जयपुर. प्रदेश में पूर्व सैनिकों को शिक्षा विभाग में शिक्षक बनाने के लिए प्रावधान तय किए जा रहे हैं. हालांकि, इसमें वही पूर्व सैनिक शिक्षक बन पाएंगे, जिन्होंने सेवा काल में बतौर यूनिट एजुकेशन इंस्ट्रक्टर (यूईआई) काम किया है. इसके साथ ही शहीद वीरांगनाओं या आश्रित परिवारों को शिक्षा विभाग में अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने के प्रस्ताव पर भी काम किया जा रहा है.
यूईआई को बीएड एसटीसी के बराबर माना जाए : प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने संकेत दिए हैं कि योग्यता धारी पूर्व सैनिकों को सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनाया जा सकेगा. शिक्षा मंत्री ने बताया कि सभी सैनिक शिक्षक नहीं बन सकते. शिक्षक के लिए बीएड एसटीसी जरूरी है, लेकिन पूर्व सैनिकों के पास बीएड की डिग्री नहीं होने की वजह से उन्हें शिक्षा विभाग में नियुक्ति नहीं दी जाती. मिलिट्री में जो यूनिट एजुकेशन इंस्ट्रक्टर (यूईआई) होता है, कोशिश करेंगे कि उसे बीएड एसटीसी के बराबर माना जाए. इससे ऐसे पूर्व सैनिकों को सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनने का मौका मिलेगा.
इसपर भी चल रहा विचार : उन्होंने कहा कि शहीदों के परिजनों को तो अनुकंपा नियुक्ति मिलिट्री में भी मिल जाती है, लेकिन जिनका सामान्य निधन हुआ है, उन्हें अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रावधान नहीं है. ऐसे परिवारों को संबल प्रदान करने के लिए विचार किया जा रहा है. हालांकि, अभी ये तय नहीं किया गया है कि उन्हें शिक्षक ही बनाया जाएगा. आपको बता दें कि राजस्थान सरकार ने विधवा महिला को आरक्षण देने का प्रावधान पहले ही तय कर रखा है. इसके साथ ही विभिन्न नौकरियों में भी एक्स मिलिट्री मैन को आरक्षण मिलता है. ऐसे में शिक्षा मंत्री ने पहले से निर्धारित कोटा के आधार पर नियुक्ति देने की बात भी कही.