प्रयागराज/हाथरस: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी युवक को यह कहते हुए जमानत देने से इंकार कर दिया कि कपट से हासिल की गई संबंध बनाने की सहमति स्वतंत्र सहमति नहीं है. यह आदेश न्यायमूर्ति नलिन कुमार श्रीवास्तव की कोर्ट ने वाराणसी के आरोपी अमित कुमार सिंह की अपील खारिज करते हुए दिया.
पीड़िता ने वाराणसी के बड़ागांव थाने में आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म और एससी/एसटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराया था. पुलिस ने याची को जेल भेजा था. पहले याची ने सत्र अदालत में जमानत की अर्जी दाखिल की थी, जो खारिज हो गई. इसके खिलाफ याची ने हाईकोर्ट ने अपील दाखिल की थी.
याची के अधिवक्ता ने दलील दी कि पीड़िता की उम्र 27 साल थी. उसने सहमति से संबंध स्थापित किया था. और एफआईआर में एससी/ एसटी के तहत की स्पष्ट आरोप नहीं लगाया गया है. वहीं, अपर शासकीय अधिवक्ता और पीड़िता के वकील अमन पटेल व नीरज सिंह यादव ने अपील का विरोध करते हुए बताया कि याची ने पीड़िता से पहली शादी की बात छिपा कर रिश्ता बनाया. कपटपूर्वक पीड़िता को संबंध बनाने के लिए सहमत किया. कोर्ट ने अपील खारिज करते हुए जमानत देने से इंकार कर दिया.
हाथरस में किशोरी के साथ दुष्कर्म, आरोपी भेजा गया जेल (Hathras Rape Case Accused Arrested): हाथरस गेट कोतवाली क्षेत्र के इगलास रोड स्थित एक गेस्ट हाउस से शादी के दौरान एक शादीशुदा युवक किशोरी को बहला फुसला कर अपने साथ गेस्ट हाउस से बाहर ले गया. वहां उसने डरा धमका कर उसके साथ दुष्कर्म किया. सीओ योगेंद्र कृष्ण नारायण ने कहा इस मामले में मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. पीड़िता का डॉक्टरी परीक्षण भी कराया गया है. मामले की जांच की जा रही है.
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