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बिहार में केरल लॉटरी के नाम पर साइबर फ्रॉड, पुलिस ने 4 ठगों को 36 लाख नगद के साथ किया गिरफ्तार - KERALA LOTTERY CYBER FRAUD

नालंदा पुलिस ने आर्थिक अपराध इकाई की मदद से 4 साइबर फ्रॉड को गिरफ्तार किया है. वो केरल लॉटरी के नाम पर ठगी करते थे.

Kerala lottery Cyber Fraud
नांलदा में केरल लॉटरी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 6, 2024, 1:03 PM IST

नालंदा: बिहार की नालंदा पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. जिसके तहत 4 साइबर ठगों को केरल लॉटरी और लोन दिलाने के नाम पर भोले-भाले लोगों से फ्रॉड करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. सोशल मीडिया पर फर्जी विज्ञापन और फोन कॉल के जरिए यह गिरोह ठगी को अंजाम देता ता. इनके पास से 36,78,655 रुपये नगद के साथ सोने-चांदी के गहने, 16 मोबाइल, लैपटॉप और प्रिंटर बरामद किया गया है.

4 चार शातिर ठग ऐसे करते थे ठगी: पुलिस अधीक्षक भारत सोनी ने कहा कि आर्थिक अपराध इकाई की ओर से जिला पुलिस को सूचना मिली थी कि मानपुर थाना क्षेत्र डमर बिगहा गांव में अभी भी कुछ नंबर सक्रीय हैं. इसी की सूचना पर उन्होंने सदर डीएसपी के नेतृत्व में टीम गठित कर टेक्निकल एविडेंस इकट्ठा कर उसके खिलाफ अभियान चलाकर घर में छापेमारी की और चार ठगों को गिरफ्तार किया. घर की जांच में भारी मात्रा में नगद और अन्य दस्तावेज मिले हैं. ये लोन के विज्ञापनों के माध्यम से लोगों से प्रोसेसिंग फीस वसूलते थे और उसके बाद संपर्क तोड़ देते थे.

केरल लॉटरी के नाम पर साइबर फ्रॉड (ETV Bharat)

गिरोह का मुखिया बनाता था वेबसाइट: गिरफ्तार आरोपियों में रोहित कुमार, नीतिन कुमार, धर्मेंद्र कुमार और दयानंद कुमार शामिल है. इस पूरे नेटवर्क में काम कमीशन-बेस्ड होता था. इस गिरोह का मुखिया वेबसाइट बनवाने के साथ-साथ 15-20 लड़कों को काम पर रखता था. वो ग्राहकों से संपर्क और अकाउंट से पैसे निकालने का काम करते थे. साइबर अपराध रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा बनाए गए प्रतिबिंब पोर्टल और आई ट्रिपल सी (I4C) जैसे प्लेटफार्म के माध्यम से सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाता है. इस मामले में भी पोर्टल से मिले नंबरों का सत्यापन किया गया और इन अपराधियों को पकड़ने में सफलता मिली.

"साइबर अपराध के खिलाफ अभियान के दौरान मानपुर थाना क्षेत्र के डमरबीघा गांव में छापेमारी की गई थी. इन ठगों के पास से 36.78 लाख रुपये की अवैध संपत्ति के अलावा 16 मोबाइल, लैपटॉप, प्रिंटर, फर्जी सिम कार्ड और अन्य सामान बरामद किए गए. इन उपकरणों की फॉरेंसिक जांच की जा रही है."-भारत सोनी, एसपी, नालंदा

अन्य राज्यों से भी शिकायतें दर्ज: गिरोह के खिलाफ अन्य राज्यों से भी शिकायतें आई है. ये शिकायतें साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर दर्ज हुई हैं. पुलिस इन अपराधियों के नेटवर्क का विस्तार पता लगाने के लिए अन्य राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है. पुलिस ने साइबर थाना में केस दर्ज कर लिया है. वहीं साइबर अपराध के हॉटस्पॉट इलाकों में निगरानी बढ़ाकर आगे अभियान चला रही है.

साइबर क्राइम के लिए हो रहा मशहूर: बता दें कि झारखंड के जामताड़ा के बाद बिहार के नालंदा का कतरीसराय प्रखंड देश में साइबर के लिए मशहूर है. आए दिन दूसरे प्रदेश की पुलिस यहां साइबर ठगी के शिकार लोगों की शिकायत लेकर जांच के लिए पहुंचती है. अब यह धंधा धीरे-धीरे पूरे जिले के अलावा अपने आसपास के जिलों को भी चपेट में ले रहा है. जिसके रोकथाम के लिए जिले में साइबर थाना भी बनाया गया है, बावजूद इसके ठगी का धंधा काफी तेजी से फल फूल रहा है.

पढ़ें-'जामताड़ा' बना बिहार का यह जिला! गया में 36 साइबर फ्रॉड गिरफ्तार, लड़कियां भी शामिल

नालंदा: बिहार की नालंदा पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. जिसके तहत 4 साइबर ठगों को केरल लॉटरी और लोन दिलाने के नाम पर भोले-भाले लोगों से फ्रॉड करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. सोशल मीडिया पर फर्जी विज्ञापन और फोन कॉल के जरिए यह गिरोह ठगी को अंजाम देता ता. इनके पास से 36,78,655 रुपये नगद के साथ सोने-चांदी के गहने, 16 मोबाइल, लैपटॉप और प्रिंटर बरामद किया गया है.

4 चार शातिर ठग ऐसे करते थे ठगी: पुलिस अधीक्षक भारत सोनी ने कहा कि आर्थिक अपराध इकाई की ओर से जिला पुलिस को सूचना मिली थी कि मानपुर थाना क्षेत्र डमर बिगहा गांव में अभी भी कुछ नंबर सक्रीय हैं. इसी की सूचना पर उन्होंने सदर डीएसपी के नेतृत्व में टीम गठित कर टेक्निकल एविडेंस इकट्ठा कर उसके खिलाफ अभियान चलाकर घर में छापेमारी की और चार ठगों को गिरफ्तार किया. घर की जांच में भारी मात्रा में नगद और अन्य दस्तावेज मिले हैं. ये लोन के विज्ञापनों के माध्यम से लोगों से प्रोसेसिंग फीस वसूलते थे और उसके बाद संपर्क तोड़ देते थे.

केरल लॉटरी के नाम पर साइबर फ्रॉड (ETV Bharat)

गिरोह का मुखिया बनाता था वेबसाइट: गिरफ्तार आरोपियों में रोहित कुमार, नीतिन कुमार, धर्मेंद्र कुमार और दयानंद कुमार शामिल है. इस पूरे नेटवर्क में काम कमीशन-बेस्ड होता था. इस गिरोह का मुखिया वेबसाइट बनवाने के साथ-साथ 15-20 लड़कों को काम पर रखता था. वो ग्राहकों से संपर्क और अकाउंट से पैसे निकालने का काम करते थे. साइबर अपराध रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा बनाए गए प्रतिबिंब पोर्टल और आई ट्रिपल सी (I4C) जैसे प्लेटफार्म के माध्यम से सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाता है. इस मामले में भी पोर्टल से मिले नंबरों का सत्यापन किया गया और इन अपराधियों को पकड़ने में सफलता मिली.

"साइबर अपराध के खिलाफ अभियान के दौरान मानपुर थाना क्षेत्र के डमरबीघा गांव में छापेमारी की गई थी. इन ठगों के पास से 36.78 लाख रुपये की अवैध संपत्ति के अलावा 16 मोबाइल, लैपटॉप, प्रिंटर, फर्जी सिम कार्ड और अन्य सामान बरामद किए गए. इन उपकरणों की फॉरेंसिक जांच की जा रही है."-भारत सोनी, एसपी, नालंदा

अन्य राज्यों से भी शिकायतें दर्ज: गिरोह के खिलाफ अन्य राज्यों से भी शिकायतें आई है. ये शिकायतें साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर दर्ज हुई हैं. पुलिस इन अपराधियों के नेटवर्क का विस्तार पता लगाने के लिए अन्य राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है. पुलिस ने साइबर थाना में केस दर्ज कर लिया है. वहीं साइबर अपराध के हॉटस्पॉट इलाकों में निगरानी बढ़ाकर आगे अभियान चला रही है.

साइबर क्राइम के लिए हो रहा मशहूर: बता दें कि झारखंड के जामताड़ा के बाद बिहार के नालंदा का कतरीसराय प्रखंड देश में साइबर के लिए मशहूर है. आए दिन दूसरे प्रदेश की पुलिस यहां साइबर ठगी के शिकार लोगों की शिकायत लेकर जांच के लिए पहुंचती है. अब यह धंधा धीरे-धीरे पूरे जिले के अलावा अपने आसपास के जिलों को भी चपेट में ले रहा है. जिसके रोकथाम के लिए जिले में साइबर थाना भी बनाया गया है, बावजूद इसके ठगी का धंधा काफी तेजी से फल फूल रहा है.

पढ़ें-'जामताड़ा' बना बिहार का यह जिला! गया में 36 साइबर फ्रॉड गिरफ्तार, लड़कियां भी शामिल

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