रुद्रप्रयाग: जनपद के जंगलों में लगातार आग धधक रही है. आग लगने के कारण आसमान में धुंध छाई हुई है. जंगलों में लगी आग विकराल रूप लेती जा रही है. अभी तक रुद्रप्रयाग जनपद में 52 वनाग्नि की घटनाएं सामने आ चुकी हैं और करीब 39 हेक्टेयर वन भूमि जलकर राख हो गई हैं. वन विभाग की ओर से आग पर काबू पाने के प्रयास तो किये जा रहे हैं, लेकिन आग पर काबू नहीं पाया जा रहा है.
रुद्रप्रयाग के जंगल लगातार आग की चपेट में आते जा रहे हैं. वनों में लगी आग के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लगातार वनाग्नि की घटनाएं बढ़ रही हैं. वन विभाग भी आग पर काबू पाने में विफल हो रहा है. आग लगने से प्राकृतिक वन संपदा जलकर राख हो रही है. रुद्रप्रयाग जनपद के भीतर 39 हेक्टेयर वन भूमि जलकर स्वाहा हो गई है. पूरे जनपद में वनाग्नि की अलग-अलग स्थानों पर 52 घटनाएं हुई हैं. वन विभाग ने आग लगाने वाले तीन लोगों को भी मौके से गिरफ्तार किया है. जिले के हरियाली वैली में तीन दिनों से आग लगी हुई है.
यहां चारों तरफ छाई धुंध के कारण आसपास के गांव भी नहीं दिखाई दे रहे हैं. शरारती तत्वों की ओर से हरियाली वैली में आग लगाये जाने से मिश्रित वनों को भी नुकसान पहुंच रहा है. पर्यावरणविद देवराघवेन्द्र बद्री ने बताया कि हरियाली वैली में आग लगने से तापमान में वृद्धि देखने को मिल रही है. बांज के मिश्रित जंगल भी आग की चपेट में हैं. इनके आसपास के पेयजल स्त्रोत सूख रहे हैं. विजिबिलिटी की समस्या क्षेत्र में बनी हुई है. श्वास लेने में लोगों को दिक्कतें हो रही हैं. उन्होंने कहा कि वन विभाग को जंगलों में आग लगाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है.
रुद्रप्रयाग वन प्रभाग के डीएफओ अभिमन्यु सिंह का कहना है कि मौसम शुष्क रहने के कारण अत्यधिक वनाग्नि की घटनाएं घटित हो रही हैं. अभी तक जनपद में 52 आग की घटनाएं घटी हैं, जिससे 39 हेक्टेयर वन जलकर राख हो गये हैं. वन विभाग लगातार आग बुझाने का प्रयास कर रहा है और आम जनता को भी वनों में आग न लगाने के लिये जागरूक किया जा रहा है.
बागेश्वर में मंदिर में लगी आग: बागेश्वर शामा तहसील के लाथी गांव में वनाग्नि से क्षेत्र का सबसे पुराना बंजैंण मंदिर जलकर राख हो गया है. इस घटना में मंदिर में रखे सारे बर्तन जलकर राख हो गए हैं. इसके अलावा करीब सात तोला सोना भी आग की भेंट चढ़ गया. ग्रामीणों बताया कि इस अग्निकांड में दस लाख रुपये का नुकसान हुआ है. ग्रामीणों ने प्रशासन से इसकी भरपाई की मांग की है.