गयाः बिहार में एनआईए की छापरेमारी में पूर्व जदयू एमएलसी मनोरमा देवी के घर से 4 करोड़ रुपए बरामद हुए. इसको लेकर जब मीडिया ने मनोरमा देवी से जानकारी ली तो उन्होंने अपनी सफाई दी. मीडिया ने पूछा कि एनआईए आपके यहां छापेमारी करने क्यों आयी? इसपर उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी भी नहीं थी. सुबह के 6 बजे टीम आयी थी.
'मजदूरों को देने के लिए रखे थे पैसे': छापेमारी में क्या सब बरामद हुआ? इसपर मनोरमा देवी ने कहा कि जो भी रुपए बरामद हुए हैं सभी उनके हैं और इसका कागजात उनके पास उपलब्ध हैं. उन्होंने कहा कि राजनीति के अलावे बिजनेस भी है. इसी सिलसिले में रुपया रखा हुआ था. हथियार के बारे में कहा कि उनके घर से कोई हथियार बरामद नहीं हुई है. जो भी थे वे सभी गार्ड के थे.
"हमें तो कुछ मालूम भी नहीं था. सुबह के 6 बजे एनआईए की टीम आयी है. मेरे से जो भी कागजात मांगा गया, सारा पेपर टीम को दिए. राजनीति, बिजनेस, होटल और ठिकेदारी का सारा पेपर हमने उपलब्ध करा दिया है. जो भी रुपए बरामद हुए हैं, सभी मेरे हैं और उसके कागजात मेरे पास हैं. साइट पर ठिकेदार और मजदूर को देने के लिए रुपया रखे हुए थे." -मनोरमा देवी, जदयू एमएलसी
मनोरमा देवी के घर में NIA की रेड: बता दें कि गुरुवार की सुबह एनआईए की टीम ने बिहार के गया और कैमूर में पांच ठिकानों पर छापेमारी की. गया के एपी कॉलोनी स्थिज पूर्व जदयू एमएलसी मनोरमा देवी के घर में भी छापेमारी हुई. करीब 20 घंटे हुई छापेमारी में कैश और हथियार बरामद की गयी. इतने कैश मिले कि नोट गिनने के लिए टीम को मशीन मंगानी पड़ी. इस दौरान मनोरमा देवी के पुत्र से पूछताछ भी की गयी. हालांकि कैश के अलावे और क्या क्या जब्त की गयी है इसकी जानकारी मनोरमा देवी ने नहीं दी है.
इतने मिले कैश, हथियार भी बरामद : एनआईए के मुताबिक मनोरमाद देवी के घर से करीब 4.03 करोड़ रुपए बरामद किया गया. इसके अलावे हथियार बरामदगी की बात सामने आयी है. हालांकि इसको लेकर मनोरमा देवी ने कहा कि गार्ड के कुछ हथियार थे. एनआईए के मुताबिक इस छापेमारी में कुल 10 हथियार बरामद किया गया है.
एनआइए ने क्या बताया? : जांच एजेंसी एनआईए ने बताया कि, बिहार के गया और कैमूर जिलों में कुल पांच स्थानों पर तलाशी ली गई. तलाशी में भारी मात्रा में हथियार, नकदी और डिजिटल डिवाइस बरामद हुए. एनआईए के मुताबिक, तलाशी में साजिश मामले में तीन संदिग्धों के घर और कार्यालय परिसर शामिल थे, एनआईए की जांच में पाया गया कि तीनों मगध क्षेत्र में प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) को दोबारा खड़ा करने की साजिश चल रही थी. टीम ने कैमूर जिले में एक प्रिंटिंग प्रेस की भी तलाशी ली.
''तलाशी में विभिन्न बोर के दस हथियार, रुपये शामिल 4.03 करोड़ नकद, आपत्तिजनक दस्तावेज और विभिन्न डिजिटल डिवाइस बरामद किए गए.'' - एनआईए
Massive Haul of Arms, Cash & Digital Devices in NIA Searches in Bihar in CPI ( Magadh) Revival Case pic.twitter.com/0EB2ih4ohu
— NIA India (@NIA_India) September 19, 2024
दो गिरफ्तारी के बाद NIA की दबिश : एनआईए के मुताबिक यह मामला, 7 अगस्त 2023 को औरंगाबाद जिले के गोह थाना क्षेत्र से सीपीआई (माओवादी) के दो कार्यकर्ता रोहित राय और प्रमोद यादव की गिरफ्तारी से जुड़ा हैं. उस दौरान इनके पास से हथियार और गोला-बारूद के साथ-साथ सीपीआई (माओवादी) मगध जोनल सांगठनिक समिति से संबंधित पुस्तिकाएं मिलीं थी.
बिहार में नक्सली साजिश की थी तैयारी : बता दें कि 26 सितंबर 2023 को मामले में एजेंसी ने जांच शुरू की थी. जिसके बाद 20 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. दोनों आरोपी प्रमोद यादव और रोहित राय के खिलाफ आरोप पत्र दायर हुआ. जांच में पाया गया कि दोनों आरोपी प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) संगठन को फिर से खड़ा करने की तैयारी में जुटे थे.
एनआईए की चार्जशीट में एक और नाम : जांच एजेंसी ने बताया कि इस मामले में अब तक कुल छह आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके है. जुलाई 2024 में दूसरे पूरक आरोपपत्र में एनआईए ने एक अन्य आरोपी अनिल यादव उर्फ छोटा संदीप का नाम लिया था. फिलहाल मामले में आगे की जांच जारी है.
कौन है मनोरमा देवीः बता दें कि मनोरमा देवी बिहार विधान परिषद की पूर्व सदस्य है. जदयू की ओर से मनोरमा देवी को एमएलसी बनाया गया था. इनके पति विदगंत बिंदेश्वरी प्रसाद उर्फ बिंदी यादव राजनीति के सक्रिय नेता थे. जिला परिषद के सदस्य के अलावे अध्यक्ष भी रहे थे. मनोरमा देवी की बात करें तो इन्होंने विधानसभा चुनाव में भी अपनी किस्मत अजमायी थी लेकिन कामयाबी नहीं मिली. जदयू ने एमएलसी रहते हुए अतरी विधानसभा सीट टिकट दिया था.
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