देहरादून: उत्तराखंड ही नहीं देशभर में चर्चाएं बटोरने वाले कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध पेड़ कटान मामले पर ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने सक्रियता दिखाई है. ईटीवी भारत ने ईडी की इस चिट्ठी को लेकर खबर प्रकाशित की तो विभाग में हड़कंप मच गया. खास बात ये है कि अब वन मंत्री सुबोध उनियाल ने ईटीवी भारत के कैमरे पर ईडी की इस चिट्ठी के मिलने की पुष्टि कर दी है. इतना ही नहीं उन्होंने ये भी स्पष्ट कर दिया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बिना अप्रूवल के करोड़ों के जो काम किए गए और पेड़ काटे जाने की जो बात सामने आई, उस पर दोषी अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा.
दरअसल, डायरेक्टर जनरल फॉरेस्ट भारत सरकार के अध्यक्षता में जो जांच पूर्व में की गई थी, उसमें 8 अधिकारियों के नाम समेत गलत निर्णय और काम किए जाने के लिए जिम्मेदार माना गया था. बड़ी बात ये है कि इन्हीं अधिकारियों की वित्तीय सूचना को लेकर ईडी (ED) ने जानकारी मांगी है. वन मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि कानून के हाथ लंबे होते हैं और इसमें गड़बड़ी करने वाला कोई अधिकारी नहीं बचेगा. साथ ही कहा कि सरकार इस मामले को लेकर गंभीर थी और इसके लिए विजिलेंस जांच के आदेश भी किए गए थे.
वहीं, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के इस मामले को लेकर पहले ही सीबीआई जांच के आदेश हाईकोर्ट ने दे दिए हैं. इस पर फिलहाल सीबीआई जांच कर रही है. उधर, दूसरी तरफ ईडी के सक्रिय होने से अब यह मामला तूल पकड़ने लगा है. बड़ी बात ये है कि वित्तीय गड़बड़ियों की जांच को यदि ईडी तेजी से आगे बढ़ाती है तो इसमें कई खुलासे भी हो सकते हैं. फिलहाल ईडी को भी इन अधिकारियों की सूचनाओ का इंतजार है, जिसके लिए उत्तराखंड शासन को निर्णय लेना है.