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गढ़वा में सामुदायिक पुलिसिंग के तहत आयोजित फुटबॉल टूर्नामेंट का समापन, नक्सल प्रभावित क्षेत्र के युवाओं ने दिखाया खेल में कमाल - FOOTBALL TOURNAMENT

गढ़वा में पांच दिवसीय फुटबॉल टूर्नामेंट के समापन हो गया. फाइनल मैच काफी रोमांचक रहा. मैच का परिणाम जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.

Community Policing In Garhwa
जीत की ट्रॉफी के साथ विजेता टीम के खिलाड़ी. (फोटो-ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 16, 2025, 7:42 PM IST

गढ़वाः जिले में सामुदायिक पुलिसिंग के तहत आयोजित पांच दिवसीय फुटबॉल टूर्नामेंट का समापन गुरुवार को हो गया. अंतिम दिन के कार्यक्रम में पालमू रेंज के आईजी, गढ़वा एसपी, गढ़वा डीसी, सीआरपीएफ के अधिकारियों ने शिरकत की और खेल का आनंद उठाया.

बालक में चिनियां और बालिका में रामकंडा की जीत

फुटबॉल टूर्नामेंट बालिका विद्यालय गढ़वा के मैदान में खेला गया. जिसमें फाइनल मैच में बालक वर्ग की चिनियां टीम ने भंडारिया टीम को तीन-दो से हराकर जीत की ट्रॉफी अपने नाम की. वहीं बालिका वर्ग में रामकंडा और रंका टीम के बीच भिड़ंत हुई. जिसमें रामकंडा की टीम ने जीत हासिल की.

Community Policing In Garhwa
जीत की ट्रॉफी के साथ विजेता टीम के खिलाड़ी. (फोटो-ईटीवी भारत)

खिलाड़ियों को किया गया पुरस्कृत

फुटबॉल टूर्नामेंट के समापन के बाद अधिकारियों ने विजेता और उपविजेता टीमों को सम्मानित किया. बालक वर्ग की विजेता टीम को 11 हजार रुपये का नकद पुरस्कार और जीत की ट्रॉफी दी गई. वहीं उपविजेता टीम को 9 हजार का नकद पुरस्कार दिया गया. बालिका वर्ग की विजेता टीम को 8 हजार रुपये का चेक और उपविजेता टीम को 7 हजार रुपये का नकद इनाम दिया गया. वहीं टूर्नामेंट के बेस्ट प्लेयर, बेस्ट गोलकीपर, मैन ऑफ द मैच आदि श्रणियों में भी खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया गया.

बयान देते पलामू रेंज के आईजी सुनील भास्कर और गढ़वा डीसी शेखर जमुआर. (वीडियो-ईटीवी भारत)

आईजी ने की गढ़वा पुलिस की तारीफ

इस मौके पर पहुंचे पलामू के आईजी सुनील भास्कर ने गढ़वा पुलिस की तारीफ की. उन्होंने कहा कि सामुदायिक पुलिसिंग के तहत इतने वृहद पैमाने पर यह आयोजन कराया गया इसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है. उन्होंने कहा कि गढ़वा, पलामू और लातेहार पूर्व में नक्सल प्रभावित क्षेत्र के रूप में जाना जाता था. लेकिन आज हालत बदले हैं. यहां के युवा आज खेल में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं. पहले इन्हीं युवाओं को नक्सली अपने संगठन में शामिल किया करते थे, लेकिन पुलिस ने समन्वय स्थापित कर युवाओं को नक्सलियों की मांद से खींचकर मुख्यधारा में लाया है. यह प्रयास लगातार जारी रहेगा.

Community Policing In Garhwa
ट्रॉफी के साथ उपविजेता टीम के खिलाड़ी. (फोटो-ईटीवी भारत)

मुख्य धारा में रहकर युवा संवार रहे भविष्यः डीसी

वहीं उपायुक्त गढ़वा शेखर जमुआर ने कहा कि पुलिस और प्रशासन की यह एक अच्छी पहल है.सुदूरवर्ती इलाके में रहने के बाद भी युवा अच्छा खेल का प्रदर्शन कर रहे हैं. हमारा प्रयास है कि युवा वर्ग मुख्य धारा में रहकर अपने भविष्य को संवारने का काम करें.

Community Policing In Garhwa
ट्रॉफी के साथ उपविजेता टीम के खिलाड़ी. (फोटो-ईटीवी भारत)

कभी गढ़वा में थी नक्सलियों की धाक

आपको बता दें कि गढ़वा नक्सल प्रभावित जिलों में एक माना जाता रहा है. यहां कभी नक्सलियों का बोलबाला हुआ करता था. गढ़वा का कुछ प्रखंड ऐसे थे जहां नक्सलियों का शासन चलता था. ऐसे प्रखंडों में भंडारिया, रामकंडा, चिनियां, रंका और धुरकी प्रखंड शामिल हैं. नक्सली क्षेत्र के युवाओं को अपने संगठन में शामिल कराते थे, लेकिन समय बदला और इन क्षेत्रों के युवाओं की अब सोच भी बदल गई है. जो युवा पहले नक्सलियों के भय के साए में रहने को मजबूर थे, अब ओ खुले मैदान में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं.

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गढ़वाः जिले में सामुदायिक पुलिसिंग के तहत आयोजित पांच दिवसीय फुटबॉल टूर्नामेंट का समापन गुरुवार को हो गया. अंतिम दिन के कार्यक्रम में पालमू रेंज के आईजी, गढ़वा एसपी, गढ़वा डीसी, सीआरपीएफ के अधिकारियों ने शिरकत की और खेल का आनंद उठाया.

बालक में चिनियां और बालिका में रामकंडा की जीत

फुटबॉल टूर्नामेंट बालिका विद्यालय गढ़वा के मैदान में खेला गया. जिसमें फाइनल मैच में बालक वर्ग की चिनियां टीम ने भंडारिया टीम को तीन-दो से हराकर जीत की ट्रॉफी अपने नाम की. वहीं बालिका वर्ग में रामकंडा और रंका टीम के बीच भिड़ंत हुई. जिसमें रामकंडा की टीम ने जीत हासिल की.

Community Policing In Garhwa
जीत की ट्रॉफी के साथ विजेता टीम के खिलाड़ी. (फोटो-ईटीवी भारत)

खिलाड़ियों को किया गया पुरस्कृत

फुटबॉल टूर्नामेंट के समापन के बाद अधिकारियों ने विजेता और उपविजेता टीमों को सम्मानित किया. बालक वर्ग की विजेता टीम को 11 हजार रुपये का नकद पुरस्कार और जीत की ट्रॉफी दी गई. वहीं उपविजेता टीम को 9 हजार का नकद पुरस्कार दिया गया. बालिका वर्ग की विजेता टीम को 8 हजार रुपये का चेक और उपविजेता टीम को 7 हजार रुपये का नकद इनाम दिया गया. वहीं टूर्नामेंट के बेस्ट प्लेयर, बेस्ट गोलकीपर, मैन ऑफ द मैच आदि श्रणियों में भी खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया गया.

बयान देते पलामू रेंज के आईजी सुनील भास्कर और गढ़वा डीसी शेखर जमुआर. (वीडियो-ईटीवी भारत)

आईजी ने की गढ़वा पुलिस की तारीफ

इस मौके पर पहुंचे पलामू के आईजी सुनील भास्कर ने गढ़वा पुलिस की तारीफ की. उन्होंने कहा कि सामुदायिक पुलिसिंग के तहत इतने वृहद पैमाने पर यह आयोजन कराया गया इसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है. उन्होंने कहा कि गढ़वा, पलामू और लातेहार पूर्व में नक्सल प्रभावित क्षेत्र के रूप में जाना जाता था. लेकिन आज हालत बदले हैं. यहां के युवा आज खेल में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं. पहले इन्हीं युवाओं को नक्सली अपने संगठन में शामिल किया करते थे, लेकिन पुलिस ने समन्वय स्थापित कर युवाओं को नक्सलियों की मांद से खींचकर मुख्यधारा में लाया है. यह प्रयास लगातार जारी रहेगा.

Community Policing In Garhwa
ट्रॉफी के साथ उपविजेता टीम के खिलाड़ी. (फोटो-ईटीवी भारत)

मुख्य धारा में रहकर युवा संवार रहे भविष्यः डीसी

वहीं उपायुक्त गढ़वा शेखर जमुआर ने कहा कि पुलिस और प्रशासन की यह एक अच्छी पहल है.सुदूरवर्ती इलाके में रहने के बाद भी युवा अच्छा खेल का प्रदर्शन कर रहे हैं. हमारा प्रयास है कि युवा वर्ग मुख्य धारा में रहकर अपने भविष्य को संवारने का काम करें.

Community Policing In Garhwa
ट्रॉफी के साथ उपविजेता टीम के खिलाड़ी. (फोटो-ईटीवी भारत)

कभी गढ़वा में थी नक्सलियों की धाक

आपको बता दें कि गढ़वा नक्सल प्रभावित जिलों में एक माना जाता रहा है. यहां कभी नक्सलियों का बोलबाला हुआ करता था. गढ़वा का कुछ प्रखंड ऐसे थे जहां नक्सलियों का शासन चलता था. ऐसे प्रखंडों में भंडारिया, रामकंडा, चिनियां, रंका और धुरकी प्रखंड शामिल हैं. नक्सली क्षेत्र के युवाओं को अपने संगठन में शामिल कराते थे, लेकिन समय बदला और इन क्षेत्रों के युवाओं की अब सोच भी बदल गई है. जो युवा पहले नक्सलियों के भय के साए में रहने को मजबूर थे, अब ओ खुले मैदान में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं.

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