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Jharkhand Election 2024: लुईस मरांडी झामुमो में शामिल, कुणाल षाड़ंगी और गणेश महली ने भी थामा तीर धनुष का दामन

पूर्व मंत्री लुईस मरांडी झामुमो में शामिल हो गई हैं. उनके साथ ही कुणाल षाड़ंगी और गणेश महली भी झामुमो में शामिल हुए हैं.

Jharkhand Assembly Election
सीएम के साथ झामुमो के नए सदस्य (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 21, 2024, 10:48 PM IST

रांची: भाजपा सरकार में मंत्री और दुमका की पूर्व विधायक लुईस मरांडी झामुमो में शामिल हो गईं. उनके साथ गणेश महली और कुणाल षाड़ंगी भी झामुमो में शामिल हुए. सीएम हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन की मौजूदगी में सभी ने झामुमो का दामना थामा.

झामुमो में शामिल होने से पहले लुईस मरांडी ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया. अपने इस्तीफे में लुईस ने बीजेपी पर अनदेखी समेत कई आरोप लगाए. दरअसल, 19 अक्टूबर को बीजेपी ने अपने 66 प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी. इनमें कई नेता जो टिकट की उम्मीद लगाए बैठे थे उन्हें टिकट नहीं मिला.

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झामुमो में शामिल हुए नेताओं के साथ सीएम हेमंत सोरेन (ETV Bharat)

भाजपा की लिस्ट जारी होने के बाद ऐसे नेताओं ने बगावती तेवर अख्तियार कर लिए हैं. तभी से चर्चा थी कि लुईस मरांडी बीजेपी से नाराज हैं, क्योंकि उन्हें दुमका से टिकट नहीं दिया गया है.

वहीं, दूसरी तरफ लुईस मरांडी की दुमका सीट को सुनील सोरेन को दे दिया गया है. सुनील सोरेन दुमका से सांसद थे, लेकिन उनका टिकट काटकर सीता सोरेन को दिया गया. हालांकि सीता सोरेन लोकसभा चुनाव झामुमो के नलिन सोरेन से हार गईं. अब उन्हें जामताड़ा से टिकट दिया गया है.

पिछले दिनों जब दुमका से सुनील सोरेन को बीजेपी का संभावित उम्मीदवार बताया जा रहा था तो लुईस मरांडी के समर्थक सुनील सोरेन के समर्थक से भिड़ गए थे. दोनों के बीच ना सिर्फ तीखी नोकझोंक हुई थी बल्कि मामला चाकूबाजी तक पहुंच गया था.

यहां जानिए देर शाम का पूरा घटनाक्रम

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन की मौजूदगी में लुईस मरांडी को जेएमएम की सदस्यता दिलाई गई. लुईस मरांडी के बारे में चर्चा है कि वे जामा सीट से जेएमएम के टिकट पर चुनाव लड़ेंगी. सीएम आवास पर देर शाम पहुंचने वाले दूसरे नेता कुणाल सारंगी रहे. कभी झारखंड मुक्ति मोर्चा से बीजेपी में शामिल होकर प्रदेश प्रवक्ता की भूमिका निभा रहे कुणाल षाड़ंगी का बीजेपी से मोहभंग पिछले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हो चुका था और वे घर वापसी करने में लगे थे.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर वे फीलगुड में दिखे. जेएमएम की सदस्यता ग्रहण करनेवाले कुणाल षाड़ंगी को उम्मीद है कि पार्टी जरूर उनका भी खयाल रखेगी. सीएम आवास पर पहुंचनेवाले तीसरे नेता गणेश महली थे. सरायकेला विधानसभा सीट से वे भाजपा के प्रत्याशी रह चूके हैं. टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर गणेश महली ने प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को त्यागपत्र भेजा था उसके बाद सोमवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलने देर शाम पहुंच गए.

भाजपा में गुटबाजी चरम पर- लुईस मरांडी

लुईस मरांडी के द्वारा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह को भेजे गए इस्तीफा में संगठन के अंदर गुटबाजी चरम पर होने और पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता को दरकिनार करने का आरोप लगाया है. उन्होंने लिखा है कि पार्टी के अंदर गुटबाजी चरम पर पहुंच गई है और इसी का नतीजा है कि दुमका जैसी प्रतिष्ठित सीट पर भाजपा एक बार जीत हासिल करने के बाद लगातार हार का सामना कर रही है. पार्टी संगठन में अनुशासन की धज्जियां उड़ाई जा रही है समर्पित कार्यकर्ताओं के आस्था वह निष्ठा पर शक किया जा रहा है उनकी भावनाओं को खुले मंचों से अनादर किया जा रहा है.

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झामुमो में शामिल होने से पहले लुईस मरांडी ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया. अपने इस्तीफे में लुईस ने बीजेपी पर अनदेखी समेत कई आरोप लगाए. दरअसल, 19 अक्टूबर को बीजेपी ने अपने 66 प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी. इनमें कई नेता जो टिकट की उम्मीद लगाए बैठे थे उन्हें टिकट नहीं मिला.

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झामुमो में शामिल हुए नेताओं के साथ सीएम हेमंत सोरेन (ETV Bharat)

भाजपा की लिस्ट जारी होने के बाद ऐसे नेताओं ने बगावती तेवर अख्तियार कर लिए हैं. तभी से चर्चा थी कि लुईस मरांडी बीजेपी से नाराज हैं, क्योंकि उन्हें दुमका से टिकट नहीं दिया गया है.

वहीं, दूसरी तरफ लुईस मरांडी की दुमका सीट को सुनील सोरेन को दे दिया गया है. सुनील सोरेन दुमका से सांसद थे, लेकिन उनका टिकट काटकर सीता सोरेन को दिया गया. हालांकि सीता सोरेन लोकसभा चुनाव झामुमो के नलिन सोरेन से हार गईं. अब उन्हें जामताड़ा से टिकट दिया गया है.

पिछले दिनों जब दुमका से सुनील सोरेन को बीजेपी का संभावित उम्मीदवार बताया जा रहा था तो लुईस मरांडी के समर्थक सुनील सोरेन के समर्थक से भिड़ गए थे. दोनों के बीच ना सिर्फ तीखी नोकझोंक हुई थी बल्कि मामला चाकूबाजी तक पहुंच गया था.

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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन की मौजूदगी में लुईस मरांडी को जेएमएम की सदस्यता दिलाई गई. लुईस मरांडी के बारे में चर्चा है कि वे जामा सीट से जेएमएम के टिकट पर चुनाव लड़ेंगी. सीएम आवास पर देर शाम पहुंचने वाले दूसरे नेता कुणाल सारंगी रहे. कभी झारखंड मुक्ति मोर्चा से बीजेपी में शामिल होकर प्रदेश प्रवक्ता की भूमिका निभा रहे कुणाल षाड़ंगी का बीजेपी से मोहभंग पिछले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हो चुका था और वे घर वापसी करने में लगे थे.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर वे फीलगुड में दिखे. जेएमएम की सदस्यता ग्रहण करनेवाले कुणाल षाड़ंगी को उम्मीद है कि पार्टी जरूर उनका भी खयाल रखेगी. सीएम आवास पर पहुंचनेवाले तीसरे नेता गणेश महली थे. सरायकेला विधानसभा सीट से वे भाजपा के प्रत्याशी रह चूके हैं. टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर गणेश महली ने प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को त्यागपत्र भेजा था उसके बाद सोमवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलने देर शाम पहुंच गए.

भाजपा में गुटबाजी चरम पर- लुईस मरांडी

लुईस मरांडी के द्वारा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह को भेजे गए इस्तीफा में संगठन के अंदर गुटबाजी चरम पर होने और पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता को दरकिनार करने का आरोप लगाया है. उन्होंने लिखा है कि पार्टी के अंदर गुटबाजी चरम पर पहुंच गई है और इसी का नतीजा है कि दुमका जैसी प्रतिष्ठित सीट पर भाजपा एक बार जीत हासिल करने के बाद लगातार हार का सामना कर रही है. पार्टी संगठन में अनुशासन की धज्जियां उड़ाई जा रही है समर्पित कार्यकर्ताओं के आस्था वह निष्ठा पर शक किया जा रहा है उनकी भावनाओं को खुले मंचों से अनादर किया जा रहा है.

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