करनाल: श्रीमद्भागवत गीता को हिंदुओं का सबसे पवित्र ग्रंथ माना जाता है और हर कोई गीता में बताए गए मार्ग पर चलना चाहता है. यह पहली बार हो रहा है जब छात्र श्रीमद्भागवत गीता में एमए की डिग्री ले पाएंगे. इससे जहां लोगों मे गीता में बताए गए मार्ग पर चलने के लिए प्रेरणा मिलेगी तो वहीं आने वाले समय में इस विषय में डिग्री करने के बाद रोजगार के अवसर भी मिलेंगे.
इग्नू की पहल: इग्नू चंडीगढ़ के सहायक क्षेत्रीय निदेशक डॉ. नूरुल हसन ने बताया कि "इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी के द्वारा एक बहुत बड़ी पहल की गई है जिसके तहत एक नया मास्टर डिग्री कोर्स शुरू किया गया है. जहाँ पहले विद्यार्थी विभिन्न विषय में मास्टर डिग्री करते थे तो वहीं अब श्रीमद्भागवत गीता में मास्टर डिग्री करवाने के लिए इग्नू ने पहल की है. भारत ही नहीं विश्व में एकमात्र इग्नू ऐसा संस्थान है जहां पर पहली बार श्रीमद्भागवत गीता में हम मास्टर डिग्री करवाने जा रहे हैं. इग्नू की तर्ज पर आने वाले समय में दूसरे विश्वविद्यालय भी श्रीमद्भागवत गीता में मास्टर डिग्री करवाने के लिए शुरुआत कर सकते हैं".
श्रीमद्भागवत गीता में क्यों शुरू की गई मास्टर डिग्री?: डॉ. नूरुल हसन ने बताया कि "भारत के विभिन्न विश्वविद्यालय में गीता आंशिक रूप से पाठ्यक्रम में शामिल की गई है. विश्वविद्यालय के द्वारा उसका केवल सर्टिफिकेट कोर्स या फिर डिप्लोमा तक ही सीमित रखा गया है लेकिन इग्नू ने एक पहल करते हुए पहली बार श्रीमद् भागवत गीता में मास्टर डिग्री करने की शुरुआत की है. इस डिग्री को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि हमारी आने वाली पीढ़ियां और युवा पीढ़ी श्रीमद् भागवत गीता के बारे में जान सके और उसमें बताए गए बातों को अपने जीवन में उतार सके. ताकि उसके एक अच्छे व्यक्तित्व का निर्माण हो सके और वह समाज में एक अच्छा इंसान बन सके".
कितनी होगी फीस, कब तक करें अप्लाई?: डॉ. नूरुल हसन के अनुसार "मास्टर डिग्री मे प्रवेश के लिए आवेदन की प्रक्रिया जुलाई महीने से शुरू हो चुकी है जिसकी अंतिम तिथि 15 जुलाई रखी गई है लेकिन एडमिशन के लिए काफी डिमांड आ रही है इसलिए इसकी अंतिम तिथि को आगे बढ़ाया जा सकता है. इसमें जिस भी छात्र ने किसी भी विषय में बैचलर डिग्री की हुई है वह इसमें एडमिशन ले सकता है. यह डिग्री 2 साल की रहेगी लेकिन अगर किसी कारणवश कोई इसमें बीच में पेपर नहीं दे पाए तो वह 4 साल में अपने डिग्री पूरी कर सकता है. इसमें 1 साल की फीस 6300 रखी गई है जबकि दोनों सालों की फीस 12600 रखी गई है. जो भी इसमें दाखिला लेने का इच्छुक है वह ignu.ac.in पर जाकर अप्लाई कर सकता है. आने वाले समय में इसका विस्तार करते हुए विदेश में भी इस डिग्री को शुरू किया जाएगा".
इस डिग्री में क्या-क्या मिलेगा पढ़ने को?: इस डिग्री के माध्यम से गीता का परिचय और विषय प्रवेश , कर्म सन्यास , धर्म-कर्म और यज्ञ, आत्म संयम और ज्ञान विज्ञान, राज विद्या योग, विश्व रूप दर्शन एवं उपासना, विभूति योग, क्षेत्रज्ञ योग, श्रद्धा एवं मोक्ष सन्यासी योग, भगवत गीता, गीता परंपरा और अनुप्रयुक्त अध्ययन के साथ-साथ भविष्य टीका एवं अनुवाद परंपरा में निपुणता हासिल कर सकते हैं. इस प्रोग्राम का नाम एम.ए भागवत गीता अध्ययन रखा गया है. विश्वविद्यालय के द्वारा इसको फिलहाल हिंदी में ही पढ़ाया जाएगा लेकिन आने वाले समय में इंग्लिश मीडियम में भी पढ़ाई हो सकेगी.
मास्टर डिग्री से रोजगार के अवसर: डॉ. नूरुल हसन नेे बताया कि जहां श्रीमद् भागवत गीता में मास्टर डिग्री करने से गीता का ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे तो वहीं रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे. क्योंकि आने वाले समय में श्रीमद् भागवत गीता मास्टर डिग्री को अन्य विश्वविद्यालय भी शुरू करेंगे, ऐसे में वहां पर रोजगार मिलेंगे तो वहीं कुछ स्कूलों और संस्थाओं के द्वारा भी श्रीमद् भागवत गीता को पढ़ाया जाता है तो ऐसे में वहां पर भी टीचिंग के लिए रोजगार स्थापित होंगे. आने वाले समय में इसका एक सुनहरा भविष्य है.