कानपुर : चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के पूर्व कुलपति डॉ. दुनिया राम सिंह पर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगा है. मंडलायुक्त की जांच में इसकी पुष्टि हो चुकी है. कमिश्नर की ओर से शासन को इसकी रिपोर्ट भी भेजी गई थी. अब शासन ने पूर्व कुलपति पर कार्रवाई करने के लिए राज्यपाल को पत्र भेजा है.
पूर्व कुलपति डॉ. दुनिया राम सिंह इस समय बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के कुलपति हैं. ईटीवी भारत से फोन पर हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि उन्हें फंसाने की साजिश रची गई है. उन्होंने बताया कि उनके कार्यकाल के दौरान ही सीएसए में पहली बार नैक मूल्यांकन किया गया था. विश्वविद्यालय को नैक से ग्रेड भी मिली थी.
उन्होंने कहा कि उन पर लगाए गए आरोप निराधार हैं. अगर उनका पक्ष कहीं भी पूछा जाएगा तो वह अपनी बात रखने के लिए तैयार हैं. उन्होंने जितने शोध कार्य अपने कार्यकाल के दौरान विभिन्न विश्वविद्यालयों में कराए हैं, अब उन्हें नीति आयोग ने भी पहचाना है. नीति आयोग के अफसरों से भी वह सीधा संवाद करते हैं. आने वाले समय में वह कृषि के क्षेत्र में कुछ ऐसे शोध करना चाहते हैं जिससे किसानों को बहुत अधिक राहत मिल सके.
पूर्व कुलपति डॉ. डीआर सिंह पर वित्तीय भ्रष्टाचार, अवैधानिक तरीके से राजकीय कोष में हेराफेरी, धन उगाही कर अपात्र कार्मिकों को अनुचित लाभ देने आदि के आरोप लगे थे. इसके बाद कमिश्नर की जांच की थी. इसमें आरोप सही पाए गए थे. इसके बाद 24 सितंबर 2024 को मंडलायुक्त ने अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी थी. इसके बाद 23 जनवरी को शासन के विशेष सचिव ने राज्यपाल को पूर्व कुलपति पर कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है. वहीं चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में पूर्व कुलपति वाले खेमे में इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है.
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