लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और सीतापुर के पूर्व सांसद राजेश वर्मा को अध्यक्ष मनोनीत किया गया है. भारतीय जनता पार्टी की ओर से सरकार को दी गई सूची के मुताबिक सरकार ने यह बड़े बदलाव किए हैं. अध्यक्ष राजेश वर्मा के अलावा 26 अन्य सदस्यों की भी घोषणा की गई है. सभी भारतीय जनता पार्टी कैडर के मूल कार्यकर्ता हैं. आयोग में नेताओं और कार्यकर्ताओं को सेट करके भाजपा अपने संगठन में मजबूती दे रही है.
उत्तर प्रदेश शासन के पिछड़ा वर्ग कल्याण अनुभाग की ओर से प्रमुख सचिव सुभाष चंद्र शर्मा ने आयोग के गठन संबंधित शासनादेश शुक्रवार की शाम जारी किया. लखनऊ में अलीगंज के रहने वाले राजेश वर्मा को अध्यक्ष बनाया गया है, जो कि सीतापुर के पूर्व सांसद हैं. राजेश वर्मा साल 1999 और 2004 में सीतापुर से सांसद थे. मिर्जापुर के रहने वाले सोहनलाल श्रीमाली, रामपुर के सूर्य प्रकाश पाल, चंदौली के सत्येंद्र कुमार बारी, सहारनपुर के मेला राम पवार, अयोध्या के वासुदेव मौर्य, कुशीनगर के फूल बदन कुशवाहा, मऊ के विनोद यादव, चंदौली के शिवमंगल बियार, कानपुर के अशोक सिंह, गोरखपुर के चिरंजीवी चौरसिया, झांसी के कुलदीप विश्वकर्मा, लखनऊ के लक्ष्मण सिंह, गाजीपुर के मुरहु राजभर, सुल्तानपुर के घनश्याम चौहान, गोरखपुर के आरडी सिंह, महाराजगंज के जनार्दन गुप्ता, शामली के रमेश कश्यप, शामली के प्रमुख सैनी, सीतापुर के करुणा शंकर पटेल, गोरखपुर के रविंद्र मणि, लखनऊ के राम शंकर साहू, लखनऊ के विनोद सिंह, कासगंज के महेंद्र सिंह राणा, कानपुर की रिचा राजपूत और प्रयागराज की रामकृष्ण सिंह पटेल को उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग का सदस्य बनाया गया है.
गौरतलब है कि लंबे समय से पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन न किए जाने की वजह से आयोग के काम रूके हुए थे, जिससे सरकार की किरकिरी हो रही थी. राजनीतिक माहौल को देखते हुए सरकार के लिए जरूरी होता जा रहा था कि इन पदों को जल्द से जल्द भरे. जिसकी घोषणा शुक्रवार को की गई है. माना जा रहा है कि आयोग और बोर्ड के अन्य खाली पदों को भी जल्द भरा जाएगा, जिससे भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं का इंतजार समाप्त हो सकता है.