लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति आयोग के पैनल की घोषणा कर दी है. समाज कल्याण विभाग की तरफ से इसकी सूचना जारी की गई है. जारी सूचना के अनुसार पूर्व विधायक बैजनाथ रावत को उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. इसके अलावा दो लोगों को उपाध्यक्ष और 17 लोगों को सदस्य के तौर पर आयोग पर शामिल किया गया है. राज्यपाल से अनुमति मिलने के बाद इन नामो को विभाग ने जारी किया है.
आयोग में 17 सदस्य बनाए गए हैं: उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति व जनजाति आयोग के अध्यक्ष के तौर पर बाराबंकी जिले के पूर्व विधायक बैजनाथ रावत को अध्यक्ष बनाया गया है. तो वही गोरखपुर के पूर्व विधायक बेचन राम और सोनभद्र के रहने वाले जीत सिंह खरवार को उपाध्यक्ष के तौर पर आयोग में रखा गया है. इसके अलावा मेरठ के हरेंद्र जाटव, सहारनपुर के महिपाल वाल्मीकि, बरेली के संजय सिंह, आगरा के दिनेश भारत, हमीरपुर के शिवनारायण सोनकर, औरैया के नीरज गौतम, लखनऊ के रमेश कुमार तूफानी, मेरठ के नरेंद्र सिंह खजूरी, आजमगढ़ के तिजाराम, मऊ से विनय राम गोंडा से अनिता गौतम कानपुर से रमेश चंद्र भदोही से मिठाई लाल बरेली से उमेश कठेरिया लखनऊ से अजय करी कौशांबी से जितेंद्र कुमार और अंबेडकर नगर से अनीता कमल को आयोग के सदस्य के तौर पर नामित किया गया है.
तीन बार विधायक और एक बार सांसद रह चुके हैं बैजनाथ रावत: उत्तर प्रदेश के अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के नए अध्यक्ष बने बैजनाथ रावत भारतीय जनता पार्टी के बड़े दलित नेता में से एक है. उन्होंने 80 के दशक में अपने राजनीतिक कैरियर की शुरूआत किया था. वह साल 2017 में बाराबंकी के हैदरगढ़ विधानसभा से विधायक चुने गए थे. उन्होंने समाजवादी पार्टी के दिग्गज विधायक राम मगन को हराया था. बैजनाथ रावत तीन बार विधायक रह चुके हैं जबकि वह एक बार साल 1998 में बाराबंकी संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व भी कर चुके है. साथ ही उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री का भी जिम्मेदारी सौंप गई थी. बैजनाथ रावत के बारे में बाराबंकी में कहा जाता है कि उनकी छवि ईमानदार और एक सच्चे नेता की है. वह अपने गांव में बहुत ही साधारण जीवन जीते हैं और आज भी खेती बाड़ी में उनका समय व्यतीत होता है.