पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अब दल बदल का खेल शुरू हो चुका है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और पांच बार के सांसद देवेंद्र प्रसाद यादव सोमवार को जन सुराज में शामिल हुए. जन सुराज के संरक्षक प्रशांत किशोर ने उन्हें संगठन की सदस्यता दिलवाई. इस दौरान दोनों ने आरजेडी पर जमकर हमला किया.
देवेंद्र प्रसाद यादव जन सुराज में हुए शामिल: देवेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि कृष्ण जन्माष्टमी के अगले दिन जन सुराज में शामिल होने का इसलिए निर्णय लिया क्योंकि आज बिहार में वैसे लोगों के हाथ में सत्ता चली गई है जिन्होंने राम मनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण, बाबा साहेब अंबेडकर के सिद्धांतों को छलने का काम किया. आज प्रशांत किशोर गरीबों की लड़ाई लड़ रहे हैं. प्रशांत किशोर सभी लोगों को जगाने का काम कर रहे हैं और यही कारण है कि वह प्रशांत किशोर के साथ जुड़ना चाह रहे थे.
"बिहार बदहाल हो गया है. किसानों पर संकट है. लोग गांधी, लोहिया और अंबेडकर का नाम लेते हैं, लेकिन उनकी विचारधारा से सहमत नहीं हैं. अधिकतर राजनीतिक दलों ने इन्हें वोट लेने का तंत्र बना लिया है. मैं प्रशांत किशोर के समूह में शामिल हो रहा हूं."-देवेंद्र प्रसाद यादव, पूर्व सांसद
राजद के ए टू जेड पर तंज: लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए देवेंद्र यादव ने कहा कि यही लोग ए टू जेड की पार्टी अपने आप को बता रहे हैं, लेकिन यह एक परिवार की पार्टी बनकर रह गई है. पूरे मिथिलांचल और सीमांचल में उनकी पार्टी सिमट कर रह गई. कहां चला गया उनका ए टू ज का फार्मूला? लालू यादव के परिवार पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि यह लोग सिर्फ जाति के नाम पर राजनीति कर रहे हैं. राम मनोहर लोहिया और मधु लिमये की जाति के कारण उनकी तस्वीर राजद के पोस्टर से हटा दी गई.
'अच्छे लोगों की तलाश'-PK: वहीं प्रशांत किशोर का कहना है कि जन सुराज का सिद्धांत है अच्छे और सच्चे लोग. यही कारण है कि देवेंद्र यादव को अपने साथ जोड़ने का प्रयास किया था. देवेंद्र यादव हमारे अभियान से जुड़ गए हैं. आज बिहार को सुधार करने की जरूरत है इसीलिए देवेंद्र बाबू जैसे लोगों जन सुराज से जुड़े हैं.
"प्रशांत किशोर कुम्हार की तरह है जो अच्छी मिट्टी की तलाश करता है. देवेंद्र यादव जैसे लोगों को अगले 15 वर्ष तक की जरूरत है. बिहार के लोगों में समता मूलक समाज का निर्माण हो यही अभियान लेकर निकले हैं."- प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज
प्रशांत किशोर का पदयात्रा रहेगी जारी: पीके ने कहा कि बिहार के लिए अब महिला राजनीति पर बात करने के लिए 2 दिन पहले 15 हजार महिला पूरे बिहार से चल कर पटना आई यह अद्भुत घटना है. आज लोग नेता के चेहरे देख कर नहीं अपने संतान के चेहरा देख कर वोट करेंगे. बिहार में परिवर्तन नहीं होता तब तक पदयात्रा चलती रहेगी. इसके लिए 2 साल का समय लगे या 10 साल का, प्रशांत किशोर रुकने वाला नहीं है.
'अभियान की फंडिंग कहां से हो रही': प्रशांत किशोर ने पहली बार बताया कि उनको फंडिंग कहां से हो रही है. उन्होंने कहा कि जिंदगी भर राजनीतिक दलों के लिए काम किया है. उनसे अभी पैसा ले रहे हैं की बच्चों के भविष्य को सुधारा जा सके. बिहार में कोई माय का लाल नहीं कह सकता है कि उनसे पैसा लिए हैं. जब पार्टी बन जाएगी तब 100 रु एक साल का मेंबरशिप फीस लेंगें. यदि 2 करोड़ लोगों से 100 रु लेते हैं तो 200 करोड़ रुपया जमा होगा और बेहतर भविष्य के लिए बिहार का हर आदमी 100 रु देने के लिए तैयार हो जाएगा, पत्रकार भी तैयार हो जाएंगे.
कौन हैं देवेंद्र यादव?: बता दें कि देवेंद्र यादव आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुके हैं. लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. देवेंद्र झंझारपुर से पांच बार सांसद रह चुके हैं. 1989,1991और 1996 में जनता दल और 1999 में जेडीयू और 2004 में आरजेडी की टिकट पर चुनाव लड़े और सांसद बने. एचडी देवेगौड़ा की सरकार में केंद्रीय खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले के मंत्री रह चुके हैं. समाजवादी जनता दल डेमोक्रेटिक का गठन किया था, जिसका आरजेडी में विलय हो गया था.
ये भी पढ़ें