लखनऊ : राजधानी होकर अन्य जिलों और राज्यों में जाने वाली बसों से पैसे वसूलने का खेल चल रहा था. आरोप है कि यह वसूली कुछ पुलिसकर्मी कर रहे थे. इसकी जानकारी जब ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर को हुई तो उन्होंने वसूली करने वाले पुलिसकर्मियों का स्टिंग करवाया और फिर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर निलंबित कर दिया है.
जांच में सही पाए गए आरोप : संयुक्त पुलिस कमिश्नर कानून व्यवस्था उपेंद्र अग्रवाल ने बताया कि लखनऊ के कमता चौराहे से होकर अन्य राज्यों व जिलों में चलने वाली निजी बसों और अन्य गाड़ियों को कुछ पुलिसकर्मी रोककर उन्हें सीज व चालान करने की धमकी दे वसूली कर रहे हैं. जिस पर जांच करवाने पर आरोप सही पाए गए, ऐसे में चार दोषी पुलिसकर्मियों जिसमें एक सब इंस्पेक्टर व तीन सिपाही शामिल हैं, उन्हें निलंबित किया गया है. इतना ही नहीं इनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई गई है.
ड्राइवर और कंडक्टर की पिटाई की थी : दरअसल, बीते दिनों राजधानी के कमता चौराहे पर लखनऊ से बस्ती, संतकबीरनगर तक चलने वाली एक निजी बस के ड्राइवर और कंडक्टर की चिनहट थाने में तैनात पांच पुलिसकर्मियों ने चौकी ले जाकर पिटाई कर दी थी. इस मामले का संज्ञान यूपी मानवाधिकार आयोग ने लिया था, जिसके बाद लखनऊ पुलिस कमिश्नर ने ड्राइवर और कंडक्टर की पिटाई करने के मामले में दोषी पुलिसकर्मी सब इंस्पेक्टर अजय कुमार सिंह, हेड कांस्टेबल विजय प्रताप सिंह और कांस्टेबल कुलवंत, इम्तियाज व अमित कुमार को लाइन हाजिर किया था और अयोध्या रोड पर चल रही इस पुलिस की वसूली की जांच करवाई थी.
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