंक टिकट से फ़्री सफ़र की सहूलियत मिल रही है. उनकी बचत अब उनके परिवार की ज़रूरतों में सहारा बन रही है."

महिलाओं के लिए सार्वजनिक परिवहन पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित: दिल्ली सरकार की पिंक टिकट योजना के पांच साल पूरे होने पर AAP नेता रीना गुप्ता ने ट्वीट कर बोलीं, ''दिल्ली सरकार की यह योजना लाखों महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव लेकर आई है. 2024 तक 150 करोड़ से ज्यादा पिंक टिकट जारी किए गए, जिससे न केवल महिलाओं को मुफ्त बस सेवा का लाभ मिला, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने का एक मौका भी मिला. इस योजना से महिलाओं के लिए सार्वजनिक परिवहन पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित और सुलभ हुआ. पिछले पांच सालों में बसों में महिलाओं की संख्या में 25 फीसद की बढ़ोतरी हुई है, जिसमें 15 फीसद महिलाएं पहली बार बिना किसी झिझक के बसों में सफर कर रही हैं.''

पिंक टिकट योजना के फायदे: दिल्ली सरकार के इस योजना ने सिर्फ यात्रा को आसान नहीं बनाया, बल्कि महिलाओं की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत किया. पिंक टिकट के जरिए मिली बचत को ज्यादातर महिलाओं ने घरेलू खर्चों में या जरूरत के समय खर्च के लिए बचाया. 54 फीसद महिलाएं अपनी बचत का इस्तेमाल घर के खर्चों में करती हैं, जबकि 50 फीदस महिलाएं इसे एमरजेंसी फंड के रूप में सुरक्षित रख रही हैं. दिल्ली सरकार की पिंक टिकट योजना ने पिछले पांच सालों में लाखों महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का हौसला दिया है, और ये केवल एक योजना नहीं, बल्कि महिलाओं की आजादी और उनके अधिकारों का प्रतीक बन गई है. इसका मकसद खास तौर पर गरीब और मध्यम वर्ग की महिलाओं को फ़ायदा पहुंचाना है. इस योजना को लागू करते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि सरकार कितनी भी आर्थिक तंगी से जूझ रही हो, लेकिन यह योजना बंद नहीं होगी.

2019 में शुरू हुई थी महिलाओं के लिए 'फ्री बस स्कीम: बता दें कि दिल्ली सरकार ने भाई दूज 2019 से ही डीटीसी बसों में महिलाओं के लिए मुफ़्त यात्रा की सुविधा शुरू की थी. इस योजना के तहत महिलाओं को सिंगल जर्नी पास दिया जाता है. बसों में महिला यात्रा करने वाली महिलाओं को पिंक रंग का टोकन दिया जाता है, जिसे लेना ज़रूरी है. इस योजना के तहत डीटीसी और क्लस्टर बसों में सफर करने वाली महिलाओं को 10 रुपये के पिंक टिकट दिए जाते हैं, जिसके खर्च का वहन सरकार करती है. इसके बाद, दिल्ली सरकार इन पिंक टिकटों की कुल संख्या के आधार पर बस कंपनियों को भुगतान करती है. यह योजना पूरी तरह स्वैच्छिक है, महिलाएं चाहें तो इसका लाभ उठा सकती हैं, या वे अपनी मर्जी से सामान्य टिकट भी ले सकती हैं. दिल्ली सरकार की इस पहल से बसों में सफर करने वाली महिलाओं की संख्या में भी इजाफा हुआ है.

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