रुद्रप्रयाग: जिले के जंगल आग से धधक रहे हैं, जो जंगलों में आग लगाकर पर्यावरण को प्रदूषित करने में लगे हुए हैं. वनाग्नि को कम करने के लिए वन विभाग भी लगातार कार्रवाई कर रहा है. इसी क्रम में भरदार पट्टी के गांव कांडा में ग्रामीण एक महिला द्वारा अपने खेतों में आग लगाई थी, जिससे जंगल में आग फैल गई. इस संबंध में वन विभाग को सूचना दी गई. वहीं, सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाते हुए महिला के खिलाफ केस दर्ज किया.
प्रभागीय वनाधिकारी अभिमन्यु ने बताया कि जिले के जंगलों में असामाजिक तत्व आग लगाने का काम कर रहे हैं. उन्हें नहीं पता कि इस आग के कारण लाखों की वन संपदा को नुकसान पहुंच रहा है, जबकि प्राकृतिक स्रोत भी इससे प्रभावित हो रहे हैं. एक ओर बारिश नहीं हो रही है, जिससे पानी का संकट बना हुआ है. उन्होंने कहा कि इन असामाजिक तत्व के जंगलों में आग लगाने से पर्यावरण को नुकसान पहुंचने के साथ-साथ वन्य जीव-जंतुओं का अस्तित्व भी संकट में है.
प्रभागीय वनाधिकारी ने बताया कि स्थानीय लोगों से जंगलों को आग से बचाने और खेतों में आग जलाते समय सावधानी बरतने की अपील की गई है. उन्होंने कहा कि प्रभाग के अंदर जंगलों में आग लगाने वालों को पकड़ने के लिए उड़न दस्ता और दक्षिणी जखोली की टीम पैनी नजर बनाए हुए है. अब तक चार व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा चुका है, जबकि 20 मुकदमों में जांच चल रही है.
कुमाऊं में धधक रहे जंगल: बता दें कि नैनीताल के पहाड़ी क्षेत्र के जंगलों में भीषण आग लगी हुई है, जिसे बुझाने के लिए वन विभाग और दमकल कर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी. वहीं बीते दिनों आग पर काबू पाने के लिए वायुसेना ने अपने एमआई-17 हेलीकॉप्टर के जरिए आग पर काबू पाया गया. जंगलों की आग से अब तक पहाड़ों के हजारों हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो गए हैं. इसके अलावा जंगलों में लगी आग से उठ रहे धुंए से लोगों को आंखों में जलन की समस्या से जूझना पड़ रहा है.
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