मंडी: जिला मंडी के सरकाघाट में तथाकथित गोली लगने से युवती के घायल होने के मामले में सोमवार को फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल का दौरा कर साक्ष्य जुटाए हैं. साथ ही फॉरेंसिक टीम ने मौके से बंदरों को भगाने के लिए इस्तेमाल होने वाले एक इम्प्रोवाइज्ड हथियार को भी जांच के लिए भेज दिया है. फोरेंसिक टीम के साथ डीएसपी सरकाघाट संजीव गौतम भी पुलिस टीम के साथ कठोगण गांव पहुंचे और करीब 6 से 7 लोगों के बयान दर्ज किए.
हेड कांस्टेबल पर आरोप
गौरतलब है कि युवती पर गोली चलाए जाने के मामले में पुलिस ने पहले अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. वहीं, अब घायल युवती के परिजनों ने हिमाचल प्रदेश पुलिस के हेड कांस्टेबल मनोज ठाकुर पर गोली चलाने के आरोप लगाए हैं. पुलिस ने परिजनों के बयान भी दर्ज कर लिए हैं. वहीं, युवती के परिजनों द्वारा लगाए गए इन आरोपों को मनोज ठाकुर पहले ही पूरी तरह से नकार चुके हैं और जांच में सहयोग देने की भी बात कह चुके हैं.
युवती की मां के आरोप
युवती के परिजनों ने पुलिस हेड कांस्टेबल पर आरोप लगाते हुए कहा कि बंदरों को भगाने के लिए मनोज ठाकुर ने फायर किया था. इसी फायर में उनकी बेटी घायल हुई है. इसके अलावा घायल युवती की माता मंशा देवी ने सोशल मीडिया में वायरल हो रहे वीडियो में हेड कांस्टेबल मनोज ठाकुर पर और भी गंभीर आरोप लगाए हैं. वहीं, इस घटना में घायल हुई युवती प्रोमिला का पीजीआई चंडीगढ़ में इलाज चल रहा है.
![MANDI FIRING CASE](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11-02-2025/23517736_1.jpg)
डीएसपी सरकाघाट संजीव गौतम ने बताया, "परिजनों की ओर से दूसरी बार दिए गए बयानों के अनुसार और लगाए गए आरोपों के आधार पर पुलिस ने जांच आगे बढ़ाई है. जिसमें सोमवार को फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल का दौरा भी किया है. पुलिस ने भी मौके पर मौजूद 6 से 7 लोगों के बयान दर्ज किए हैं. घटना को लेकर आसपास के लोगों से भी पूछताछ की गई है. मामले में आगामी कार्रवाई जारी है."