माननीय राज्यसभा में लखनऊ विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाए जाने के संबंध में अपने विचार प्रस्तुत किए।@narendramodi @JPNadda @AmitShah @blsanthosh @myogiadityanath @idharampalsingh @pmoindia @BJP4India @BJP4UP pic.twitter.com/Vagx30YmFr
— Dr Dinesh Sharma BJP (@drdineshbjp) July 25, 2024
लखनऊः प्रदेश के सबसे पुराने विश्वविद्यालय में शामिल लखनऊ विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने की मांग एक बार फिर उठी है. हालांकि यह मुद्दा काफी पुराना है और शिक्षक संघ कई बार इसे उठा चुका है, लेकिन इस बार विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने की मांग प्रदेश के पूर्व डिप्टी सीएम व राज्यसभा सदस्य डॉ. दिनेश शर्मा ने राज्यसभा में उठाई है. उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने के लिए शून्य काल में राज्यसभा में प्रस्ताव दिया था.
राज्यसभा के सभापति हरिवंश के समक्ष एलयू को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा देने की मांग करते हुए डॉ. शर्मा ने कहा कि यह प्रदेश के पुरातन विश्वविद्यालय में शामिल है. यहां पर कई देशों के छात्र आकर अध्ययन करते हैं. साथ ही इस विश्वविद्यालय ने कई नामचीन हस्तियों को दिया है. जिसमें देश के पूर्व राष्ट्रपति स्व. डॉ. शंकर दयाल शर्मा से लेकर कई लोगों के नाम शामिल हैं. इस विश्वविद्यालय ने देश को कई राजनेता, शिक्षाविद् और साइंटिस्ट दिए हैं. इसके साथ ही यहां से पढ़कर निकले छात्र कई देशों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. विवि का विस्तार कई जिलों में होने से यहां पर लाखों छात्र अध्ययन कर रहे हैं. साथ ही विवि ने कई अंतराराष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धियां हासिल की है. ऐसे में विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देना चाहिए ठीक है.
ज्ञात हो कि 2014 से पहले विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ऐसे विश्वविद्यालय जो 100 वर्ष की आयु पूरा कर लेते थे, उन्हें केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान कर देता था, पर 2014 के बाद से इस प्रक्रिया को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने समाप्त कर दिया. लखनऊ विश्वविद्यालय साल 2020 में 100 वर्ष पूरा करने वाला प्रदेश का चौथा विश्वविद्यालय बन गया. इससे पहले इलाहाबाद विश्वविद्यालय और अलीगढ़ विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी 100 साल पूरा कर चुके थे. पर नियम में संशोधन होने के कारण लखनऊ विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा नहीं मिल पाया था. जिसके बाद से लगातार लखनऊ विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाए जाने की मांग की जा रही थी.