भरतपुर. संभाग के सबसे बड़े आरबीएम जिला अस्पताल के मुर्दाघर में वर्षों से सैकड़ों मौतों के राज कैद हैं. यहां पर दो साल से करीब 450 विसरा सैंपल जांच का इंतजार कर रहे हैं. सैकड़ों लोगों की मौत की सही वजह ही पता नहीं लग पा रही है. इनमें से अधिकतर अज्ञात मृतकों के विसरा सैंपल हैं. इस संबंध में अस्पताल प्रशासन द्वारा समय-समय पर पुलिस अधिकारियों को सूचित भी किया जाता है, लेकिन फिर भी मुर्दाघर में लगातार विसरा नमूनों की संख्या बढ़ती जा रही है. पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा का कहना है कि इस संबंध में जल्द ही निर्देश जारी किए जाएंगे.
जांच के इंतजार में 450 विसरा सैंपल : आरबीएम अस्पताल पीएमओ डॉ. जिज्ञासा साहनी ने बताया कि मोर्चरी में बीते करीब 2 साल के 450 विसरा नमूने सुरक्षित रखे हुए हैं. ये ऐसे विसरा नमूने हैं जिनको विभिन्न प्रकरणों में लिया जाता है, लेकिन पुलिस इनको जांच के लिए नहीं ले जाती. पुलिस जब इनको नहीं ले जाती तो हम इन नमूनों को मोर्चरी में ही सुरक्षित रख देते हैं. इस संबंध में पुलिस विभाग को समय-समय पर सूचित भी कर दिया जाता है.
डॉ. जिज्ञासा साहनी ने बताया कि हम इस संबंध में पुलिस अधीक्षक को भी सूचित करेंगे, यदि वो इनको नहीं ले जाते हैं तो एसपी की अनुमति से बायोमेडिकल वेस्ट के नियमों के तहत इनका निस्तारण करवाया जाएगा.
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क्या है विसरा सैंपल ? : डॉ. जिज्ञासा साहनी ने बताया कि किसी भी तरह की दुर्घटना या अन्य किसी घटना में किसी की मौत हो जाती है, तो पोस्टमार्टम के दौरान शव के लीवर, किडनी, आंत, तिल्ली, स्टॉमक के नमूने लिए जाते हैं और उनको प्रिजर्व किया जाता है. विसरा के नमूनों की एफएसएल जांच से मौत के कारण का पता चलता है.
वहीं, पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने इस संबंध में बताया कि समय-समय पर विसरा सैंपल का नियमानुसार निस्तारण किया जाता है. यदि व्यस्तता व अन्य किसी कारण से नमूनों का निस्तारण नहीं हुआ है, तो उसके लिए जल्द ही निर्देश जारी किए जाएंगे.