गिरिडीह: जेएसएफसी के गोदाम में सरकारी अनाज का वजन, वजन करने के बाद डोर स्टेप डिलवरी (डीएसडी) के वाहन में चढ़ाने का काम सहायक गोदाम प्रबंधक (एजीएम) के जिम्मे है. यहां अनाज वजन करने का काम एजीएम करते हैं और इस दौरान डीएसडी के संवेदक को उपस्थित रहना अनिवार्य है. यहां के अनाज को जन वितरण प्रणाली के डीलर के पास अनाज पहुंचाने का काम डीएसडी संवेदक का रहता है. बड़ी बात यह है कि गोदाम के अंदर सिर्फ और सिर्फ एजीएम और डीएसडी संवेदक को ही रहना है. इसके अलावा बाहरी को यहां मौजूद नहीं रहना है. इसे लेकर झारखंड राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम लिमिटेड द्वारा आदेश भी जारी किया जा चुका है.
गोदाम से एजीएम व डीएसडी संवेदक के लापता रहने बाहरियों द्वारा अनाज को वजन कराने फिर वाहन पर लोड करवाने की शिकायत पहले भी निगम के प्रबंध निदेशक को मिलती रही है. इसी के आलोक में 5 दिसम्बर 2022 को प्रबंध निदेशक द्वारा सभी जिले के आपूर्ति पदाधिकारी सह जिला प्रबंधक को यह निर्देश दिया गया था कि किसी भी परिस्थिति में जेएसएफसी के गोदाम के अंदर एजीएम को उपस्थित रहना है. इनके अलावा अनाधिकृत व्यक्तियों का प्रवेश वर्जित रखने का निर्देश दिया गया था.
2022 के इस पत्र में यह भी कहा गया था कि गोदाम में अनाधिकृत व्यक्तियों द्वारा कार्य किए जाने से खाद्यान्न की कालाबाजारी के साथ-साथ जन वितरण प्रणाली दुकानदारों से अवैध वसूली या कम खाद्यान्न भी दिया जाता होगा. कहा गया था कि इस तरह का मामला काफी गंभीर हैं और ऐसी स्थिति में ठोस कार्रवाई की जानी चाहिए. अनाधिकृत व्यक्तियों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज भी होनी चाहिए.
सख्त आदेश के बावजूद ऐसी हिमाकत
झारखंड राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम लिमिटेड का यह पत्र बताता है कि निगम ऐसे मामले पर सख्ती दिखाता रहा है. इसके बावजूद गिरिडीह के गोदाम के अंदर अनाधिकृत व्यक्ति न सिर्फ खाद्यान्न का वजन करवाते पकड़े गया बल्कि यह बात भी सामने आया कि सहायक प्रबंधक छात्र से काम करवा रहा था.
किसकी है शह
आखिर सवाल उठता हैं कि एजीएम खुद ही इस तरह का निर्णय लेकर कार्य करवा रहा था या किसी की शह है. सवाल यह उठता है कि गोदाम के अंदर पाया गया छात्र नाबालिग है तो इस विषय पर भी बाल संरक्षण से जुड़े पदाधिकारी क्या कर रहे हैं. क्या ऐसी हिमाकत कोई आम व्यक्ति या दुकानदार करता तो उसपर कार्रवाई नहीं होती. आखिर जब निगम ने ऐसे मामले में प्राथमिकी की बात कह रखी है तो विभाग सिर्फ जांच की बात क्यों कह रहा है. मामले को सामने लाने वाले उप प्रमुख कुमार सौरव कहते हैं कि इसकी शिकायत डीसी से की गई है और उम्मीद है कि कड़ी कार्रवाई जरूर होगी.
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