जयपुर: लोकसभा चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में कांग्रेस नेताओं ने भाजपा का दामन थामा था. हजारों की संख्या में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए नेता और कार्यकर्ताओं का अब 4 महीने की भीतरी ही भाजपा से मोह भंग होने लगा है. कई कार्यकर्ताओं के बाद अब बड़े नेताओं ने भी बीजेपी से अपना नाता तोड़ लिया है. इसी कड़ी में पूर्व सांसद खिलाड़ी लाल बैरवा ने भाजपा की प्राथमिक सदस्य से इस्तीफा दे दिया है. बैरवा ने अपना इस्तीफा नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के नाम पत्र लिखकर दिया, जिसमें उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं के लगातार भाजपा से दूरी का हवाला देते हुए अपना इस्तीफा दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की विचारधारा छोड़ भाजपा की विचारधारा से नहीं जुड़ पा रहा हूं.
ये लिखा पत्र में: खिलाड़ी लाल बैरवा ने अपने इस्तीफे में भारतीय जनता पार्टी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री (कांग्रेस) की ओर से अपने चौथी बार मुख्यमंत्री बनने की लालसा में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को कांग्रेस से बाहर करने का विफल प्रयास किया. सचिन पायलट के गुट के लोगों के फोन टेप करवाए, जिसका लोकेश शर्मा (ओ.एस.डी., पूर्व मुख्यमंत्री) सविस्तार बता चुके है. इनमें मेरा भी फोन टेप करवाया गया, जो कि जांच का विषय है. योजनाबद्ध तरीके के साथ मुझे भी पार्टी से निकाला गया, कुछ खास चापलूस लोगों की सिफारिश पर राजस्थान के इतने टुकड़े-टुकड़े कर दिए.
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बैरवा ने कहा कि पंचायत समिति स्तर के क्षेत्रफल वालों को जिले बना दिए, समाज के टुकड़े कर इतने सामाजिक बोर्ड बना दिए, जिनका स्वयं को भी पता नहीं. 18% अनुसूचित जाति के लोगों के लिए आयोग को वैधानिक दर्जे की बात की तो क्या गुनाह कर दिया. पूर्व सीएम की इस तरह के फैसलों की वजह से कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए, लेकिन काफी प्रयास के बाद भी मैं भाजपा की विचारधारा से अपने आप को जोड़ नहीं पा रहा हूं. मैंने 33 वर्ष कांग्रेस में सक्रिय राजनीति की है, कांग्रेस की विधारधारा मेरे खून में शामिल हो गई है. मुझे भाजपा से कोई शिकायत नहीं है, लेकिन मैं और मेरे साथी कार्यकर्ता भारतीय जनता पार्टी से अलग होते हुए प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं.