पलामूः कई दशक तक नक्सलियों के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ने वाले चार पुलिस विकेट को क्लोज कर दिया गया है. चारों पिकेट पलामू के नक्सल प्रभावित इलाकों में मौजूद है. इससे पहले पलामू में तैनात सीआरपीएफ की पूरी बटालियन को भी क्लोज कर दिया गया है. कई पिकेट में जवानों की संख्या भी कम हो गई है.
सोमवार को पलामू के लेस्लीगंज के डबरा, सतबरवा के झाबर, तरहसी के कसमार और हुसैनाबाद के कमगारपुर पिकेट को पूरी तरह से क्लोज कर दिया गया है. डबरा, झाबर और कसमार पिकेट पिछले 30 वर्षों से संचालित थे. इन पिकेट के माध्यम से नक्सलियों के खिलाफ कई अभियान चलाए गए है. सभी पिकेट में आईआरबी और जैप के जवान तैनात थे. सभी जवानों को वापस मुख्यालय बुलाया गया है और दूसरी जगह पर तैनाती के लिए भेजा जा रहा है. पलामू एसपी रीष्मा रमेशन ने बताया कि डबरा, झाबर, कसमार और कमगारपुर टिकट को क्लोज किया गया है.
![Four police picket closed in Naxal affected areas of Palamu](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/30-09-2024/jh-pal-03-picket-close-breaking-7202481_30092024213954_3009f_1727712594_807.jpg)
ग्रामीणों का शुरू हुआ विरोध, कहा- बढ़ जाएगा खतरा
पुलिस पिकेट हटाए जाने के बाद ग्रामीणों का भी विरोध शुरू हो गया है. डबरा टिकट के बाहर ग्रामीणों ने सैकड़ो की संख्या में सोमवार को प्रदर्शन किया है. इस प्रदर्शन में पंचायत जनप्रतिनिधि में शामिल हुए. ग्रामीण पवन ने बताया कि 1990 में पिकेट की स्थापना हुई थी. पिकेट के कारण इलाके में नक्सली गतिविधि कमजोर हो गई है. कई स्तर पर गुहार लगाई गयी है लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है ग्रामीण जान देंगे लेकिन पिकेट को वापस लाकर रहेंगे. पिकेट के क्लोज होने के बाद ग्रामीणों पर खतरा बढ़ गया है नक्सली गतिविधि फिर से सिर उठा सकती है.
तीन दशक बाद 2023 में सीआरपीएफ को किया गया था क्लोज
पलामू में नक्सल विरोधी अभियान का केंद्रीय रिजर्व बल सीआरपीएफ कमान संभाल रही थी. तीन दशक तक अभियान की कमान संभालने वाले सीआरपीएफ की पूरी बटालियन को सारंडा के इलाके में शिफ्ट कर दिया गया. उसी दौरान भी कई स्तर पर गुहार लगाई गयी थी. एक महीने पहले सीआरपीएफ के हेड क्वार्टर को भी पलामू से क्लोज कर दिया गया. पलामू से सीआरपीएफ के डीआईजी कार्यालय को भी लातेहार शिफ्ट किया जा रहा है. 2013 में तीन 2014 में नक्सली हमले में पांच हत्या के आंकड़े को रिकॉर्ड किया गया था. वहीं 2023 में एक हत्या के आंकड़े को रिकॉर्ड किया गया है. नक्सली गतिविधि से जुड़े पलामू में 2021 में 25, 2022 में 24, 2023 में 31 और 2024 में जून तक 12 गतिविधि के आंकड़े को रिकॉर्ड किया गया है.
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