चरखी दादरी: लोकसभा चुनाव से जेजेपी को बड़ा झटका देते हुए पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान पर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये हैं. करीब 6 महीने पहले शक्ति प्रदर्शन कर हजारों की भीड़ जुटाकर सतपाल सांगवान ने किसानों के मुद्दे पर जेजेपी छोड़ने का ऐलान किया था. सांगवान शुक्रवार को सोनीपत में अपने समर्थकों के साथ सोनीपत पहुंचे, जहां पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की ने बीजेपी की सदस्यता दिलाई. सांगवान ने कहा कि कार्यकर्ताओं से रायशुमारी करके ही उन्होंने भाजपा में जाने का फैसला लिया है.
जेजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे हैं सतपाल सांगवान
सतपाल सांगवान जेजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुके हैं. सांगवान ने कहा कि करीब 6 माह पहले कार्यकर्ता सम्मेलन करके शक्ति प्रदर्शन किया था. इस दौरान कार्यकर्ताओं से राशुमारी करते हुए भाजपा में जाने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने टिकट की गारंटी नहीं दी तो कार्यकर्ताओं की बदौलत भाजपा में शामिल हो रहे हैं. कार्यकर्ताओं ने कहा है कि उस पार्टी में जाएं जहां टिकट मिल सके. सांगवान ने पीएम मोदी की सराहना करते हुए कहा कि देश में बहुत अच्छा हो रहा है और तीसरी बार भी नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बनेंगे.
बंसीलाल के कहने पर राजनीति में आये सतपाल सांगवान
सतपाल सांगवान चरखी दादरी से 6 बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं. बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी (हविपा) के टिकट पर पहली बार 1996 में चरखी दादरी से विधायक बने थे. विधायक बनने से पहले सतपाल टेलीफोन एक्सचेंज में एसडीओ के पद पर कार्यरत थे. नौकरी से वीआरएस दिलवा कर पूर्व सीएम चौधरी बंसीलाल उन्हें राजनीति में लाये थे.
2019 में जेजेपी से लड़े थे विधानसभा चुनाव
सतपाल सांगवान चरखी दादरी से हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां) के टिकट पर 2009 में दोबारा विधायक बने थे. बाद में वो कांग्रेस में शामिल हो गये और भूपेंद्र हुड्डा सरकार में सहकारिता मंत्री बने. 2014 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर वो चुनाव हार गए. 2019 के चुनाव में कांग्रेस ने उनका टिकट काट दिया. जिसके बाद वो जननायक जनता पार्टी में शामिल हो गए और जजपा से विधानसभा का चुनाव लड़ा. इस चुनाव में सतपाल सांगवान दूसरे नंबर पर रहे.
किसान आंदोलन के दौरान छोड़ी जेजेपी
किसान आंदोलन के दौरान सांगवान ने जजपा को अलविदा कह दिया था. उसके बाद कभी भी जजपा के किसी भी प्रोग्राम में उन्होंने शिरकत नहीं की थी. पिछले करीब साल के दौरान सतपाल सांगवान सार्वजनिक मंचों पर भी किसी भी पार्टी में नहीं होने का ऐलान कर चुके हैं. वो लगातार कांग्रेस या बीजेपी में जाने की चर्चा चल रही थी. आखिरकार उन्होंने भाजपा में जाने का फैसला किया है.