पलामू: चोरी और छिनतई मामले में पलामू पुलिस ने इंटरस्टेट गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है. सभी ओडिशा के जाजपुर के कोरे थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं. इंटरस्टेट गिरोह फेरी के सामान बेचने के बहाने इलाके में रुकता था और रेकी करता था. रेकी के बाद जेवर कारोबारी समेत अन्य लोगों को निशाना बनाकर आपराधिक घटनाओं को अंजाम देता था.
पलामू के छतरपुर थाना प्रभारी प्रशांत कुमार ने बताया कि इंटरस्टेट गिरोह से जुड़े हुए चार सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार सिद्धांत राव, करण राव, शांति दास और मनोज दास एक ही गांव के रहने वाले हैं. ये सभी चोरी और छिनतई जैसी घटनाओं को अंजाम देते थे. गिरफ्तार आरोपियों का नेटवर्क बिहार, झारखंड, बंगाल और उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ है.
वाहन चेकिंग के दौरान पकड़े गए चारों सदस्य
पलामू के छतरपुर थाना की पुलिस नियमित रूप से वाहन चेकिंग अभियान चला रही थी. इसी क्रम में दो बाइक को रोका और कागजात दिखाने को कहा. चेकिंग के दौरान पाया गया कि दोनों बाइक में दो-दो नंबर प्लेट लगा रखा है. पुलिस को मामले में शक हुई और तलाशी ली गई तो सोना-चांदी तोलने वाली मशीन मिली. जिसके बाद मामला संदिग्ध लगने लगा.
थाना प्रभारी प्रशांत कुमार ने जब पूछताछ की तो चोरी और छिनतई की घटनाओं का खुलासा हुआ. थाना प्रभारी ने बताया कि गिरोह किसी इलाके में अपना ठिकाना बनाता है और फेरी द्वारा कपड़ा बेचने के बहाने रेकी करते हैं. रेकी करने के बाद सोना-चांदी दुकानदारों को निशाना बनाता है और घटनाओं को अंजाम देता है.
ग्रामीणों को बेचते थे चोरी का सामान
छतरपुर के थाना प्रभारी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस को बताया कि चोरी और छिनतई की सामग्री को दुकान की जगह बिहार के ग्रामीण इलाकों में बेची जाती है. फेरी के माध्यम से सामग्री को बेचा जाता है. दुकानदारों के पास बेचने पर पकड़े जाने का डर रहता है. पुलिस के इस अभियान में सब इंस्पेक्टर अनिल कुमार रजक समेत कई पुलिस अधिकारी शामिल रहे. गिरोह के सदस्य उड़ीसा में कोई भी सामग्री नहीं भेजते थे और न ही अपने इलाके में आपराधिक घटनाओं को अंजाम देते थे.
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