भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने आगामी लोकसभा के लिए चुनाव मैदान में उतरने से इनकार कर दिया है. दिग्विजय सिंह ने कहा है कि उनके चुनाव लड़ने का कोई सवाल ही नहीं उठता, क्योंकि अभी मैं राज्यसभा का सदस्य हूं और इसका कार्यकाल खत्म होने में अभी करीब सवा दो साल का वक्त बाकी है. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश के दिग्गज नेताओं को चुनाव मैदान में उतारे जाने को लेकर रणनीति बनाई जा रही है. दिग्विजय सिंह को भोपाल या राजगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारे जाने को लेकर चर्चा चल रही थी.
राजगढ़ में चुनाव की तैयारी के दौरान दिया बयान
लोकसभा चुनाव को लेकर राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में संगठन की समीक्षा करने खिलचीपुर पहुंचे. दिग्विजय सिंह मीडिया से चर्चा के दौरान सवाल किया गया कि राजगढ़ लोकसभा सीट से कांग्रेस का उम्मीदवार कौन होगा. जवाब में दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह पार्टी ही तय करेगी, लेकिन मेरे चुनाव लड़ने का सवाल इसलिए नहीं आता, क्योंकि मैं राज्यसभा का सदस्य हूं और अभी सभा 2 साल मेरे पास है. दिग्विजय सिंह के बयान के बाद उनके भोपाल या राजगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की चर्चाओं पर विराम लग गया है.
2019 में भोपाल से उतरे थे चुनाव मैदान में
दिग्विजय सिंह ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में बीजेपी की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर से चुनाव हार गए थे. 2019 में वे 10 साल बाद चुनाव मैदान में उतरे थे. 2003 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद दिग्विजय सिंह ने 10 साल तक कोई भी चुनाव न लड़ने का ऐलान किया था. आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा पार्टी के सीनियर नेताओं को चुनाव मैदान में उतारे जाने को लेकर रणनीति बनाई जाने के बाद चर्चा चल रही थी कि पार्टी दिग्विजय सिंह को एक बार फिर भोपाल लोकसभा सीट या राजगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतार सकती है.
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भोपाल बीजेपी की सबसे मजबूत सीटों में से एक
विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस लोकसभा चुनाव में पलटवार की तैयारी में जुटी है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभालने के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी लोकसभा चुनाव में बड़े चेहरों को मैदान में उतरने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से सिर्फ छिंदवाड़ा को छोड़ सभी 28 सीटें बीजेपी के खाते में गई थी.