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गोरखपुर में बनेगी चौथी रेल लाइन; सर्वे को मिली मंजूरी, ट्रेनों की बढ़ेगी संख्या, कम होगी लेटलततीफी - Fourth railway line in Gorakhpur

पूर्वोत्तर रेलवे के खाते में जल्द ही एक और उपलब्धि दर्ज हो जाएगी. यात्री सुविधाओं में बढ़ोतरी और रेल नेटवर्क विस्तार के चौथी रेल लाइन बिछाने के लिए सर्वे की मंजूरी मिल गई है. इससे पूर्वोत्तर के राज्यों और बिहार को जाने वाली ट्रेनों की गति में सुधार आएगा.

गोरखपुर में बनेगी चौथी रेल लाइन.
गोरखपुर में बनेगी चौथी रेल लाइन. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 19, 2024, 3:49 PM IST

गोरखपुर: पूर्वोत्तर रेलवे के खाते में जल्द ही एक और उपलब्धि दर्ज हो जाएगी. यात्री सुविधाओं में बढ़ोतरी और रेल नेटवर्क विस्तार के चौथी रेल लाइन बिछाने के लिए सर्वे की मंजूरी मिल गई है. इससे पूर्वोत्तर के राज्यों और बिहार को जाने वाली ट्रेनों की गति में सुधार आएगा. साथ ही ट्रेनों की संख्या भी बढ़ेगी. फिलहाल तीसरी रेल लाइन बिछाने का काम चल रहा है. सर्वे की यह मंजूरी लखनऊ-गोरखपुर रूट के लिए मिली है. इसमें पहले चरण में गोंडा-बुढ़वल सेक्शन में सर्वे शुरू किया जाएगा. सर्वे का काम दो महीने में पूरा होने की उम्मीद है. इसी कुल लंबगाई 61 किमी है. जिसके बाद डीपीआर बनेगी. चौथी लाइन वाला एनईआर में ये पहला सेक्शन होगा.

गोरखपुर से करीब 38 यात्री ट्रेनें वर्तमान समय में गुजरती हैं. वहीं केवल गोरखपुर से 1 दर्जन से ज्यादा यात्री ट्रेनें चलती हैं. यहां तीसरी लाइन पर काम चल रहा है. इसमें गोरखपुर कैंट से लेकर कुसमी रेल स्टेशन तक काम पूरा हो गया है. इस संबंध में पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि पूर्वोत्तर रेलवे का यह पहला क्षेत्र है, जहां चौथी लाइन के लिए सर्वे शुरू किया गया है. चौथी लाइन बन जाने से जहां और अधिक संख्या में ट्रेन चलाई जा सकेंगी. वहीं, ट्रेनों का संचालन सुविधाजनक हो जाएगा.

सर्वे के बाद डीपीआर, ट्रेनों की बढ़ेगी संख्या : बताया कि थर्ड लाइन बन जाने से ट्रेनों की स्पीड तो बढ़ेगी ही, साथ ही ट्रेनों की संख्या भी बढ़ेगी. अभी लाइन की क्षमता से डेढ़ गुना ज्यादा ट्रेनें चलाई जा रही हैं. जिससे सभी ट्रेनों को समय पर रास्ता नहीं मिल पा रहा है. इसी वजह से ट्रेनें आए दिन लेट हो रही हैं. प्रस्तावित ट्रेनों को भी नहीं चला पाने की यही वजह है. फिलहाल छपरा से गोरखपुर होते हुए बाराबंकी तक तीसरी लाइन बिछाने का काम तेजी से चल रहा है. इस रूट पर कुछ स्टेशनों के बीच लाइन बिछाने का काम शुरू भी हो गया है. बताया कि जिस एजेंसी को सर्वे का काम मिला है, वह यह काम पूरा करने के बाद अपनी रिपोर्ट निर्माण विभाग को सौंपेगी. जिसके आधार पर डीपीआर बनाया जायेगा. डीपीआर को मंजूरी मिलने के बाद प्रोजेक्ट को वित्तीय मंजूरी मिलेगी. जिसके मिलते ही चौथी लाइन का भी काम शुरू हो जाएगा.

तीसरी लाइन चालू होने पर ये सहूलियतें: बताया कि छपरा से देवरिया सर्वे शुरू हो गया है. खलीलाबाद से बैतालपुर तक 50 किलोमीटर लंबी तीसरी रेल लाइन बिछाने के लिए एफएसएल का काम तेजी से चल रहा है. इसके लिए एक करोड़ 20 लख रुपए का बजट भी जारी हो चुका है. वहीं गोंडा- बुढ़वल के बीच तीसरी लाइन बिछाने का काम काफी तेजी से चल रहा है. उम्मीद की जा रही है कि यह काम 2 साल में पूरा हो जाएगा. इस लाइन के पूरी तरह बिछ जाने से लखनऊ से गोरखपुर और बिहार रूट पर चलने वाली यात्री ट्रेनें अब आउटर, डोमिनगढ़, नकहा और कैन्ट स्टेशनों पर बेवजह नहीं रुकेंगी. माल गाड़ियां भी तेजी से निकल जायेंगी. गोरखपुर जंक्शन पर ट्रेनों का भार कम होगा. बाराबंकी-गोरखपुर-छपरा रेल मार्ग पर ट्रेनों की क्षमता और रफ्तार बढ़ जाएगी.

यह भी पढ़ें : गोरखपुर रामगढ़ ताल में तैरते रेस्टोरेंट का मजा, क्रूज से लंदन जैसा फील, आउटिंग कर आइए.... - ramgarh tal

गोरखपुर: पूर्वोत्तर रेलवे के खाते में जल्द ही एक और उपलब्धि दर्ज हो जाएगी. यात्री सुविधाओं में बढ़ोतरी और रेल नेटवर्क विस्तार के चौथी रेल लाइन बिछाने के लिए सर्वे की मंजूरी मिल गई है. इससे पूर्वोत्तर के राज्यों और बिहार को जाने वाली ट्रेनों की गति में सुधार आएगा. साथ ही ट्रेनों की संख्या भी बढ़ेगी. फिलहाल तीसरी रेल लाइन बिछाने का काम चल रहा है. सर्वे की यह मंजूरी लखनऊ-गोरखपुर रूट के लिए मिली है. इसमें पहले चरण में गोंडा-बुढ़वल सेक्शन में सर्वे शुरू किया जाएगा. सर्वे का काम दो महीने में पूरा होने की उम्मीद है. इसी कुल लंबगाई 61 किमी है. जिसके बाद डीपीआर बनेगी. चौथी लाइन वाला एनईआर में ये पहला सेक्शन होगा.

गोरखपुर से करीब 38 यात्री ट्रेनें वर्तमान समय में गुजरती हैं. वहीं केवल गोरखपुर से 1 दर्जन से ज्यादा यात्री ट्रेनें चलती हैं. यहां तीसरी लाइन पर काम चल रहा है. इसमें गोरखपुर कैंट से लेकर कुसमी रेल स्टेशन तक काम पूरा हो गया है. इस संबंध में पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि पूर्वोत्तर रेलवे का यह पहला क्षेत्र है, जहां चौथी लाइन के लिए सर्वे शुरू किया गया है. चौथी लाइन बन जाने से जहां और अधिक संख्या में ट्रेन चलाई जा सकेंगी. वहीं, ट्रेनों का संचालन सुविधाजनक हो जाएगा.

सर्वे के बाद डीपीआर, ट्रेनों की बढ़ेगी संख्या : बताया कि थर्ड लाइन बन जाने से ट्रेनों की स्पीड तो बढ़ेगी ही, साथ ही ट्रेनों की संख्या भी बढ़ेगी. अभी लाइन की क्षमता से डेढ़ गुना ज्यादा ट्रेनें चलाई जा रही हैं. जिससे सभी ट्रेनों को समय पर रास्ता नहीं मिल पा रहा है. इसी वजह से ट्रेनें आए दिन लेट हो रही हैं. प्रस्तावित ट्रेनों को भी नहीं चला पाने की यही वजह है. फिलहाल छपरा से गोरखपुर होते हुए बाराबंकी तक तीसरी लाइन बिछाने का काम तेजी से चल रहा है. इस रूट पर कुछ स्टेशनों के बीच लाइन बिछाने का काम शुरू भी हो गया है. बताया कि जिस एजेंसी को सर्वे का काम मिला है, वह यह काम पूरा करने के बाद अपनी रिपोर्ट निर्माण विभाग को सौंपेगी. जिसके आधार पर डीपीआर बनाया जायेगा. डीपीआर को मंजूरी मिलने के बाद प्रोजेक्ट को वित्तीय मंजूरी मिलेगी. जिसके मिलते ही चौथी लाइन का भी काम शुरू हो जाएगा.

तीसरी लाइन चालू होने पर ये सहूलियतें: बताया कि छपरा से देवरिया सर्वे शुरू हो गया है. खलीलाबाद से बैतालपुर तक 50 किलोमीटर लंबी तीसरी रेल लाइन बिछाने के लिए एफएसएल का काम तेजी से चल रहा है. इसके लिए एक करोड़ 20 लख रुपए का बजट भी जारी हो चुका है. वहीं गोंडा- बुढ़वल के बीच तीसरी लाइन बिछाने का काम काफी तेजी से चल रहा है. उम्मीद की जा रही है कि यह काम 2 साल में पूरा हो जाएगा. इस लाइन के पूरी तरह बिछ जाने से लखनऊ से गोरखपुर और बिहार रूट पर चलने वाली यात्री ट्रेनें अब आउटर, डोमिनगढ़, नकहा और कैन्ट स्टेशनों पर बेवजह नहीं रुकेंगी. माल गाड़ियां भी तेजी से निकल जायेंगी. गोरखपुर जंक्शन पर ट्रेनों का भार कम होगा. बाराबंकी-गोरखपुर-छपरा रेल मार्ग पर ट्रेनों की क्षमता और रफ्तार बढ़ जाएगी.

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