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हजारीबाग में 10 करोड़ रुपये की ठगी, पौधरोपण के नाम पर करीब 200 किसानों से फर्जी कंपनी बनाकर लिये गये पैसे - Fraud in Hazaribag

Fraud in name of plantation in Hazaribag. हजारीबाग में ठगी के एक बड़े मामले का खुलासा पुलिस ने किया है. जिसमें पौधरोपण के नाम पर 10 करोड़ रुपये की ठगी हुई. इसमें लगभग 200 किसानों से फर्जी कंपनी बनाकर ठगी की गयी है. इस मामले में एक आरोपी को उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया गया है.

Fraud in name of plantation in Hazaribag
हजारीबाग में 10 करोड़ रुपये की ठगी
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 30, 2024, 11:06 PM IST

हजारीबाग में 10 करोड़ रुपये की ठगी

हजारीबागः जिला में पौधारोपण के नाम पर करोड़ों का ठगी का मामला प्रकाश में आया है. करीब डेढ़ सौ ग्रामीणों से पौधरोपण के नाम पर करोड़ों की ठगी का खुलासा हुआ है. इस मामले में कार्रवाई करते हुए हजारीबाग मुफ्फसिल थाना की पुलिस ने एक आरोपी जितेंद्र पांडे को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से गिरफ्तार कर लिया है. जबकि दूसरे आरोपी प्रदीप राय की तलाश जारी है.

इस मामले को लेकर प्रार्थी अर्जुन प्रसाद यादव ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई थी. इस मामले में मुफ्फसिल थाना में आरोपियों के खिलाफ कांड संख्या 43/24 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. दर्ज प्राथमिकी के अनुसार आरोपियों ने प्रज्ञा सेवा संस्थान ओरिया में विभिन्न प्रकार के पौधे लगाने के एवज में ग्रामीणों से राशि की वसूली की थी. थाना में दिए आवेदन के अनुसार संस्थान द्वारा ग्रामीणों को बताया गया कि ये पौधे बड़े होकर विशाल वृक्ष बन जाएंगे. इनकी लकड़ियां बेचकर उन्हें लाखों का मुनाफा होगा.

प्रज्ञा सेवा संस्थान के झांसे में आकर उन्होंने तीन एकड़ जमीन जो संस्था के नाम पर लीज पर ली गई थी उसी में करीब सात लाख पंचानबे हजार रुपए का उन्होंने निवेश किया. इसी तरह सात या इस से ज्यादा रकम का निवेश प्राथमिकी के अनुसार डेढ़ सौ ग्रामीणों ने उक्त संस्था में किया. इसके कुछ दिन बाद ही दोनों आरोपी किसानों का करोड़ों रुपए लेकर भाग गए. ठगी के शिकार लोगों ने जांच पड़ताल की तो कार्यालय में ताला बंद मिला और उनके मोबाइल बंद मिले. यहां तक कि उनके आधार कार्ड, पेन कार्ड सब जाली पाए गए.

हजारीबाग एसपी अरविंद कुमार सिंह ने ठगी के मामले में जानकारी देते हुए कहा मुफ्फसिल थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम ओरिया में एक NGO प्रज्ञा सेवा संस्थान नाम से संचालित थी. जिसका काम किसानों की खाली जमीन में मालवार नीम और एराल (196) पौधा लगाने तथा 06 वर्ष बाद उसे काटकर बिक्री किये जाने से अधीक मुनाफा होने का लालच दिया गया. प्रति एकड़ 3000 पेड़ लगाने का खर्च 1 लाख 65 हजार रुपया निवेश कराया गया. 6 वर्ष बाद 3000 पेड़ों को 30 लाख रुपया में बेचे जाने की बात बताई गयी.

हजारीबाग एसपी अरविंद कुमार सिंह ने आगे कहा कि गांव के भोले-भाले किसान मुनाफा के लालच में आकर प्रज्ञा सेवा संस्थान के झांसे में आ गये. इसके बाद जिला के करीब 200 से 300 किसान तय की गई राशि का भुगतान कर संस्था में निवेश कर दिये. कुल मिलाकर देखा जाए तो हजारीबाग में लगभग 8 से 10 करोड़ रुपया किसानों से ठग लिया गया.

हजारीबाग एसपी अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि कंपनी के निदेशक प्रदीप कुमार राय (पिता दुधनाथ राय लिलावती नगर गोरखपुर, उत्तर प्रदेश) और जितेंद्र पांडेय (पिता दुधनाथ राय लिलावती नगर गोरखपुर, उत्तर प्रदेश) ने ठगने का काम किया. इस मामले की जांच की जा रही है. लिखित आवेदन देकर संस्था के निदेशक प्रदीप कुमार राय और जितेंद्र पांडेय के विरुद्ध मुफ्फसिल थाना कांड संख्या 43/24 दिनांक 09/02/2024 धारा 406/420/467/468/471/34 भादवि० दर्ज कराया गया. इसी क्रम में कंपनी के निदेशक जितेंद्र पांडेय उम्र 42 वर्ष (पिता स्व० गौरी शंकर पांडेय पता रौता पार गांधी नगर थाना कोतवाली जिला बस्ती, उत्तर प्रदेश) से गिरफ्तार किया गया.

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हजारीबाग में 10 करोड़ रुपये की ठगी

हजारीबागः जिला में पौधारोपण के नाम पर करोड़ों का ठगी का मामला प्रकाश में आया है. करीब डेढ़ सौ ग्रामीणों से पौधरोपण के नाम पर करोड़ों की ठगी का खुलासा हुआ है. इस मामले में कार्रवाई करते हुए हजारीबाग मुफ्फसिल थाना की पुलिस ने एक आरोपी जितेंद्र पांडे को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से गिरफ्तार कर लिया है. जबकि दूसरे आरोपी प्रदीप राय की तलाश जारी है.

इस मामले को लेकर प्रार्थी अर्जुन प्रसाद यादव ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई थी. इस मामले में मुफ्फसिल थाना में आरोपियों के खिलाफ कांड संख्या 43/24 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. दर्ज प्राथमिकी के अनुसार आरोपियों ने प्रज्ञा सेवा संस्थान ओरिया में विभिन्न प्रकार के पौधे लगाने के एवज में ग्रामीणों से राशि की वसूली की थी. थाना में दिए आवेदन के अनुसार संस्थान द्वारा ग्रामीणों को बताया गया कि ये पौधे बड़े होकर विशाल वृक्ष बन जाएंगे. इनकी लकड़ियां बेचकर उन्हें लाखों का मुनाफा होगा.

प्रज्ञा सेवा संस्थान के झांसे में आकर उन्होंने तीन एकड़ जमीन जो संस्था के नाम पर लीज पर ली गई थी उसी में करीब सात लाख पंचानबे हजार रुपए का उन्होंने निवेश किया. इसी तरह सात या इस से ज्यादा रकम का निवेश प्राथमिकी के अनुसार डेढ़ सौ ग्रामीणों ने उक्त संस्था में किया. इसके कुछ दिन बाद ही दोनों आरोपी किसानों का करोड़ों रुपए लेकर भाग गए. ठगी के शिकार लोगों ने जांच पड़ताल की तो कार्यालय में ताला बंद मिला और उनके मोबाइल बंद मिले. यहां तक कि उनके आधार कार्ड, पेन कार्ड सब जाली पाए गए.

हजारीबाग एसपी अरविंद कुमार सिंह ने ठगी के मामले में जानकारी देते हुए कहा मुफ्फसिल थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम ओरिया में एक NGO प्रज्ञा सेवा संस्थान नाम से संचालित थी. जिसका काम किसानों की खाली जमीन में मालवार नीम और एराल (196) पौधा लगाने तथा 06 वर्ष बाद उसे काटकर बिक्री किये जाने से अधीक मुनाफा होने का लालच दिया गया. प्रति एकड़ 3000 पेड़ लगाने का खर्च 1 लाख 65 हजार रुपया निवेश कराया गया. 6 वर्ष बाद 3000 पेड़ों को 30 लाख रुपया में बेचे जाने की बात बताई गयी.

हजारीबाग एसपी अरविंद कुमार सिंह ने आगे कहा कि गांव के भोले-भाले किसान मुनाफा के लालच में आकर प्रज्ञा सेवा संस्थान के झांसे में आ गये. इसके बाद जिला के करीब 200 से 300 किसान तय की गई राशि का भुगतान कर संस्था में निवेश कर दिये. कुल मिलाकर देखा जाए तो हजारीबाग में लगभग 8 से 10 करोड़ रुपया किसानों से ठग लिया गया.

हजारीबाग एसपी अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि कंपनी के निदेशक प्रदीप कुमार राय (पिता दुधनाथ राय लिलावती नगर गोरखपुर, उत्तर प्रदेश) और जितेंद्र पांडेय (पिता दुधनाथ राय लिलावती नगर गोरखपुर, उत्तर प्रदेश) ने ठगने का काम किया. इस मामले की जांच की जा रही है. लिखित आवेदन देकर संस्था के निदेशक प्रदीप कुमार राय और जितेंद्र पांडेय के विरुद्ध मुफ्फसिल थाना कांड संख्या 43/24 दिनांक 09/02/2024 धारा 406/420/467/468/471/34 भादवि० दर्ज कराया गया. इसी क्रम में कंपनी के निदेशक जितेंद्र पांडेय उम्र 42 वर्ष (पिता स्व० गौरी शंकर पांडेय पता रौता पार गांधी नगर थाना कोतवाली जिला बस्ती, उत्तर प्रदेश) से गिरफ्तार किया गया.

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