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पूर्व शिक्षा मंत्री ने सुक्खू सरकार पर कसा तंज, आउटसोर्स पर शिक्षकों की भर्ती करना गलत - Govind singh Thakur slam Sukhu govt

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 5, 2024, 5:03 PM IST

Updated : Jul 5, 2024, 5:13 PM IST

Govind Singh Thakur slam Sukhu govt: जयराम सरकार में शिक्षा मंत्री रहे गोविंद सिंह ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा सुक्खू सरकार युवाओं को नियमित आधार पर नौकरी देने का वायदा भूल गई है.

Govind Singh Thakur slam Sukhu govt
सीएम सुक्खू और पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर (सोशल मीडिया)

कुल्लू: बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कांग्रेस की सुक्खू सरकार पर प्रारंभिक शिक्षा विभाग में आउटसोर्स के आधार पर प्री-प्राइमरी शिक्षक रखने के निर्णय पर विरोध जताया है.

पूर्व शिक्षा मंत्री ने कहा कांग्रेस पार्टी विधानसभा चुनाव से पहले अपने किए वायदों को भूल गई है. प्रदेश में सरकार बनने के बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में एक लाख युवाओं को नियमित आधार पर नौकरी देने का वायदा किया गया था, लेकिन रोजगार देना तो दूर उन्होंने पूर्व की जयराम सरकार के दौरान प्रदेशभर में आउटसोर्स के आधार पर विभिन्न विभागों में रखे गए 20 हजार से अधिक युवाओं को ही नौकरी से बाहर कर दिया.

गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा सुक्खू सरकार शिक्षा विभाग में प्री प्राइमरी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में दोहरा मापदंड अपना रही है. जिन युवाओं के पास दो साल का प्री-प्राइमरी शिक्षक कोर्स का डिप्लोमा होगा सरकार केवल उन्हीं शिक्षकों को नौकरी देगी. वहीं, जिनके पास एक साल का डिप्लोमा है, क्या उनको भी नौकरी पर रखा जाएगा?

पूर्व मंत्री ने कहा सीएम सुक्खू का गणित बड़ा कमजोर है. हिमाचल प्रदेश में नर्सरी टीचर ट्रेनिंग कोर्स का डिप्लोमा करने वाले अध्यापकों की संख्या 6297 नहीं बल्कि 800 से अधिक है. सीएम केवल गलत और झूठी जानकारियां प्रदेश के लोगों को दे रहे हैं.

गोविंद सिंह ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुक्खू पर निशाना साधते हुए कहा चुनाव के समय प्री-प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती केवल राजनीतिक लाभ के लिए की जा रही है. उन्होंने कहा भारत सरकार ने प्री-नर्सरी अध्यापकों के लिए दस हजार रुपये का मानदेय रखा है. यह इन शिक्षकों का दुर्भाग्य है कि सीधी भर्ती करवाने के बजाय यह सरकार इलेक्ट्रॉनिक डिपार्टमेंट कॉर्पोरेशन के माध्यम से भर्ती करवा रही है, जिससे 5% कमीशन यह कंपनी इन शिक्षकों से काटेगी और इन्हें केवल 6700 रुपये ही मिलेंगे.

पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने सुझाव दिया कि हिमाचल सरकार भी केंद्र सरकार की तर्ज पर प्री-नर्सरी टीचर्स के मानदेय में बढ़ोतरी के लिए अपना अंशदान दे, जिससे वे आर्थिक दृष्टि से और अधिक सुदृढ़ हो सकें. यह कदम शिक्षकों के मनोबल को बढ़ाएगा और उन्हें अपने कार्य को और अधिक समर्पण और उत्साह के साथ करने के लिए प्रेरित करेगा. वहीं, सरकार की इस पहल से शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा, जिससे छात्रों का भविष्य उज्जवल हो सकेगा.

ये भी पढ़ें: हिमाचल प्रदेश के सीपीएमजी अंबेश उपमन्यु सस्पेंड, हरियाणा सर्किल के मुखिया को सौंपा गया कार्यभार

कुल्लू: बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कांग्रेस की सुक्खू सरकार पर प्रारंभिक शिक्षा विभाग में आउटसोर्स के आधार पर प्री-प्राइमरी शिक्षक रखने के निर्णय पर विरोध जताया है.

पूर्व शिक्षा मंत्री ने कहा कांग्रेस पार्टी विधानसभा चुनाव से पहले अपने किए वायदों को भूल गई है. प्रदेश में सरकार बनने के बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में एक लाख युवाओं को नियमित आधार पर नौकरी देने का वायदा किया गया था, लेकिन रोजगार देना तो दूर उन्होंने पूर्व की जयराम सरकार के दौरान प्रदेशभर में आउटसोर्स के आधार पर विभिन्न विभागों में रखे गए 20 हजार से अधिक युवाओं को ही नौकरी से बाहर कर दिया.

गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा सुक्खू सरकार शिक्षा विभाग में प्री प्राइमरी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में दोहरा मापदंड अपना रही है. जिन युवाओं के पास दो साल का प्री-प्राइमरी शिक्षक कोर्स का डिप्लोमा होगा सरकार केवल उन्हीं शिक्षकों को नौकरी देगी. वहीं, जिनके पास एक साल का डिप्लोमा है, क्या उनको भी नौकरी पर रखा जाएगा?

पूर्व मंत्री ने कहा सीएम सुक्खू का गणित बड़ा कमजोर है. हिमाचल प्रदेश में नर्सरी टीचर ट्रेनिंग कोर्स का डिप्लोमा करने वाले अध्यापकों की संख्या 6297 नहीं बल्कि 800 से अधिक है. सीएम केवल गलत और झूठी जानकारियां प्रदेश के लोगों को दे रहे हैं.

गोविंद सिंह ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुक्खू पर निशाना साधते हुए कहा चुनाव के समय प्री-प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती केवल राजनीतिक लाभ के लिए की जा रही है. उन्होंने कहा भारत सरकार ने प्री-नर्सरी अध्यापकों के लिए दस हजार रुपये का मानदेय रखा है. यह इन शिक्षकों का दुर्भाग्य है कि सीधी भर्ती करवाने के बजाय यह सरकार इलेक्ट्रॉनिक डिपार्टमेंट कॉर्पोरेशन के माध्यम से भर्ती करवा रही है, जिससे 5% कमीशन यह कंपनी इन शिक्षकों से काटेगी और इन्हें केवल 6700 रुपये ही मिलेंगे.

पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने सुझाव दिया कि हिमाचल सरकार भी केंद्र सरकार की तर्ज पर प्री-नर्सरी टीचर्स के मानदेय में बढ़ोतरी के लिए अपना अंशदान दे, जिससे वे आर्थिक दृष्टि से और अधिक सुदृढ़ हो सकें. यह कदम शिक्षकों के मनोबल को बढ़ाएगा और उन्हें अपने कार्य को और अधिक समर्पण और उत्साह के साथ करने के लिए प्रेरित करेगा. वहीं, सरकार की इस पहल से शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा, जिससे छात्रों का भविष्य उज्जवल हो सकेगा.

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Last Updated : Jul 5, 2024, 5:13 PM IST
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