जोधपुर: पुलिस आयुक्तालय के मथानिया थाना क्षेत्र में शनिवार मध्य रात्रि के बाद हुई एटीएम लूट की घटना का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पुलिस ने मास्टरमाइंड सहित 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया. दो आरोपी अभी फरार है. गिरफ्तार आरोपियों से एटीएम मशीन तोड़कर निकाले हुए 5 लाख 25 हजार 900 रुपए बरामद किए. वारदात में प्रयुक्त बोलेरो कैंपर को भी जब्त किया. लूट की वारदात को स्थानीय युवक की मदद से अंजाम दिया गया.
डीसीपी आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि जेलू गगाड़ी गांव की एसबीआई के एटीएम में शनिवार देर रात 2 बजे एटीएम लूट लिया गया था. बैंक के शाखा प्रबंधक जयसिंह राठौड़ ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसमें उन्होंने बताया कि सफेद बोलेरो कैंपर में आए तीन-चार आदमियों ने एटीएम कक्ष का ताला तोड़कर दरवाजा खोल मशीन को बांधकर उखाड़ा. इसे अपने साथ बालेसर की तरफ ले गए. एटीएम करीब छह लाख रुपए थे.
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पेट्रोल पम्प से मिला सुराग, 50 किमी के सीसीटीवी देखे: श्रीवास्तव ने बताया कि मामला सामने आने के बाद पुलिस कमिश्नर राजेंद्र सिंह के निर्देश पर मथानिया थानाधिकारी राजेंद्र सिंह चारण के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई. उन्होंने बताया कि लूट के बाद लुटेरे पेट्रोल भरवाने पंप पर गए थे. उनके वहां से निकलने के बाद पुलिस भी 50 किमी के सीसीटीवी फुटेज खंगालते हुए उसी पेट्रोल पंप पर पहुंची. वहां उनको फुटेज में लुटेरों में से एक का चेहरा दिखा. इस पर पुलिस ने उस चेहरे की संदिग्धों के चेहरों से पहचान करवाई. उसी से पुलिस आरोपियों तक पहुंची.
इनको किया गिरफ्तार: डीसीपी ने बताया कि जांच के बाद मथानिया के गगाड़ी निवासी नेमीचंद पालीवाल (23), करवड़ के जुड़ निवासी दिनेश (19), खेड़ापा के चांदरख निवासी सोनाराम मेघवाल (27) और करवड़ के नेतड़ा निवासी धन्नाराम मेघवाल (28) को गिरफ्तार किया, जबकि जितेंद्र नाम के दो अन्य आरोपी फरार चल रहे हैं. एटीएम लूट के खुलासे में हेड कांस्टेबल सुनील, कांस्टेबल प्रेमराज व शैतानाराम ने मुख्य भूमिका निभाई.
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लुटेरे एक- दूसरे से अंजान थे: उन्होंने बताया कि गैंग का मास्टरमाइंड सोनाराम था, बाकी लुटेरे उसके ही संपर्क में थे. ये आपस में एक-दूसरे को नहीं जानते थे. सोनाराम ने स्थानीय के तौर पर नेमीचंद को गैंग में शामिल किया. उसी ने पूरी रेकी कर लूट में सहयोग किया. मास्टरमाइंड सोनाराम पर चोरी के कई मामले दर्ज हैं. आरोपी दिनेश पर भी कंठी लूट और चोरी के कई मामले दर्ज हैं. जबकि धन्नाराम और नेमीचंद के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं है. दोनों एक दूसरे को भी नहीं जानते. फरार आरोपियों के रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं.