बिलासपुर : शेयर मार्केट के जरिए अमीर बनाने का सपना दिखाकर ठगी करने वाले शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.आरोपी के पास से बड़ी संख्या में बैंकों के पासबुक, एटीएम और जरूरी दस्तावेज पुलिस ने बरामद किए हैं.आरोपी में न्यायधानी में लोगों के साथ अन्याय किया. शेयर मार्केट में पैसा लगाकर रकम दोगुनी करने का झांसा आरोपी ने अपने ही ग्राहकों को दिया. लेकिन लोगों की गाढ़ी कमाई को लूट लिया. लोगों का भरोसा जीतने के लिए आरोपी कुछ लोगों को लाभांश भी दे रहा था.
क्या है पूरा मामला ? : सिविल लाइन थाना क्षेत्र में साईं कृष्णा इन्वेस्टमेंट के नाम से विनायक कृष्णा रात्रे ने एक ऑफिस खोला था. इस ऑफिस के जरिए शेयर मार्केट में पैसा लगाने का काम विनायक रात्रे करता था.इस दौरान विनायक ने अपने ग्राहकों से कहा कि यदि वो उसके जरिए पैसा इन्वेस्ट करे तो 10 गुना मुनाफे के साथ हर महीने पैसे रिटर्न होंगे. लालच में आकर कई लोगों ने विनायक को पैसा देना शुरु किया.इस दौरान विनायक ने हर महीने लोगों को पैसे भी लौटाएं.
कैसे की ठगी ? : आरोपी विनायक ने लोगों से पैसे लेकर उनके मोबाइल नंबर पर फर्जी हैंडल मैसेज किया करता था.जिसमें लोगों को पैसे बढ़े हुए दिखते थे.यही नहीं पैसा रोटेट करने के लिए लोगों को बैंकॉक,थाईलैंट और गोवा की ट्रिप भी आरोपी ने लोगों को ऑफर की थी.ताकि किसी को भी ये ना लगे कि पैसे गलत जगह इनवेस्ट किए हैं.लोगों की गाढ़ी कमाई से युवक लक्जरी लाइफ जी रहा था.उधर पैसा बढ़ने का झूठा सपना देख रहे लोगों को चूना लग रहा था.
''आरोपी शेयर मार्केट में ब्रोकर का काम करता है.इसने गुमास्ता लाइसेंस से एक फर्जी कंपनी खोली.इसके बाद लोगों को अपने जाल में फंसाया.इसने करीब 15 करोड़ रुपए की ठगी की है.सभी के पैसों को प्रॉपर्टी और बिटकाइन में इनवेस्ट किया है. शिकायत मिलने के बाद एफआईआर की गई और आरोपी को गिरफ्तार किया गया.'' रजनेश सिंह,एसपी बिलासपुर
कैसे पकड़ा गया आरोपी ? : जब इन्वेस्ट करने वाले कुछ लोगों को पैसों की जरुरत पड़ी तो उन्होंने विनायक से रकम मांगी.लेकिन विनायक पूरे पैसे देने में आनाकानी करने लगा.विनायक के सिर्फ लाभ का पैसा निकालने की बात पर लोगों को शक हुआ.जब पूरे पैसे नहीं मिले तो लोगों ने इसकी शिकायत पुलिस से की.पुलिस ने जब शिकायत के बाद जांच की तो पता चला कि आरोपी के पास सिर्फ गुमास्ता लाइसेंस है.जिस कंपनी ने लोगों ने पैसे लगाए हैं वो फर्जी है.यही नहीं कंपनी का कहीं भी रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया है.जिस ब्रोकर का लाइसेंस विनायक ने इनवेस्टर्स को दिखाया वो आनंद रात्रे और शानू खान के नाम से था.फर्जीवाड़ा सामने आने पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया है. ऐसा अनुमान है कि आरोपी ने करोड़ों की बीच ठगी की है.फिलहाल पुलिस अब पूरे मामले की तफ्तीश में जुटी है.