जयपुर. न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का कानून बनाने की मांग को लेकर दिल्ली कूच कर रहे किसानों पर पुलिस की कार्रवाई को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इसे असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा बताया है. अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "एक तरफ केंद्र सरकार चौधरी चरण सिंह एवं एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देती है और दूसरी तरफ इन्हीं दो को आदर्श मानकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाने की मांग कर रहे किसानों पर आसूं गैस और वॉटर कैनन चला रही है. यह असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा है."
सीएम थे तो खुद वकालत करते थे मोदी : अशोक गहलोत ने इस पोस्ट में आगे लिखा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब खुद एमएसपी कानून की वकालत करते थे. अब वो एमएसपी की मांग करने वाले किसानों को शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन भी नहीं करने देना चाहते. यह किसानों के मुद्दों पर एनडीए सरकार का दोहरा चरित्र दिखाता है."
कांग्रेस देगी एमएसपी की गारंटी : किसानों की न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग का समर्थन करते हुए अशोक गहलोत ने लिखा, "कांग्रेस पूरी तरह किसानों के पक्ष में खड़ी है. आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने घोषणा की है कि केंद्र में सरकार बनने पर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक एमएसपी की गारंटी देंगे. यह कदम किसान परिवारों की समृद्धि के लिए बेहद जरूरी है."
जिंदा होते तो चरण सिंह लौटा देते सम्मान : किसानों के समर्थन में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया कि, "चौधरी चरण सिंह अगर जिंदा होते तो, किसान से क्रूरता देखकर भारत रत्न लौटा देते. शर्मनाक. पूंजीपतियों के लिए रेड कार्पेट बिछाने वाली भाजपा सरकार किसानों पर आंसू गैस के गोले और लाठियां बरसा रही है. प्रधानमंत्री जी, आप किस मुंह से किसान हितों की बात करते हो ?."
किसानों से हिंसक बर्ताव शर्मनाक : नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी किसानों के साथ पुलिस के बर्ताव की निंदा की है. उन्होंने पोस्ट किया कि, "पंजाब हरियाणा बॉर्डर पर किसानों के ऊपर आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं. पिछले आंदोलन में 750 किसानों की जान गई थी. मजबूर होकर झुकी सरकार ने किसानों से कई वादे किए थे, जो आजतक पूरे नहीं किए. अब किसान आवाज उठा रहे हैं तो उनके साथ क्रूरता बरती जा रही है. देश के किसानों के साथ यह हिंसक व्यवहार बेहद शर्मनाक है. देश की जनता ये अन्याय देख रही है."