रांची: जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को शनिवार को ईडी दफ्तर लाया गया है. पूर्व सीएम से पूछताछ के लिए विशेष अदालत ने पांच दिन का रिमांड मंजूर किया था, शनिवार को रिमांड का पहला दिन है.
कड़ी सुरक्षा के बीच लाया गया हेमंत सोरेन को: ईडी के अधिकारियों ने पूर्व सीएम से पूछताछ करने के लिए पूरी तैयारी की है, सूचना के मुताबिक जेल से लाने के बाद हेमंत सोरेन की मेडिकल जांच करवाई गई और उसके बाद ही पूछताछ की प्रक्रिया शुरू की गई. इससे पहले रिमांड के पहले दिन पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार से कड़ी सुरक्षा के बीच एजेंसी के एयरपोर्ट रोड स्थित जोनल कार्यालय लाया गया. ईडी दफ्तर में ही पूर्व सीएम का मेडिकल चेकअप भी किया गया. जमीन घोटाले में पूर्व सीएम हेमंत सोरेन पांच दिनों तक पूछताछ करेगी. शुक्रवार को ईडी की विशेष अदालत ने ईडी के दलील के बाद पूछताछ के लिए 5 दिन का रिमांड मंजूर किया था.
बुधवार को हुई थी गिरफ्तारी: गौरतलब है कि ईडी ने बुधवार की रात हेमंत सोरेन को रांची जमीन घोटाले में पूछताछ के बाद सीएम आवास से ही गिरफ्तार कर लिया था. गिरफ्तारी के बाद गुरुवार की दोपहर हेमंत सोरेन को ईडी की विशेष अदालत में पेश किया गया था, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार भेज दिया गया था.
भानु प्रताप की मदद से जमीन के दस्तावेजों में हेरफेर: ईडी ने अदालत को दिए अपने रिमांड पिटिशन में बताया है कि बड़गाई अंचल के गिरफ्तार राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप के पास से जमीन की ओरिजिनल रजिस्टर उसके घर से बरामद हुआ था. भानु प्रताप प्रसाद के मोबाइल की जांच की गई थी, जांच में यह बात सामने आयी थी कि भानु ने साजिश रचकर जमीन के ओरिजनल रजिस्टर में हेरफेर कर हेमंत सोरेन के नाम की एंट्री करने की साजिश रची थी. लेकिन ईडी ने इससे पहले ही कार्रवाई कर दी, जिसके बाद जमीन हेमंत सोरेन के कब्जे में होने के बाद भी उनके नाम पर दर्ज नहीं हो पायी.
ईडी ने लिखा है कि भानुप्रताप प्रसाद ने ओरिजनल रजिस्टर अपने पास ही रखा था ताकि जमीन की गलत एंट्री कर जमीन लूट की जा सके. इस सिंडिकेट में कई अन्य लोगों की संलिप्तता के साक्ष्य भी मिले थे. ईडी ने कोर्ट को बताया है कि सेना की जमीन घोटाले की जांच के दौरान भानु प्रताप प्रसाद के यहां 13 अप्रैल 2023 को छापा पड़ा था, तब कई ट्रंक में दस्तावेज भानु प्रताप के घर से मिले थे. इस मामले में ईडी की सूचना पर एक जून 2023 को सदर थाने में केस दर्ज कराया गया था. इसी आधार पर ईडी ने जमीन घोटाले का केस दर्ज किया, जिसमें हेमंत सोरेन की भूमिका सामने आयी.
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