नई दिल्ली: भारतीय चिकित्सा और डॉक्टरों ने अक्सर अपनी कौशलता का परिचय देते हुए ऐसा काम कर दिखाया है कि इलाज कराने वाले उनके कायल हो जाते है. ऐसा ही एक मामला फैबियन लेंट्सच का है, जो आस्ट्रिया के फ्री राइडर और रेड बुल एथलीट हैं. ये फिल्म निर्माता भी हैं, जिनकी हिमालय में पैराग्लाइडिंग के दौरान रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट आई और वो पैरलाइसिस के शिकार हो गए. लेकिन दिल्ली के एक निजी अस्पताल के स्पाइन सर्जन डॉ. एचएस छाबड़ा ने इन्हें वो इलाज और मनोबल दिया कि आज वो अब अपनी जिंदगी समान्य तरीके से जी रहे हैं. आइए जानते हैं इनकी कहानी इनकी ही जुबानी...
फैबियन लेंट्सच की जिनकी उम्र 29 साल की है. ये बड़े पहाड़ों के फ्री राइडर और रेड बुल एथलीट के रूप में जाने जाते हैं. ये फिल्म निर्माता भी हैं, जिनकी हिमालय में पैराग्लाइडिंग के दौरान रीढ़ की हड्डी में एक्सीडेंट के कारण गंभीर चोट आई थी. इसके कारण उन्हें व्हीलचेयर पर रहना पड़ा. दिल्ली के एक निजी अस्पताल ने इनके जीवन में नई आशा जगाई और उनका सफलतापूर्वक इलाज किया गया.
पीठ के मध्य में कशेरुका फटने से पैरालाइसिस के हुए शिकारः फिल्म निर्माता फैबियन 3 महीने की भारत यात्रा पर आए थे. वह हिमालय पर्वत पर ट्रैकिंग कर रहे थे, इस दौरान पैराग्लाइडिंग उड़ान के समय वो गंभीर दुर्घटना के शिकार हो गए. इस गंभीर दुर्घटना में उनकी पीठ के मध्य में एक कशेरुका फट गई, जिससे उनकी रीढ़ की हड्डी दब गई और परिणामस्वरूप वे पैरलाइसिस के शिकार हो गए. दुर्घटना के बाद फैबियन ने दिल्ली के एक निजी अस्पताल के स्पाइन सर्जन डॉ. एचएस छाबड़ा द्वारा रीढ़ की सर्जरी करवाई. डॉ. छाबड़ा की विशेषज्ञ देखभाल और मार्गदर्शन में फैबियन में काफी सुधार हुआ और उन्होंने चलना सीखा.
हुआ चमत्कारिक सुधारः अपने पैरों की ताकत को दोबारा वापस पाया और पहले के मुकाबले उनमें काफी ज्यादा सुधार हुआ. फिर वह अपने देश चले गए, परंतु डॉ. छाबड़ा के संपर्क में रहे. फैबियन द्वारा उनके ठीक होने की अविश्वसनीय यात्रा को दर्शाने के लिए गोल्डन स्माइल नामक डॉक्यूमेंट्री बनाई जा रही है. डॉक्यूमेंट्री का उद्देश्य ऐसे और भी लोगों को प्रेरित करना है और प्रोत्साहित करना है, जिन्होंने इस तरह की दर्दनाक घटना को झेला. एक से सात सितंबर तक चोट रोकथाम सप्ताह और 5 सितंबर को स्पाइनल कॉर्ड इंजुरी डे मनाया जाएगा.
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फैबियन ने डॉ. छाबड़ा का जताया आभारः डॉ. छाबड़ा का आभार व्यक्त करते हुए फैबियन ने कहा कि डॉ. छाबड़ा को उनकी असाधारण विशेषज्ञता, देखभाल और सहायता के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं. मुझे सच में विश्वास है कि उनकी विशेषज्ञता और समर्पण ने मेरे ठीक होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. यह यात्रा चुनौतीपूर्ण रही है, लेकिन मुझे जो दयालु देखभाल मिली, उसने सब कुछ बदल दिया. डॉ. छाबड़ा ने बताया कि फैबियन की रिकवरी अपने आप में असाधारण है. उन्होंने अपनी चुनौतियों का डटकर सामना किया, अपने रिहैबिलिटेशन के दौरान अविश्वसनीय धैर्य और सकारात्मक दृष्टिकोण दिखाया. उनकी कहानी विपरीत परिस्थितियों पर काबू पाने के लिए कई लोगों को प्रेरित करती है, जो इस तरह की चोटों का सामना करते हैं.