पटना: आरजेडी के पूर्व सांसद बुलो मंडल ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ आने का ऐलान किया है. जेडीयू में गुरुवार को मिलन समारोह का आयोजन किया गया है. जहां पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, मंत्री विजय कुमार चौधरी और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा की मौजूदगी में बुलो मंडल 'तीर' थामेंगे.
आरजेडी को झटके पर झटका: बुलो मंडल भागलपुर से आरजेडी के सांसद रह चुके हैं. ऐसे में राष्ट्रीय जनता दल के लिए यह बड़ा झटका है. लोकसभा चुनाव को लेकर लगातार नेताओं का दल बदल हो रहा है. राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवेंद्र प्रसाद यादव ने भी आरजेडी छोड़ने का फैसला किया है. इससे पहले पूर्व राज्यसभा सांसद अशफाक करीम भी जेडीयू में शामिल हुए थे.
टिकट नहीं मिलने से बुलो मंडल नाराज: माना जा रहा है कि भागलपुर लोकसभा सीट से टिकट नहीं मिलने के कारण बुलो मंडल नाराज हैं. इस बार यह सीट कांग्रेस के हिस्से में गई है. बुलो मंडल 2014 में इस सीट से लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं. हालांकि 2019 में उनको अजय मंडल से हार का सामना करना पड़ा था. इस बार भी वह चुनाव लड़ना चाहते थे.
अजय मंडल के लिए राह आसान: भागलपुर में जेडीयू ने अजय मंडल को फिर से चुनाव मैदान में उतारा है. वहीं महागठबंधन की तरफ से अजीत शर्मा कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. बुलो मंडल के जेडीयू में आ जाने के बाद भागलपुर में जेडीयू की स्थिति मजबूत हो जाएगी. अजय मंडल लगातार भागलपुर से चुनाव जीत रहे हैं लेकिन इस बार कांग्रेस के दिग्गज अजीत शर्मा की उन्हें चुनौती मिली है, इसलिए लड़ाई कांटे की है. जेडीयू विधायक गोपाल मंडल भी भागलपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया है. जिस वजह से उनमें भी नाराजगी है. हालांकि खुलकर उन्होंने कोई विरोध नहीं किया है.
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