नई दिल्लीः फोरम ऑफ एकेडमिक्स फॉर सोशल जस्टिस ने यूजीसी के चेयरमैन प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार को पत्र लिखा है. पत्र में बताया है कि यूजीसी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के विभागों व कॉलेजों को ओबीसी विस्तार योजना के तहत गैर शैक्षणिक पदों को भरने के लिए 31 मार्च 2023 तक का एक्सटेंशन दिया था. लेकिन विभागों के प्रमुखों और कॉलेजों के प्राचार्य को दी गई समय सीमा में इन पदों को नहीं भर पाए. इसके बाद यूजीसी की अवर सचिव वीना मेनन ने 5 अक्टूबर 2023 को डीयू के कुलसचिव व कॉलेज प्राचार्यों को सर्कुलर जारी कर ओबीसी विस्तार योजना के तहत स्वीकृत गैर शैक्षणिक पदों को भरने के लिए समय सीमा के विस्तार के संबंध में कई अनुरोध प्राप्त हुए हैं.
हालांकि, इससे पहले भी यूजीसी सात बार ओबीसी एक्सपेंशन दे चुकी है. कॉलेजों और विभागों में गैर शैक्षणिक श्रेणी के सैकड़ों पद हैं. लेकिन, अधिकांश कॉलेजों ने इन पदों को नहीं भरा. ओबीसी एक्सपेंशन के इन पदों को भरने के लिए फोरम ने मांग की है कि यूजीसी दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलसचिव व सभी प्राचार्यों को सर्कुलर जारी कर 31 मई 2025 तक इन पदों को भरने के लिए एक्सटेंशन दे. उन्होंने मांग की है कि इस बार कोई कॉलेज ओबीसी एक्सपेंशन के इन पदों को नहीं भरता है तो उनकी ग्रांट बंद कर देनी चाहिए.
फोरम के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने बताया कि कॉलेज प्राचर्यों ने यह स्वीकार किया कि पिछले दो साल से शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया के चलते वे ओबीसी एक्सपेंशन के इन पदों को अभी तक नहीं भर पाए. प्राचार्यों का यह भी कहना है कि जब तक यूजीसी पुनः इन पदों को भरने संबंधी निर्देश नहीं देगी वे इन पदों को नहीं भर पाएंगे.
इसलिए फोरम मांग करता है कि ओबीसी एक्सपेंशन स्कीम के अंतर्गत इन पदों को भरने के लिए पुनः एक साल का एक्सटेंशन देते हुए 31 मई 2025 तक समय दिया जाए. इस संदर्भ में विश्वविद्यालय के कुलसचिव व कॉलेज प्राचार्यों को सर्कुलर जारी किया जाए, जिससे ओबीसी एक्सपेंशन के इन पदों को भरा जा सके. उन्होंने बताया है कि हर विभाग व कॉलेज में ओबीसी एक्सपेंशन की सीटें खाली पड़ी हुई हैं.
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डॉ. हंसराज सुमन ने बताया कि प्राचार्यों की मंशा इन खाली पदों को भरने की नहीं है. क्योंकि इन पदों पर ओबीसी के उम्मीदवार सेक्शन ऑफिसर, एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर, लाइब्रेरियन, एसपीएस, पीए, सीनियर असिस्टेंट, असिस्टेंट आदि पदों पर नियुक्ति होनी है. परन्तु प्राचार्यों ने पहले से इन पदों पर कॉन्ट्रैक्ट पर लोग लगाए हुए हैं.
उन्होंने बताया कि गत वर्ष यूजीसी की अवर सचिव वीना मेनन ने इस संदर्भ में कहा कि डीयू के कुलसचिव व सभी महाविद्यालयों के प्राचार्यों को 5 अक्टूबर 2023 से हम कुल सात बार समय सीमा को आगे बढ़ाने का निर्देश दे चुके हैं. अब काफी समय व्यतीत हो जाने के बाद समय सीमा के विस्तार के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले महाविद्यालयों से प्रार्थना पत्र भेजे जा रहे हैं.
यूजीसी ने जानकारी दी कि ओबीसी एक्सपेंसन के पदों को भरने के लिए पुनः समय सीमा विस्तार के लिए शिक्षा मंत्रालय की संस्तुति के लिए इसे आगे भेज दिया है. फिलहाल कॉलेज के प्राचार्यों ने ओबीसी एक्सपेंशन के इन पदों का रोस्टर रजिस्टर तैयार किया हुआ है. वे यूजीसी से सर्कुलर आने का इंतजार कर रहे हैं.
सुमन ने बताया है कि यूजीसी इससे पहले भी डीयू के कुलसचिव व कॉलेजों के प्राचार्यों को 17 मार्च 2021 व 26 अप्रैल 2022 को सर्कुलर जारी कर 31 मार्च 2023 तक ओबीसी एक्सपेंशन के इन पदों को स्पेशल ड्राइव के तहत भरने को कहा गया था, किंतु प्राचार्यों ने इन पदों को भरने में कोई तत्परता नहीं दिखाई. हालांकि, कुछ कॉलेज प्राचार्यों ने तो इन पदों को भरने के लिए विज्ञापन तक नहीं निकाले थे, जिन कॉलेजों के प्राचार्यों ने इन पदों को भरने के विज्ञापन निकाले.
उन्होंने ट्रेंकेटिड (बिना चुनी हुई) गवर्निंग बॉडी का बहाना बनाकर इन पदों को नहीं भरा. जबकि, पूर्व में ट्रेंकेटिड गवर्निंग बॉडी के माध्यम से स्थायी शिक्षकों व गैर शैक्षणिक पदों पर नियुक्ति होती रही है. 9 मार्च 2024 को चुनाव आचार संहिता के कारण प्रक्रिया को रोक दिया गया है. ओबीसी एक्सपेंशन के सबसे ज्यादा पद दिल्ली सरकार के कॉलेजों में हैं.
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