जामताड़ा: साइबर अपराध के खिलाफ जामताड़ा साइबर थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर जिले के करमाटांड़ थाना क्षेत्र के शिकरपोसनी गांव में छापेमारी कर साइबर क्राइम करते चार साइबर ठगों को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से पुलिस ने 12 मोबाइल और 25 फर्जी सिम कार्ड बरामद किया है. इसकी पुष्टि साइबर डीएसपी अशोक राम ने की है.पकड़े गए साइबर अपराधियों में शंकर मंडल, सूरज मंडल, उमेश मंडल और कृष्ण मंडल शामिल है.
पकड़े गए साइबर अपराधियों में एक सजायाफ्ता भी शामिल
पकड़े गए साइबर अपराधी में एक सजायाफ्ता अपराधी भी शामिल है. साइबर डीएसपी ने बताया कि पकड़े गए साइबर अपराधियों में करमाटांड़ के महेशपुर निवासी शंकर मंडल पूर्व में साइबर अपराध के मामले में जेल जा चुका है. उसपर थाने में मामला भी दर्ज है. शंकर को पूर्व में एक वर्ष की सजा हुई थी और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया था. वह जेल से छूटने के बाद फिर से साइबर अपराध को अंजाम दे रहा था.
बिजली बिल जमा करने के नाम पर करते थे साइबर ठगी
साइबर डीएसपी अशोक राम ने बताया कि पकड़े गए साइबर अपराधियों ने कई लोगों को साइबर ठगी का शिकार बनाया है. साइबर अपराधी बिजली विभाग का अधिकारी बनकर लोगों को फोन करते थे और बिजली बिल जमा नहीं करने और बिजली लाइन काटने का फर्जी मैसेज भेज कर लोगों को झांसा में लेते थे. इसके बाद व्हाट्सएप से स्क्रीन शेयरिंग कर लोगों को चूना लगाते थे. एक महीने में साइबर अपराधियों ने 5 से 6 लाख की साइबर ठगी की है. पुलिस इस बात का पता लगा रही है कि अब तक साइबर अपराधियों ने कितने लोगों को चूना लगाया है.
साइबर अपराधियों पर सीसीए लगाने की तैयारी
बढ़ते साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस ने अब साइबर अपराधियों के खिलाफ सीसीए एक्ट लगने की तैयारी शुरू कर दी है. अब तक चार साइबर अपराधियों के खिलाफ सीसीए एक्ट लगाया जा चुका है. साइबर थाना पुलिस के अनुसार जिस साइबर अपराधी के खिलाफ चार से पांच मामले दर्ज हैं वैसे साइबर अपराधियों को चिन्हित कर सीसीए एक्ट लगाने की तैयारी है.
साइबर क्राइम पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस चला रही मुहिम
बताते चलें कि झारखंड का जामताड़ा जिला देशभर में साइबर अपराध के लिए बदनाम है. जहां साइबर अपराध पर रोकथाम के लिए लगातार साइबर थाना की पुलिस द्वारा मुहिम चलाई जा रही है और छापेमारी की जा रही है. अब तक कई साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. लेकिन जेल से छूटने और सजा काटने के बाद भी साइबर अपराधी अपना रास्ता नहीं बदल रहे हैं.
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