अजमेर. विदेश में नौकरी और अच्छी पगार का झांसा देकर गरीब युवकों को बंधुआ मजदूर बनाने का खेल सामने आया है. अजमेर और ब्यावर के 4 युवकों का ओमान के मस्कट शहर में 3 वर्षो से शोषण हो रहा है. हालात यह है कि पगार देना तो दूर दो वक्त का खाना भी उन्हें ठीक से नहीं मिल रहा है. परिजनों ने बताया कि कंपनी मालिक ने पासपोर्ट भी छीन लिए और विरोध करने पर चोरी के मामले में जेल भेजने की धमकी दी. इस मामले में अब परिजनों ने केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई है. वहीं, अजमेर लोकसभा सांसद भागीरथ चौधरी ने कहा कि यह मामला काफी गंभीर है, ऐसे एजेंट और व्यापारी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. इसी प्रकार पुलिस अधीक्षक चुनाराम जाट ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. ओमान में फंसे चारो युवकों के पासपोर्ट वीजा की प्रतियां परिजनों से मांगी गई हैं.
एजेंट ने झूठ बोलकर भेजा विदेश : अजमेर और ब्यावर की जटिया कॉलोनी के निवासी चार युवकों ने नौकरी के लिए विदेश का रुख किया, लेकिन उन्हें मालूम नहीं था कि वहां जाकर वह शोषण का शिकार हो जाएंगे. परिजनों ने बताया कि अजमेर के एक एजेंट ने 50-50 हजार रुपए लेकर उन्हें ओमान के मस्कट में एक कपड़े के शोरूम में काम करने के लिए भेजा था. एजेंट ने उन्हें बताया था कि सप्ताह में एक दिन अवकाश मिलेगा और 8 घंटे काम करना होगा और शुरुआत के 3 महीने 15 हजार रुपए, उसके बाद 25 हजार रुपए महीना वेतन मिलेगा. एजेंट ने कहा था कि रहने और खाने का खर्च भी कंपनी मालिक ही वहन करेगा. परजिनों का कहना है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ.
वीडियो बनाकर परिजनों को भेजा : ब्यावर में जटिया कॉलोनी निवासी अजय जूनवाल तीन साल पहले एजेंट के जरिए काम के लिए ओमान के मस्कट गया था. 2 वर्ष तक उसे 15 हजार रुपए वेतन मिला. शर्त के मुताबिक जब पैसे नहीं बढ़ाए तो अजय ने काम छोड़कर वापस लौटना चाहा, मगर मालिक ने पासपोर्ट छीन लिया और पिछले एक साल से उसे वेतन भी नहीं दिया. अजय ने अपना वीडियो बनाकर परिजनों को भेजा और हो रहे शोषण की जानकारी दी है.
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वीडियो बनाकर लगाई मदद की गुहार : अजय ने वीडियो बनाकर परिजनों को बताया कि एजेंट ने उसे काम के लिए मस्कट भेजा था, उससे कहा गया था कि 8 घंटे काम होगा, लेकिन यहां 12 से 14 घंटे काम करवाया जाता है. खाने के लिए केवल दाल चावल और आलू चावल ही दिया जाता है. बीमार होने पर इलाज भी नहीं करवाया जाता. उन्होंने आरोप लगाया कि 2 साल से वह मस्कट में फंसे हुए हैं. कंपनी के मालिक ने पासपोर्ट छीन लिया और उसका लेबर कार्ड भी नहीं बनवाया. परिजनों ने बताया कि कंपनी का मालिक जयपुर का ही निवासी है. अजय ने परिजनों को वीडियो भेज कर ब्यावर पुलिस प्रशासन से भी मदद की गुहार लगाई है. उसने बताया कि ओमान में इंडियन एंबेसी में भी उसने केस फाइल किया है, लेकिन वहां से भी कोई जवाब नहीं आया है.
भारत सरकार से मांगी मदद : अजय के मामा राजू सबलानिया ने भारत सरकार और विदेश मंत्रालय से चारों युवकों को ओमान के मस्कट से मुक्त करवाने की मांग की है. उन्होंने जयपुर निवासी शोरूम मालिक और एजेंट खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की मांग की है. वहीं, हीरालाल जटिया की पत्नी गायत्री ने बताया कि 4 फरवरी को उनके पति को ओमान गए तीन साल पूरे हो जाएंगे. पति को वापस घर नहीं आने दिया जा रहा है. 8 घंटे की नौकरी बोलकर 14 घंटे काम करवाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि "मेरा भाई सन्नी जटिया भी ओमान में है दोनों एक ही मालिक के अलग-अलग शोरूम में काम कर करते हैं. उन्होंने बताया कि मालिक ने पैसे भी नहीं बढ़ाए और ना ही वेतन दे रहे हैं. कर्ज लेकर घर खर्च चलाना पड़ रहा है."
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करण के पिता तुलसी राम खत्री ने बताया कि खाने पीने के लिए सुबह शाम केवल दाल-चावल या आलू-चावल दिया जाता है. खान-पान सही नहीं मिलने से वह काफी कमजोर हो गया है. मैनेजर से लगातार बात हो रही है, वो केवल एक ही बात कहते हैं जल्दी भेज देंगे. उन्होंने कहा कि शोरूम के मालिक का मोबाइल भी स्विच ऑफ है. उन्होंने बताया कि फोन पर करण से बात होती है तो वह बस एक ही बात कहता है पापा मुझे बुला लो.
ओमान से भागकर आए तीन युवक : परिजनों ने बताया कि ऐसे कई युवकों को कमीशन के लालच में एजेंट ने ओमान समेत कई देशों में भेजा है. उन युवकों के साथ भी शोषण हुआ. ऐसे ही 13 युवक चंगुल से निकलकर ओमान बॉर्डर पार करके दुबई आए और सरेंडर कर दिया, इनमें तीन युवक भारत के भी थे. दुबई की जेल में इंडियन एंबेसी से संपर्क करने के बाद दुबई प्रशासन ने उन्हें भारत भेज दिया, इनमें से एक यूपी निवासी शाहिद अंसारी, एक अजमेर निवासी भगवान दास और ब्यावर निवासी अनिल खन्ना है.
सांसद और एसपी बोले मामला संज्ञान में आयाः वहीं, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पीड़ित पक्ष से इस मामले से संबंधित दस्तावेज उन्हें देने के लिए कहा है. वहीं, अजमेर लोकसभा सांसद भागीरथ चौधरी ने कहा कि यह काफी गंभीर मामला है, ऐसे एजेंट और व्यापारी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. चौधरी ने कहा कि वह विदेश मंत्री को मामले से अवगत करवाएंगे. उन्होंने ओमान में फंसे पीड़ित युवाओं की मदद करने का आश्वासन दिया है. इसी प्रकार पुलिस अधीक्षक चुनाराम जाट ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. ओमान में फंसे चारो युवकों के पासपोर्ट वीजा की प्रतियां परिजनों से मांगी गई हैं. पीड़ित पक्ष से शिकायत मिलने पर निश्चित रूप से अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.