हल्द्वानी: दीपावली और सर्दियों के मौके पर जंगलों में वन्य जीव तस्कर सक्रिय हो जाते हैं. जिसको देखते हुए वन विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है. कुमाऊं मंडल के सबसे बड़े तराई पूर्वी वन प्रभाग अंतर्गत वन और वन्यजीवों की शिकार और तस्करी रोकने के लिए वन विभाग ने कमर कस ली है. जिसके तहत फील्ड कर्मचारियों की छुट्टी को भी रद्द कर दिया है. इसके अलावा वन विभाग की टीम रात्रि गस्त को भी बढ़ा दिया है.
प्रभागीय वनाधिकारी तराई पूर्वी वन प्रभाग हिमांशु बागड़ी ने बताया कि दीपावली और ठंड के मौसम में जंगलों में वन्य जीव और लकड़ी तस्करी की अधिक संभावना पड़ जाती है. जिसको देखते हुए फील्ड कर्मियों को अलर्ट किया गया है. दीपावली पर उल्लू की तस्करी की अधिक संभावना बनी रहती है, जिसको देखते हुए रात्रि गश्त को अधिक मजबूत किया गया है.
फील्ड कर्मचारियों को विपरीत परिस्थितियों में छुट्टी दी जाएगी. वन विभाग की टीम द्वारा संभावित इलाकों में गश्त की जा रही है. दीपावली और सर्दियों के मौसम में वन्यजीवों के शिकार की घटनाएं आम तौर पर सामने आती रहती हैं. हालांकि शिकारियों की कई वारदातें वन महकमे की सक्रियता के चलते नाकाम हो जाती हैं.
वन विभाग की सीमाओं पर कर्मियों की मुस्तैदी बढ़ा दी गई है. बताया कि तराई का जंगल उत्तर प्रदेश की सीमा से लगा हुआ क्षेत्र है, जहां वन विभाग की अतिरिक्त गश्ती दल उत्तर प्रदेश के लगे सीमा क्षेत्र के जंगलों में विशेष निगरानी रख रहे हैं. उत्तराखंड अंतरराष्ट्रीय सीमा नेपाल से जुड़ा हुआ है और ऐसे में उत्तराखंड के जंगल वन्यजीवों की तस्करी के लिहाज से संवेदनशील हैं.
डीएफओ हिमांशु बागड़ी ने बताया कि जंगलों से वन्यजीवों की तस्करी का कोई मामला सामने आता है तो उक्त क्षेत्र के रेंज अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. ऐसे में सभी रेंज अधिकारियों को अलर्ट पर रहने के निर्देश जारी किए गए हैं.
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