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कैंसर की नकली दवाओं के मामले में चार और आरोपी गिरफ्तार, पूछताछ जारी

4 arrested in fake cancer medicine case: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने कैंसर की नकली दवाओं के मामले में 4 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए चारों आरोपी कैंसर से जुड़ी बड़ी संस्थाओं में काम कर रहे थे और अपना गोरखधंधा चला रहे थे. इन आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है, जिसमें और कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं.

कैंसर की नकली दवाओं के मामले में चार और गिरफ्तार
कैंसर की नकली दवाओं के मामले में चार और गिरफ्तार
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Mar 16, 2024, 3:33 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने नकली कैंसर की दवाई के मामले में विभिन्न अस्पताल में छापेमारी करते हुए काम करने वाले चार और लोगों को गिरफ्तार किया है. दिल्ली क्राइम ब्रांच डीसीपी अमित गोयल ने बताया कि कुछ दिन पहले ही गिरफ्तार किए गए नीरज चौहान ने आरोप लगाया था कि उसने अस्पताल के कर्मचारियों से मूल दवा की भरी हुई शीशियां खरीदी थी. फिलहाल क्राइम ब्रांच की टीम में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान रोहित सिंह बिष्ट (उम्र 36 वर्ष निवासी न्यू मोती नगर दिल्ली), जितेंद्र (उम्र 33 वर्ष निवासी वजीराबाद दिल्ली), मजीद खान (उम्र 34 वर्ष निवासी गुरुग्राम हरियाणा) और साजिद (उम्र 33 वर्ष निवासी सुभाष चौक गुरुग्राम) के रूप में की गई है. दरअसल, इस मामले में दिल्ली क्राइम ब्रांच की पुलिस टीम ने नकली कैंसर दवा बेचने का रैकेट चलाने वालों का भंडाफोड़ करते हुए दिल्ली और गुड़गांव स्थित अस्पतालों के कर्मचारियों सहित सात लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया था.

हालांकि, इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी और उनसे पूछताछ के बाद इस गिरोह के सिंडिकेट में चार आरोपियों की और गिरफ्तारी की गई है. गिरफ्तार आरोपी कैंसर की महंगी दवाओं की शीशियों में नकली पदार्थ भर देते थे और उन्हें एक लाख से 3 लाख रूपए में बेच देते थे

कीमोथेरेपी यूनिट में है डे केयर प्रभारी है रोहित सिंहः आरोपी रोहित सिंह दिल्ली के एक प्रतिष्ठित अस्पताल की कीमोथेरेपी यूनिट में डे केयर प्रभारी के रूप में कार्यरत है. वह नीरज को भरी हुई दवाइयों की भरी शीशियां सप्लाई कर रहा था. उसने मरीज की खुराक से शीशियां बचा लीं और उसे नीरज को बेच दिया. उसे कीट्रूडा के लिए 65 हजार और ओपडीटा के लिए 35 हजार मिल रहे थे. उनके पास जनरल नर्सिंग में डिप्लोमा है और पिछले 10 वर्षों से अस्पताल में कार्यरत है. मार्केटिंग के लिए अस्पताल जाने के दौरान नीरज ने उनसे संपर्क किया. उसे द्वारका से गिरफ्तार किया गया है.

ऑन्कोलॉजी बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट में कार्यरत है आरोपी जितेंद्रः दूसरा आरोपी जितेंद्र गुरुग्राम के एक प्रतिष्ठित अस्पताल में ऑन्कोलॉजी विभाग के बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट में कार्यरत है. जब वह नीरज को कीट्रूडा और ओपडाइप्टा की तीन भरी हुई शीशियां देने आया तो उसे रंगेहाथ पकड़ लिया गया. उसे कीट्रूडा के लिए 60 हजार और ओपडीटा के लिए 30 हजार मिल रहे थे. उसने करनाल से डी फार्मा में डिप्लोमा किया है. वह फार्मासिस्ट के पद के लिए साक्षात्कार के लिए एक अस्पताल में गया, जहां नीरज चौहान ऑन्कोलॉजी में तैनात था और फिर उन्होंने संपर्क साझा किया और बाद में वह इस अवैध व्यापार में शामिल हो गया.

कीमो डे केयर यूनिट में कार्यरत है आरोपी माजिद खानः आरोपी माजिद खान गुरुग्राम में एक प्रतिष्ठित अस्पताल में वरिष्ठ स्टाफ नर्स इंड कीमो डे केयर यूनिट के रूप में काम कर रहे थे. हाल ही में वह पटना के एक अस्पताल में शामिल हुआ और एक सप्ताह के बाद वह दिल्ली आ गया. उसे 14 मार्च को जयपुर से गिरफ्तार किया गया और उसके घर की तलाशी से 3 भरी हुई कीट्रूडा शीशियाँ बरामद की गईं. बाद में उसने खुलासा किया कि वह एक साजिद से खाली और भरा लेता था. माजिद को कीट्रूडा के लिए 60 हजार और भरी हुई शीशी के लिए 30 हजार ऑपडिटा और खाली शीशी के लिए 5 हजार मिलते थे. उसके पास जनरल नर्सिंग में डिप्लोमा है और नीरज खाली शीशी और पैकेजिंग के लिए उसके पास गया था. वह प्रत्येक भरी हुई शीशी पर 4 हज़ार से 5 हजार और खाली शीशी पर 2 हजार कमा रहा था.

ये भी पढ़ें : नकली कैंसर दवा मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उनका बैकग्राउंड आया सामने, कई राज्यों में फैलाया है जाल

ऑन्कोलॉजी विभाग में नर्सिंग स्टाफ के रूप में कार्यरत है आरोपी साजिदः आरोपी साजिद गुरुग्राम के एक अन्य प्रतिष्ठित अस्पताल में ऑन्कोलॉजी विभाग में नर्सिंग स्टाफ के रूप में कार्यरत हैं. वह माजिद को कीट्रूडा और ओपडाइप्टा सप्लाई करता था उसे उसके घर से पकड़ा गया तथा तलाशी लेने पर 3 खाली शीशी और दो ओपडीटा पैकेजिंग बरामद हुई. उसे कीट्रूडा के लिए 55 हजार और ओपडीटा के लिए 25 हजार मिल रहे थे. उसके पास जनरल नर्सिंग में डिप्लोमा है और पिछले 5 वर्षों से अस्पताल में काम कर रहा हैं. पैसों के लेन-देन का पता लगाने के लिए, आरोपी व्यक्तियों के 14 बैंक खाते, जिनमें 92.81 लाख रुपए है वह फ्रीज कर दिए गए हैं.

ये भी पढ़ें : नकली कैंसर दवाओं की आपूर्ति करने वाले सिंडिकेट का पर्दाफाश, मास्टरमाइंड समेत 7 गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने नकली कैंसर की दवाई के मामले में विभिन्न अस्पताल में छापेमारी करते हुए काम करने वाले चार और लोगों को गिरफ्तार किया है. दिल्ली क्राइम ब्रांच डीसीपी अमित गोयल ने बताया कि कुछ दिन पहले ही गिरफ्तार किए गए नीरज चौहान ने आरोप लगाया था कि उसने अस्पताल के कर्मचारियों से मूल दवा की भरी हुई शीशियां खरीदी थी. फिलहाल क्राइम ब्रांच की टीम में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान रोहित सिंह बिष्ट (उम्र 36 वर्ष निवासी न्यू मोती नगर दिल्ली), जितेंद्र (उम्र 33 वर्ष निवासी वजीराबाद दिल्ली), मजीद खान (उम्र 34 वर्ष निवासी गुरुग्राम हरियाणा) और साजिद (उम्र 33 वर्ष निवासी सुभाष चौक गुरुग्राम) के रूप में की गई है. दरअसल, इस मामले में दिल्ली क्राइम ब्रांच की पुलिस टीम ने नकली कैंसर दवा बेचने का रैकेट चलाने वालों का भंडाफोड़ करते हुए दिल्ली और गुड़गांव स्थित अस्पतालों के कर्मचारियों सहित सात लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया था.

हालांकि, इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी और उनसे पूछताछ के बाद इस गिरोह के सिंडिकेट में चार आरोपियों की और गिरफ्तारी की गई है. गिरफ्तार आरोपी कैंसर की महंगी दवाओं की शीशियों में नकली पदार्थ भर देते थे और उन्हें एक लाख से 3 लाख रूपए में बेच देते थे

कीमोथेरेपी यूनिट में है डे केयर प्रभारी है रोहित सिंहः आरोपी रोहित सिंह दिल्ली के एक प्रतिष्ठित अस्पताल की कीमोथेरेपी यूनिट में डे केयर प्रभारी के रूप में कार्यरत है. वह नीरज को भरी हुई दवाइयों की भरी शीशियां सप्लाई कर रहा था. उसने मरीज की खुराक से शीशियां बचा लीं और उसे नीरज को बेच दिया. उसे कीट्रूडा के लिए 65 हजार और ओपडीटा के लिए 35 हजार मिल रहे थे. उनके पास जनरल नर्सिंग में डिप्लोमा है और पिछले 10 वर्षों से अस्पताल में कार्यरत है. मार्केटिंग के लिए अस्पताल जाने के दौरान नीरज ने उनसे संपर्क किया. उसे द्वारका से गिरफ्तार किया गया है.

ऑन्कोलॉजी बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट में कार्यरत है आरोपी जितेंद्रः दूसरा आरोपी जितेंद्र गुरुग्राम के एक प्रतिष्ठित अस्पताल में ऑन्कोलॉजी विभाग के बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट में कार्यरत है. जब वह नीरज को कीट्रूडा और ओपडाइप्टा की तीन भरी हुई शीशियां देने आया तो उसे रंगेहाथ पकड़ लिया गया. उसे कीट्रूडा के लिए 60 हजार और ओपडीटा के लिए 30 हजार मिल रहे थे. उसने करनाल से डी फार्मा में डिप्लोमा किया है. वह फार्मासिस्ट के पद के लिए साक्षात्कार के लिए एक अस्पताल में गया, जहां नीरज चौहान ऑन्कोलॉजी में तैनात था और फिर उन्होंने संपर्क साझा किया और बाद में वह इस अवैध व्यापार में शामिल हो गया.

कीमो डे केयर यूनिट में कार्यरत है आरोपी माजिद खानः आरोपी माजिद खान गुरुग्राम में एक प्रतिष्ठित अस्पताल में वरिष्ठ स्टाफ नर्स इंड कीमो डे केयर यूनिट के रूप में काम कर रहे थे. हाल ही में वह पटना के एक अस्पताल में शामिल हुआ और एक सप्ताह के बाद वह दिल्ली आ गया. उसे 14 मार्च को जयपुर से गिरफ्तार किया गया और उसके घर की तलाशी से 3 भरी हुई कीट्रूडा शीशियाँ बरामद की गईं. बाद में उसने खुलासा किया कि वह एक साजिद से खाली और भरा लेता था. माजिद को कीट्रूडा के लिए 60 हजार और भरी हुई शीशी के लिए 30 हजार ऑपडिटा और खाली शीशी के लिए 5 हजार मिलते थे. उसके पास जनरल नर्सिंग में डिप्लोमा है और नीरज खाली शीशी और पैकेजिंग के लिए उसके पास गया था. वह प्रत्येक भरी हुई शीशी पर 4 हज़ार से 5 हजार और खाली शीशी पर 2 हजार कमा रहा था.

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ऑन्कोलॉजी विभाग में नर्सिंग स्टाफ के रूप में कार्यरत है आरोपी साजिदः आरोपी साजिद गुरुग्राम के एक अन्य प्रतिष्ठित अस्पताल में ऑन्कोलॉजी विभाग में नर्सिंग स्टाफ के रूप में कार्यरत हैं. वह माजिद को कीट्रूडा और ओपडाइप्टा सप्लाई करता था उसे उसके घर से पकड़ा गया तथा तलाशी लेने पर 3 खाली शीशी और दो ओपडीटा पैकेजिंग बरामद हुई. उसे कीट्रूडा के लिए 55 हजार और ओपडीटा के लिए 25 हजार मिल रहे थे. उसके पास जनरल नर्सिंग में डिप्लोमा है और पिछले 5 वर्षों से अस्पताल में काम कर रहा हैं. पैसों के लेन-देन का पता लगाने के लिए, आरोपी व्यक्तियों के 14 बैंक खाते, जिनमें 92.81 लाख रुपए है वह फ्रीज कर दिए गए हैं.

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