ETV Bharat / state

ग्रुप हाउसिंग सोसायटी में पार्टनर बनाने का झांसा देकर करोड़ों रुपए की ठगी, 3 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज - Fraud Case in Dehradun

author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 12, 2024, 2:21 PM IST

Dehradun Fraud Case देहरादून में एक व्यक्ति से करोड़ों रुपए की ठगी कर ली गई. जिसके बाद पीड़ित कोर्ट की शरण में पहुंचा, कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.

Dehradun Raipur Police Station
देहरादून रायपुर थाना (फोटो-ईटीवी भारत)

देहरादून: थाना राजपुर क्षेत्र के अंर्तगत ग्रुप हाउसिंग सोसायटी में पार्टनर बनाने का झांसा देकर दिल्ली के एक बिल्डर ने पीड़ित से करोड़ों रुपये की ठगी कर डाली. पीड़ित द्वारा कोर्ट की शरण लेने के बाद कोर्ट के आदेश पर थाना राजपुर में तीन आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.

बता दें कि बिल्डर ने जमीन खरीदने के लिए उत्तराखंड मूल निवास का बहाना बनाकर देहरादून के अपने एक साथी को इसमें शामिल किया और उसके बाद बिल्डर ने जमीन खरीदने के लिए पीड़ित को अपनी कंपनी का निदेशक बनाया. मुकेश कुमार निवासी दिल्ली ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर बताया है कि जितेंद्र खरबंदा निवासी विवेक विहार दिल्ली ने देहरादून में जमीन खरीदकर ग्रुप हाउसिंग सोसायटी बनाने का झांसा दिया. कहा कि उत्तराखंड में बाहरी व्यक्ति 250 वर्ग मीटर से अधिक भूमि नहीं खरीद सकता. इसलिए उसने अपने साथी उत्तराखंड मूल निवासी अजय पुंडीर को इसमें शामिल किया.

विश्वास में लेने के लिए आरोपी ने पीड़ित और अजय पुंडीर को अपनी कंपनी में निदेशक भी बना दिया. पीड़ित आरोपी के झांसे में आ गया और बिल्डर जितेंद्र खरबंदा की कंपनी, उसके भाई अजय खरबंदा और अजय पुंडीर समेत अन्य लोगों के खाते में 19 करोड़ रुपये जमीन खरीदने के जमा करवा दिए. उसके बाद बिल्डर ने उनके दिए रुपयों से जमीन नहीं खरीदी और कंपनी में जमा किए. रुपयों को दूसरी कंपनी में ट्रांसफर कर दिया.

साथ ही पीड़ित को भी कंपनी में निदेशक बनाए गया था, लेकिन उनके फर्जी और कूटरचित दस्तावेज तैयार कर रकम दूसरी कंपनी में ट्रांसफर की गई. थाना राजपुर प्रभारी पीडी भट्ट ने बताया है कि राजपुर क्षेत्र में ग्रुप हाउसिंग सोसायटी में पार्टनरशिप में ये प्रोजेक्ट चल रहा था. पीड़ित मुकेश कुमार द्वारा कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया था,जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर आरोपी जितेंद्र खरबंदा, अजय पुंडीर और अजय खरबंदा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

पढ़ें-कैबिनेट मंत्री के आश्रम की फर्जी वेबसाइट बनाकर की ठगी, शातिर राजस्थान से गिरफ्तार, पढ़ें पूरा मामला

देहरादून: थाना राजपुर क्षेत्र के अंर्तगत ग्रुप हाउसिंग सोसायटी में पार्टनर बनाने का झांसा देकर दिल्ली के एक बिल्डर ने पीड़ित से करोड़ों रुपये की ठगी कर डाली. पीड़ित द्वारा कोर्ट की शरण लेने के बाद कोर्ट के आदेश पर थाना राजपुर में तीन आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.

बता दें कि बिल्डर ने जमीन खरीदने के लिए उत्तराखंड मूल निवास का बहाना बनाकर देहरादून के अपने एक साथी को इसमें शामिल किया और उसके बाद बिल्डर ने जमीन खरीदने के लिए पीड़ित को अपनी कंपनी का निदेशक बनाया. मुकेश कुमार निवासी दिल्ली ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर बताया है कि जितेंद्र खरबंदा निवासी विवेक विहार दिल्ली ने देहरादून में जमीन खरीदकर ग्रुप हाउसिंग सोसायटी बनाने का झांसा दिया. कहा कि उत्तराखंड में बाहरी व्यक्ति 250 वर्ग मीटर से अधिक भूमि नहीं खरीद सकता. इसलिए उसने अपने साथी उत्तराखंड मूल निवासी अजय पुंडीर को इसमें शामिल किया.

विश्वास में लेने के लिए आरोपी ने पीड़ित और अजय पुंडीर को अपनी कंपनी में निदेशक भी बना दिया. पीड़ित आरोपी के झांसे में आ गया और बिल्डर जितेंद्र खरबंदा की कंपनी, उसके भाई अजय खरबंदा और अजय पुंडीर समेत अन्य लोगों के खाते में 19 करोड़ रुपये जमीन खरीदने के जमा करवा दिए. उसके बाद बिल्डर ने उनके दिए रुपयों से जमीन नहीं खरीदी और कंपनी में जमा किए. रुपयों को दूसरी कंपनी में ट्रांसफर कर दिया.

साथ ही पीड़ित को भी कंपनी में निदेशक बनाए गया था, लेकिन उनके फर्जी और कूटरचित दस्तावेज तैयार कर रकम दूसरी कंपनी में ट्रांसफर की गई. थाना राजपुर प्रभारी पीडी भट्ट ने बताया है कि राजपुर क्षेत्र में ग्रुप हाउसिंग सोसायटी में पार्टनरशिप में ये प्रोजेक्ट चल रहा था. पीड़ित मुकेश कुमार द्वारा कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया था,जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर आरोपी जितेंद्र खरबंदा, अजय पुंडीर और अजय खरबंदा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

पढ़ें-कैबिनेट मंत्री के आश्रम की फर्जी वेबसाइट बनाकर की ठगी, शातिर राजस्थान से गिरफ्तार, पढ़ें पूरा मामला

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.