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जेसीटीएसएल के पूर्व टाइमकीपर को चार साल की सजा - Jaipur latest news

Former timekeeper sentenced to four years, एसीबी मामलों की विशेष अदालत ने जेसीटीएसएल के विद्याधर नगर डिपो में आठ साल पहले भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में तत्कालीन टाइमकीपर लल्लू लाल को चार साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने सत्तर वर्षीय इस अभियुक्त पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

Former timekeeper sentenced to four years
Former timekeeper sentenced to four years
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 7, 2024, 8:41 PM IST

जयपुर. एसीबी मामलों की विशेष अदालत ने जेसीटीएसएल के विद्याधर नगर डिपो में आठ साल पहले भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में तत्कालीन टाइमकीपर लल्लू लाल को चार साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने सत्तर वर्षीय इस अभियुक्त पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. एसीबी की ओर से सहायक निदेशक अभियोजन मंजुला जैन ने बताया कि तत्कालीन परिचालक महेश कुमार ने 21 अक्टूबर, 2016 को एसीबी में शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसमें कहा गया कि विद्याधर नगर डिपो में रोडवेज से रिटायर संविदाकर्मी टाइमकीपर लल्लू लाल ड्यूटी निर्धारित करने के लिए प्रतिमाह 500 रुपए जबरन डरा-धमकाकर लेता हैं.

यदि उसे रिश्वत न दे तो वो छुट्टी को भी गैर हाजिरी में बदल देता है. इसके अलावा गैर हाजिरी को ड्यूटी रेस्ट में बदलने के लिए भी रिश्वत मांगता है. वहीं, छुट्टी देने सहित अन्य कामों के भी पैसे लेता है. जब उसे रिश्वत नहीं दी जाती तो वो मुख्य प्रबंधक से नोटिस दिलाता है. हालांकि, मुख्य प्रबंधक सीधा रिश्वत नहीं मांगता है, लेकिन लल्लू लाल की उगाही कर राशि मुख्य प्रबंधक को देता हैं.

इसे भी पढ़ें - जोधपुर क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव को हाईकोर्ट में चुनौती, नोटिस जारी

रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए एसीबी ने 24 अक्टूबर को लल्लू लाल को 800 रुपए लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया. वहीं, अभियुक्त की ओर से कहा गया की प्रकरण में उसे फंसाया गया है. उसके पास ऐसा कोई काम नहीं था, जिसके बदले वह रिश्वत मांगता है. विभागीय कर्मचारी ने उसे द्वेषता के चलते जबरन मामले में फंसाया है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को चार साल की सजा सुनाई है.

जयपुर. एसीबी मामलों की विशेष अदालत ने जेसीटीएसएल के विद्याधर नगर डिपो में आठ साल पहले भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में तत्कालीन टाइमकीपर लल्लू लाल को चार साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने सत्तर वर्षीय इस अभियुक्त पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. एसीबी की ओर से सहायक निदेशक अभियोजन मंजुला जैन ने बताया कि तत्कालीन परिचालक महेश कुमार ने 21 अक्टूबर, 2016 को एसीबी में शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसमें कहा गया कि विद्याधर नगर डिपो में रोडवेज से रिटायर संविदाकर्मी टाइमकीपर लल्लू लाल ड्यूटी निर्धारित करने के लिए प्रतिमाह 500 रुपए जबरन डरा-धमकाकर लेता हैं.

यदि उसे रिश्वत न दे तो वो छुट्टी को भी गैर हाजिरी में बदल देता है. इसके अलावा गैर हाजिरी को ड्यूटी रेस्ट में बदलने के लिए भी रिश्वत मांगता है. वहीं, छुट्टी देने सहित अन्य कामों के भी पैसे लेता है. जब उसे रिश्वत नहीं दी जाती तो वो मुख्य प्रबंधक से नोटिस दिलाता है. हालांकि, मुख्य प्रबंधक सीधा रिश्वत नहीं मांगता है, लेकिन लल्लू लाल की उगाही कर राशि मुख्य प्रबंधक को देता हैं.

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रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए एसीबी ने 24 अक्टूबर को लल्लू लाल को 800 रुपए लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया. वहीं, अभियुक्त की ओर से कहा गया की प्रकरण में उसे फंसाया गया है. उसके पास ऐसा कोई काम नहीं था, जिसके बदले वह रिश्वत मांगता है. विभागीय कर्मचारी ने उसे द्वेषता के चलते जबरन मामले में फंसाया है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को चार साल की सजा सुनाई है.

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