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बेटी की हत्या के मामले में पिता समेत चार को उम्रकैद, प्रेम-प्रसंग का शक था

प्रेम-प्रसंग के शक में बेटी की हत्या कर शव गंगा में फेंका था, मामले में पिता समेत चार को आजीवन कारावास की सजा.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

उन्नाव जिला कोर्ट
उन्नाव जिला कोर्ट (Photo Credit; ETV Bharat)

उन्नाव: जिला न्यायालय ने हत्या के आरोप में शुक्रवार को पिता समेत चार आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही 25-25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया.

उन्नाव के बारासगवर थाना क्षेत्र के अंतर्गत स्थित पचासा गांव के रहने वाले शिवशंकर ने थाने में जाकर पुलिस को प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया था कि उसका चचेरा भाई जिसका नाम राम प्रताप पुत्र मैकू है, जो बहुत ही शातिर एवं अपराधी प्रवृत्ति का व्यक्ति है. राम प्रताप ने दो साल पहले अपनी पुत्री सुनीता की प्रेम प्रसंग के कारण हत्या कर गायब कर दिया था.

इसी प्रकार 25 अगस्त 2015 की रात में रामप्रताप ने अपनी दूसरी पुत्री बीना जिसकी उम्र 16 साल को शंका के आधार पर अपने पुत्र सिद्धराज व भाई रणवीर एवं भतीजे बिंदेश के साथ मिलकर काफी मारा-पीटा और जलाकर मारने का प्रयास किया, लेकिन गांव वालों के कहने पर उसे छोड़ दिया, लेकिन इलाज के बहाने गांव से बाहर ले जाकर हत्या करके कहीं फेंक दिया. गांव वालों व मुझे पूर्ण विश्वास है कि सुनीता की ही तरह बीना को भी उपरोक्त लोगों ने मार डाला है.

वहीं, इस मामले को पुलिस ने गंभीरता से लेते हुए मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की. चारों आरोपियों ने बीना को मार कर गंगा में फेंक दिया था. पुलिस ने काफी खोजबीन की, लेकिन शव नहीं मिला.

वहीं, शुक्रवार को इसी मामले की सुनवाई करते हुए अभियोजन पक्ष के वकील के गवाह, बयानों एवं साक्ष्यों को आधार मानते हुए न्यायालय ने उपरोक्त चारों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा व 25-25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है.

यह भी पढ़ें: उन्नाव में डकैती; पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान दो बदमाशों को किया गिरफ्तार

यह भी पढ़ें: डकैती की घटना से हड़कंप, दो बदमाशों को ग्रामीणों ने पकड़ा

उन्नाव: जिला न्यायालय ने हत्या के आरोप में शुक्रवार को पिता समेत चार आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही 25-25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया.

उन्नाव के बारासगवर थाना क्षेत्र के अंतर्गत स्थित पचासा गांव के रहने वाले शिवशंकर ने थाने में जाकर पुलिस को प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया था कि उसका चचेरा भाई जिसका नाम राम प्रताप पुत्र मैकू है, जो बहुत ही शातिर एवं अपराधी प्रवृत्ति का व्यक्ति है. राम प्रताप ने दो साल पहले अपनी पुत्री सुनीता की प्रेम प्रसंग के कारण हत्या कर गायब कर दिया था.

इसी प्रकार 25 अगस्त 2015 की रात में रामप्रताप ने अपनी दूसरी पुत्री बीना जिसकी उम्र 16 साल को शंका के आधार पर अपने पुत्र सिद्धराज व भाई रणवीर एवं भतीजे बिंदेश के साथ मिलकर काफी मारा-पीटा और जलाकर मारने का प्रयास किया, लेकिन गांव वालों के कहने पर उसे छोड़ दिया, लेकिन इलाज के बहाने गांव से बाहर ले जाकर हत्या करके कहीं फेंक दिया. गांव वालों व मुझे पूर्ण विश्वास है कि सुनीता की ही तरह बीना को भी उपरोक्त लोगों ने मार डाला है.

वहीं, इस मामले को पुलिस ने गंभीरता से लेते हुए मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की. चारों आरोपियों ने बीना को मार कर गंगा में फेंक दिया था. पुलिस ने काफी खोजबीन की, लेकिन शव नहीं मिला.

वहीं, शुक्रवार को इसी मामले की सुनवाई करते हुए अभियोजन पक्ष के वकील के गवाह, बयानों एवं साक्ष्यों को आधार मानते हुए न्यायालय ने उपरोक्त चारों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा व 25-25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है.

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