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पूर्व मंत्री शिव डहरिया की पत्नी पर ईडब्ल्यूएस की जमीन कब्जाने का आरोप, सामान्य सभा में उठे सवाल, जांच के आदेश

Raipur Nagar Nigam छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री शिव डहरिया की पत्नी की मुसीबतें बढ़ सकती है. शकुन डहरिया के खिलाफ एक सामुदायिक भवन पर कब्जे का आरोप हैं. बुधवार को रायपुर नगर निगम की सामान्य सभा की बैठक में नेता प्रतिपक्ष ने इस मामले को उठाया था. इस पर जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं. ऐसे में पूर्व मंत्री और उनकी पत्नी की मुसीबतें अब बढ़ती हुई दिखाई दे रही है.

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पूर्व मंत्री शिव डहरिया की पत्नी पर गंभीर आरोप
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 23, 2024, 11:30 AM IST

पूर्व मंत्री शिव डहरिया की पत्नी पर गंभीर आरोप

रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री शिव डहरिया की पत्नी शकुन डहरिया को लेकर 2 दिन से रायपुर नगर निगम में हंगामा मचा हुआ है. पूर्व मंत्री शिव डहरिया की पत्नी शकुन डहरिया के खिलाफ एक सामुदायिक भवन पर कब्जे का आरोप है. आरोप है कि शकुन डहरिया ने एक नहीं बल्कि दो जगहों पर कब्जा कर रखा था. ईडब्ल्यूएस की लगभग 15 हजार स्क्वायर फीट जमीन पर भवन और आलीशान गार्डन बनाने का आरोप शकुन डहरिया पर है. रायपुर नगर निगम की सामान्य सभा की बैठक में इसे लेकर जांच के आदेश दिए गए हैं.

नेता प्रतिपक्ष ने सामान्य सभा में उठाया मुद्दा: नगर निगम सामान्य सभा में प्रश्न कल के दौरान नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने गुरु घासीदास वार्ड की शताब्दी नगर कॉलोनी में नगर निगम के सामुदायिक भवन पर पूर्व मंत्री की पत्नी शकुन डहरिया की समिति का कब्जा होने का आरोप लगाया था. इस बात को नेता प्रतिपक्ष ने दस्तावेजों के साथ सदन में प्रस्तुत किया था. जिसके बाद रायपुर नगर निगम सभापति प्रमोद दुबे ने इस मामले में निगम आयुक्त अविनाश मिश्रा को समिति बनाकर 15 दिनों में जांच करने के निर्देश दिए हैं.

नगर निगम के सामुदायिक भवन में अधिकारिता किसकी रहती है. नगर निगम के पार्षदों की जानकारी के बिना किसी भी संस्था को क्या सामुदायिक भवन नगर निगम आवंटित कर सकता है. शताब्दी नगर के सामुदायिक भवन मामले में किस नियम के तहत इसका आवंटन एनजीओ को किया गया है. - मीनल चौबे, नेता प्रतिपक्ष, रायपुर नगर निगम

एमआईसी सदस्य ने जांच कराने दिया भरोसा: नेता प्रतिपक्ष के सवालों के जवाब में एमआईसी सदस्य ज्ञानेश शर्मा ने सदन को बताया, "सामुदायिक भवन की अधिकारिता निगम के पास रहती है, उस भवन की चाबी जोन 10 के कमिश्नर के पास ही है. बिना पार्षदों की जानकारी भवन का आवंटन होना गंभीर विषय है. सामुदायिक भवन में साज सज्जा का सामान पर उक्त राशि खर्च किसके कहने पर खर्च की गई है, इसकी जांच कराई जाएगी."

पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने दी सफाई: इस मद्दे के सामने आने के बाद पूर्व मंत्री शिव डहरिया अपनी सफाई देते हुए नजर आए. उन्होंने कहा, "ये एमआईसी से स्वीकृत हुआ है, महापौर के दस्तखत भी हुए हैं. सरकारी जमीन पर नहीं बनाया गया, जमीन समिति की है. सोसायटी के जरिए समिति के पास दिया गया और मुझे लगातार टारगेट किया जा रहा है."

शिव डहरिया की बढ़ेगी मुश्किलें: सरकारी आवास से महंगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और सामान ले जाने के आरोपों के बाद पूर्व मंत्री शिव डहरिया की मुश्किलें और बढ़ गई है. उनकी पत्नी शकुन डहरिया की समिति पर सामुदायिक भवन में कब्जा किए जाने का आरोप है. जानकारी के मुताबिक, अटल आवास के मकानों को तोड़कर इसे बनाया गया है. इतना ही नहीं भवन और गार्डन बनने पर नगर निगम स्मार्ट सिटी और सरकारी एजेंसियों का लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपए खर्च किया गया है.

शकुन डहरिया की समिति पर है आरोप: दरअसल, जिस राजश्री सद्भावना समिति ने सामुदायिक भवन पर कब्जा कर रखा है, उस समिति की शकुन डहरिया अध्यक्ष हैं. उनके लेटरपैड और उनके हस्ताक्षर के साथ जोन 10 के आयुक्त के नाम आवेदन किया गया था, जिसमें शताब्दी नगर में निर्मित सामुदायिक भवन का संचालन और हस्तांतरण करने की अनुमति मांगी गई थी. इस पर मेयर इन काउंसिल की 16 जून 2022 को हुई बैठक में प्रस्ताव रखा गया, जिसे एमआईसी द्वारा पारित भी किया गया था.

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नेता प्रतिपक्ष ने सामान्य सभा में उठाया मुद्दा: नगर निगम सामान्य सभा में प्रश्न कल के दौरान नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने गुरु घासीदास वार्ड की शताब्दी नगर कॉलोनी में नगर निगम के सामुदायिक भवन पर पूर्व मंत्री की पत्नी शकुन डहरिया की समिति का कब्जा होने का आरोप लगाया था. इस बात को नेता प्रतिपक्ष ने दस्तावेजों के साथ सदन में प्रस्तुत किया था. जिसके बाद रायपुर नगर निगम सभापति प्रमोद दुबे ने इस मामले में निगम आयुक्त अविनाश मिश्रा को समिति बनाकर 15 दिनों में जांच करने के निर्देश दिए हैं.

नगर निगम के सामुदायिक भवन में अधिकारिता किसकी रहती है. नगर निगम के पार्षदों की जानकारी के बिना किसी भी संस्था को क्या सामुदायिक भवन नगर निगम आवंटित कर सकता है. शताब्दी नगर के सामुदायिक भवन मामले में किस नियम के तहत इसका आवंटन एनजीओ को किया गया है. - मीनल चौबे, नेता प्रतिपक्ष, रायपुर नगर निगम

एमआईसी सदस्य ने जांच कराने दिया भरोसा: नेता प्रतिपक्ष के सवालों के जवाब में एमआईसी सदस्य ज्ञानेश शर्मा ने सदन को बताया, "सामुदायिक भवन की अधिकारिता निगम के पास रहती है, उस भवन की चाबी जोन 10 के कमिश्नर के पास ही है. बिना पार्षदों की जानकारी भवन का आवंटन होना गंभीर विषय है. सामुदायिक भवन में साज सज्जा का सामान पर उक्त राशि खर्च किसके कहने पर खर्च की गई है, इसकी जांच कराई जाएगी."

पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने दी सफाई: इस मद्दे के सामने आने के बाद पूर्व मंत्री शिव डहरिया अपनी सफाई देते हुए नजर आए. उन्होंने कहा, "ये एमआईसी से स्वीकृत हुआ है, महापौर के दस्तखत भी हुए हैं. सरकारी जमीन पर नहीं बनाया गया, जमीन समिति की है. सोसायटी के जरिए समिति के पास दिया गया और मुझे लगातार टारगेट किया जा रहा है."

शिव डहरिया की बढ़ेगी मुश्किलें: सरकारी आवास से महंगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और सामान ले जाने के आरोपों के बाद पूर्व मंत्री शिव डहरिया की मुश्किलें और बढ़ गई है. उनकी पत्नी शकुन डहरिया की समिति पर सामुदायिक भवन में कब्जा किए जाने का आरोप है. जानकारी के मुताबिक, अटल आवास के मकानों को तोड़कर इसे बनाया गया है. इतना ही नहीं भवन और गार्डन बनने पर नगर निगम स्मार्ट सिटी और सरकारी एजेंसियों का लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपए खर्च किया गया है.

शकुन डहरिया की समिति पर है आरोप: दरअसल, जिस राजश्री सद्भावना समिति ने सामुदायिक भवन पर कब्जा कर रखा है, उस समिति की शकुन डहरिया अध्यक्ष हैं. उनके लेटरपैड और उनके हस्ताक्षर के साथ जोन 10 के आयुक्त के नाम आवेदन किया गया था, जिसमें शताब्दी नगर में निर्मित सामुदायिक भवन का संचालन और हस्तांतरण करने की अनुमति मांगी गई थी. इस पर मेयर इन काउंसिल की 16 जून 2022 को हुई बैठक में प्रस्ताव रखा गया, जिसे एमआईसी द्वारा पारित भी किया गया था.

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