सिरोही: मासूम बच्चे की रिपोर्ट में कांट-छांट कर किडनी संबंधी रोग बताकर वैक्सीन लगवाने के नाम पर 1 करोड़ 80 लाख की धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने 2 साल से फरार चल रहे एक आरोपी को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से गिरफ्तार किया है. रिपोर्ट दर्ज होने के बाद आरोपी फरार हो गया था. जिसे पुलिस ने बिलासपुर से दस्तयाब कर पिंडवाड़ा लेकर आई. पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया.
सिरोही एसपी अनिल कुमार ने बताया कि केसाराम पुत्र वेनाराम घांची निवासी पिंडवाड़ा ने 2 साल पहले थाने में एक रिपोर्ट देकर बताया था कि उसकी पत्नी ने 21 मार्च, 2020 को उदयपुर के एक अस्पताल में जुड़वां बच्चों को जन्म दिया था. जन्म के समय बेटे के बीमार होने पर अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे बच्चों के अस्पताल ले जाने की सलाह दी. जिस पर वह अपने भतीजे के बेटे विक्रम कुमार के साथ दूसरे अस्पताल आया. जहां बच्चे की जांच कराई गई. इसी दौरान विक्रम ने कांट-छांट कर गलत रिपोर्ट बना दी. जिसमें बच्चे की किडनी में समस्या बता दी.
पीड़ित ने बताया कि विक्रम ने इलाज के लिए दो साल तक हर महीने डेढ़ लाख रुपए की वैक्सीन लगाने की बात कही. इस तरह से विक्रम कुमार ने उसे वैक्सीन लगवाने का कह कर लाखों रुपए ऐंठ लिए. जबकि उसके पुत्र को एक भी वैक्सीन नहीं लगी. फर्जी मैसेज के जरिए आरोपी ने करीब 1 करोड़ 80 लाख की ठगी कर ली.
धोखाधड़ी के बाद आरोपी हुआ फरार: एसपी अनिल बेनीवाल ने बताया कि धोखाधड़ी की वारदात के बाद घर से गायब हो गया. वह अन्य राज्यों में अलग-अलग जगह पर रह रहा था. पुलिस ने आरोपी विक्रम कुमार (28 साल) पुत्र मोतीलाल घांची निवासी झांकर पिंडवाड़ा को बिलासपुर, छत्तीसगढ़ से दस्तयाब किया. पिंडवाड़ा थाने लेकर आए और पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया. इस कार्रवाई में पिंडवाड़ा थानाधिकारी हमीर सिंह भाटी, सब इंस्पेक्टर जगदीश सिंह, कांस्टेबल अभय सिंह, लोकेश कुमार कल्याण सिंह, नरेंद्र कुमार और विनोद कुमार ने अपनी कुशलता परिचय दिया.