कानपुर: कुछ दिनों पहले गोविंदपुरी स्टेशन से भीमसेन के बीच झांसी अपलाइन ट्रैक पर साबरमती एक्सप्रेस के बीच डिब्बे डिटेल हो गए थे. इस मामले की चर्चा पूरे देश में हुई थी. जिसके बाद रेलवे, एटीएस, पुलिस व फोरेंसिक टीम के अफसरों ने डिरेल होने का कारण पता लगाने के लिए अपनी ओर से कवायद शुरू कर दी थी. इसी मामले में मंगलवार को लखनऊ से स्टेट फॉरेंसिक टीम के अफसर पहुंचे और 400 मीटर ट्रैक का निरीक्षण किया. फॉरेंसिक टीम के विशेषज्ञों ने ट्रैक पर एक भारी बोल्डर को रखकर देखा गया कि क्या इससे ट्रेन डिरेल हो सकती है. इसके अलावा पटरी के आसपास उन वस्तुओं को भी तलाशा, जिससे ट्रेन के डिरेल होने की संभावना हो सकती थी.
रेलवे ट्रैक का निरीक्षण करते स्टेट फॉरेंसिक टीम के अधिकारी. (Photo Credit; Commissionerate Media Cell) आसपास के लोगों से की पूछताछ: 17 अगस्त की अल सुबह 2.35 बजेकानपुर में साबरमती एक्सप्रेस के 20 डिब्बे पटरी से उतरे थे तो एटीएस ने आसपास के कई लोगों से पूछताछ शुरू कर दी थी. तीसरे दिन तक भी एटीएस के अफसरों ने यह क्रम जारी रखा. हालांकि अभी तक उन्हें कोई ठोस सफलता नहीं मिली है. वहीं, पुलिस के भी हाथ भी इसलिए खाली हैं. क्योंकि जिस जगह पर हादसा हुआ था उसके अगल-बगल जंगलनुमा क्षेत्र है और पुलिस को किसी तरीके का कोई सीसीटीवी फुटेज या कोई दूसरा सबूत नहीं मिल रहा है. ऐसे में अब पुलिस और खुफिया एजेंसी के अफसर हादसे का कारण पता लगाने के लिए लगातार आसपास के लोगों से ही पूछताछ कर रहे हैं.
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